(आगरा ब्यूरो) ताजनगरी की कई पार्टियों में युवा अब विदेशी गांजे का नशा कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस के इनपुट पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) लखनऊ की टीम ने खंदारी स्थित शांति निकेतन अपार्टमेंट में रविवार रात छापा मारकर प्रापर्टी डीलर के बेटे आकाश गोयल को गिरफ्तार कर लिया। उसकी कार से कनाडियन गांजा बरामद हुआ है। आकाश पर आरोप है कि वह अपने मित्रों और परिचितों की पार्टियों में यह गांजा बेचता था। विदेशी गांजे की डील स्नैप चैट पर होती थी। पुलिस आरोपी से जुड़े अन्य लोगों के बारे में जानकारी कर रही है।
कार तलाशी लेने में मिला गांजा
एनसीबी की टीम ने रविवार रात को चर्च रोड स्थित शांति निकेतन अपार्टमेंट की पार्किंग से आकाश गोयल को पकड़ा। उसकी कार की तलाशी लेने पर डैश बोर्ड में 30 ग्राम गांजा की पुडिय़ा मिली। फ्लैट की तलाशी में 30-30 ग्राम गांजा की दो पुडिय़ां और मिलीं। टीम ने मौके पर डीडीई किट से जांच की, पुडिय़ों में गांजा होने की पुष्टि हुई। आरोपी ने पूछताछ में बताया, पिता प्रापर्टी डीलर हैं। वह दो वर्ष पहले दिल्ली में एक मित्र की पार्टी में शामिल होने गया था। वहां पहली बार उसने कनाडा के गांजे का नशा किया था। पार्टी में गुरुग्राम के एक मित्र ने उसकी मुलाकात दिल्ली के एक ड्रग पैडलर सेंटो से कराई। सेंटो स्नैप चैट पर संपर्क करता था। डील के बाद आनलाइन भुगतान करता था। ड्रग पैडलर उसे कोरियर के माध्यम से विदेशी गांजे का पैकेट भेजता था। आकाश ने बताया, पहले वह खुद का नशा करने को मंगाता था। बाद में, अपने मित्रों को भी बेचना शुरू कर दिया। इंस्पेक्टर हरीपर्वत आलोक कुमार ङ्क्षसह ने बताया, एनसीबी के उप निरीक्षक शुभम मिश्रा ने आकाश गोयल के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज कराया है। आरोपी से पूछताछ में उसके आधा दर्जन मित्रों के नाम सामने आए हैं। उनकी जानकारी की जा रही है।
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फर्जी नाम से मिलते हैं ड्रग पैडलर
आकाश ने पूछताछ में बताया कि बड़ी पार्टियों में विदेशी गांजा देने वाले ड्रग पैडलर माल बेचने से पहले ही शर्त रख देते हैं कि उनका नाम और पता नहीं पूछा जाएगा। वह मोबाइल नंबर नहीं देते हैं, सिर्फ स्नैप चैट पर ही उनसे संपर्क किया जा सकता है। दिल्ली के ड्रग पैडलर सेंटों का असली नाम कोई नहीं जानता। वह इसी नाम से स्नैप चैट पर संपर्क करता है।
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पांच ग्राम की पुडिय़ा 2500 रुपये में देता था
आकाश ने पुलिस को बताया, युवाओं में इसे कनाडियन गांजा के नाम से जाना जाता है। नशा तीव्र होने के साथ ही सामने वाले को उसकी गंध नहीं आती है। विदेश से आने के चलते महंगा होता है। जिसे प्लास्टिक की पांच व दस ग्राम की पुडिय़ा में बेचा जाता है। पांच ग्राम की पुडिय़ा ढाई हजार रुपये में मिलती है। यह दिखने में हरे और भूरे रंग का होता है।
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कनाडा में वैध है गांजे का प्रयोग
वर्ष 2013 में उरुग्वे के बाद कनाडा दुनिया का दूसरा देश है जहां गांजे का प्रयोग वैध है। कनाडा के नए कानून के तहत वहां के सभी प्रांतों को गांजे के कारोबार को नियमित लाइसेंस देने की अपनी व्यवस्था है। वहां वयस्कों को 30 ग्राम तक गांजा लेने की अनुमति है।