लखनऊ आगरा (ब्यूरो) प्रदेश में अब लखनऊ सहित छह जिलों में स्पेशल एजुकेशन जोन (एसईजेड) बनाए जाएंगे। इन एसईजेड में एक ही जगह पर प्री-प्राइमरी से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक की शिक्षा मिल सकेगी। प्रत्येक एसईजेड में आठ निजी विश्वविद्यालय व अन्य संस्थान खोले जाएंगे। अभी 47 ऐसे जिले हैं जहां एक भी सरकारी या निजी विश्वविद्यालय नहीं है।
कैंपस खोलने पर छूट
प्रत्येक मंडल में एक विश्वविद्यालय स्थापित करने के बाद अब एक जिला एक विश्वविद्यालय का लक्ष्य तय किया गया है। लखनऊ की तर्ज पर जिन अन्य जिलों में एसईजेड स्थापित किए जाने का निर्णय लिया गया है, उनमें अयोध्या, गोरखपुर, आगरा, गौतमबुद्ध नगर के अलावा बुंदेलखंड का झांसी या चित्रकूट में से कोई एक जिला होगा। उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय के मुताबिक उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति-2024 में कई तरह के प्रोत्साहन की व्यवस्था है। नीति के तहत निजी व विदेशी संस्थानों को प्रदेश में अपना कैंपस खोलने पर कई तरह की छूट दी जाएगी। लखनऊ में मोहान रोड पर 785 एकड़ में स्पेशल एजुकेशन जोन स्थापित किया जाएगा। यहां 173 एकड़ जमीन पर कार्य भी शुरू हो चुका है। वहीं अयोध्या में एसईजेड के लिए कृषि विभाग आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की जमीन उपलब्ध कराएगा। आगरा में एसईजेड की स्थापना के लिए आरबीएस कॉलेज की खाली भूमि का उपयोग किया जाएगा। गौतमबुद्ध नगर में गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय की जमीन का उपयोग किया जाएगा। वहीं गोरखपुर और बुंदेलखंड में एसईजेड के लिए जमीन चिह्नित किए जाने का कार्य चल रहा है।
----
शीर्ष 50 रैंङ्क्षकग और विदेशी विश्वविद्यालय खोलेंगे कैंपस
नेशनल इंस्टीट््यूशनल रैंङ्क्षकग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) रैंङ्क्षकग के शीर्ष 50 विश्वविद्यालय और विदेशी विश्वविद्यालय यूपी में अपना कैंपस खोलेंगे। उन्हें जमीन व स्टांप शुल्क में छूट दी जाएगी। इन्हें कई अन्य तरह की भी छूट दी जाएगी। इससे यूपी के छात्रों को प्रदेश में ही बेहतर शिक्षा हासिल करने का विकल्प मिल सकेगा। उन्हें मैनेजमेंट, इंजीनियङ्क्षरग के साथ-साथ अन्य रोजगारपरक पाठ्यक्रमों में पढ़ाई करने का अवसर मिलेगा।
----
एआर्ई के साथ-साथ बैकअप प्लान भी रखेगा यूपी बोर्ड
- बोर्ड के निर्देश पर जिले में गठित टीम प्रश्नपत्रों की सुरक्षा में पहुंचेगी स्ट्रांग रूम
क्कक्र्रङ्घ्रत्रक्र्रछ्व (२६ ह्रष्ह्ल, छ्वहृहृ): हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा-2025 के केंद्रों के स्ट्रांग रूमों में प्रश्नपत्रों की सुरक्षा व्यवस्था में जुटा यूपी बोर्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के साथ आफलाइन व्यवस्था यानी बैकअप प्लान भी रखेगा। किन्हीं कारणों से केंद्रों पर एआई से कमांड कंट्रोल रूम में लगी वीडियो वाल/कंप्यूटर स्क्रीन पर लाइव फीड नहीं मिलने पर संबंधित केंद्र से इसका अलर्ट संदेश मिलेगा। इसके बाद यूपी बोर्ड की आफलाइन टीम सक्रिय कर दी जाएगी। इस तरह परीक्षा केंद्र के स्ट्रांग रूम तक किसी अनधिकृत व्यक्ति का पहुंचना आसान नहीं होगा।
वेबसाइट पर जानकारी
यूपी बोर्ड एक साथ दो मोर्चे पर काम कर रहा है। एक तरफ एग्जाम सेंटर के निर्धारण में हर जिलों में विद्यालयों की सूचनाओं का अपने क्षेत्रीय कार्यालय की टीम से भौतिक सत्यापन करा रहा है। जिन विद्यालयों में निर्धारित मानक के अनुरूप व्यवस्था नहीं मिली यानी कि गलत सूचना उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर अपलोड की गई है, वहां उसे ठीक कराने के निर्देश यूपी बोर्ड सचिव भगवती ङ्क्षसह ने दिए हैं। भौतिक सत्यापन करने निकली बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों की टीमें संबंधित जनपदों के डीआइओएस को सत्यापन रिपोर्ट मिली कमियां ठीक कराने के लिए दे रही हैं, ताकि अपूर्ण मानक वाले विद्यालय केंद्र न बनने पाएं। दूसरी ओर, प्रश्नपत्रों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी कार्य तेज कर दिया है।
25 करोड़ की राशि मिली
एआर्ई व्यवस्था के लिए 25 करोड़ धनराशि मिल चुकी है। साथ ही विद्यालयों में लगे उपकरणों का उपयोग हो सकने से कम खर्च आने के यूपी बोर्ड के प्रस्ताव पर सहमति बन जाने से जल्द बैठक कर प्रस्ताव अनुमोदन के लिए शासन को भेज दिया जाएगा। एआई से परीक्षा केंद्रों के स्ट्रांग रूम में रखे प्रश्नपत्रों की निगरानी में विद्युत आपूर्ति या जेनरेटर खराबी या किन्हीं अन्य कारणों से बाधा आने पर भी प्रश्नपत्रों की शुचिता प्रभावित नहीं होने पाएगी। इसके लिए जिला स्तर पर यूपी बोर्ड टीमों का गठन करेगा, जो कमांड कंट्रोल रूम के निर्देश पर संबंधित केंद्र के स्ट्रांग रूम पहुंचकर निगरानी शुरू कर देगा।
-----