अभियान के नाम पर सिर्फ दिखावा
शहर में नाला सफाई को लेकर गूगल फॉर्म के जरिए किए गए सर्वे में 643 लोगों ने पार्टिसिपेट किया। इसमें 63 परसेंट लोगों का कहना था कि प्रॉपर प्लानिंग नहीं होने के चलते जलभराव की स्थिति बनती है। अगर जलभराव रोकने के साथ ही नाला सफाई को लेकर प्रॉपर प्लानिंग की जाए तो इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। 73 परसेंट लोगों का कहना था कि शहर में नाला सफाई को लेकर अभियान के नाम पर सिर्फ दिखावा किया जाता है। नाला सफाई में खानापूर्ति नहीं की जानी चाहिए.


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शहर में नाला सफाई को लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से आयोजित ऑनलाइन सर्वे.

1. बारिश में जगह-जगह जलभराव होता है। क्या इसे रोकने में आप प्लानिंग की कमी को वजह मानते हैं?
- हां 63 परसेंट
- नहीं 37 परसेंट

2. क्या नाला सफाई को लेकर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है?
- हां 73 परसेंट
- नहीं 27 परसेंट

3. इसबार शहर में नाला सफाई की स्थिति पर क्या है आपकी राय?
- नाला सफाई से संतुष्ट हैं 29 परसेंट
- संतुष्ट नहीं हैं 51 परसेंट
- कुछ नालों की ही सफाई हुई है 20 परसेंट

4. क्या शहर में नालों को कवर्ड करना चाहिए, जिससे उसमें कचरा न जा सके.
- हां 75 परसेंट
- नहीं 25 नहीं

5. शहर में होने वाले जलभराव के स्पॉट में पिछले वर्षों की अपेक्षा आप कमी देखते हैं?
- हां 43 परसेंट
- नहीं 57 परसेंट

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शहर में जोन वाइज नालों की संख्या
जोन, बढ़े नाले, मझोले नाले, छोटे नाले, कुल नाले
हरीपर्वत 2, 55, 64, 121
लोहामंडी 8, 56, 29, 93
छत्ता 5, 72, 17, 94
ताजगंज 4, 57, 41, 102


नाला सफाई में लगे संसाधन
10 पोकलेन मशीन
13 मझोली मशीन
12 जेसीबी मशीन
20 लोडर
20 ट्रैक्टर ट्रॉली
250 कर्मचारी
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जब भी कोई विकास कार्य किया जाता है। उसकी फूलप्रूफ प्लानिंग होनी चाहिए। ट्रांसपोर्ट नगर में प्लानिंग की कमी के कारण जलभराव हो जाता है।
- वीरेंद्र गुप्ता, प्रेसिडेंट, ट्रांसपोर्ट चैैंबर

हर वर्ष नाला सफाई का अभियान चलाया जाता है, लेकिन बारिश में यही नाला ओवरफ्लो हो जाते हैं। दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसको लेकर ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
मुनीष

पूर्व में एमजी रोड पर सूरसदन चौराहे के पास पहले जलभराव होता था। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यहां राहत देखने को मिली है। इसी तरह अन्य स्पॉट पर भी कदम उठाए जाने चाहिए।
विद्वेष