सुबह सात बजे की घटना
घटना सुबह सात बजे की है। शाहगंज के नगला वासी के विनोद कुमार की पत्नी उर्मिला रसोई में बच्चों के स्कूल का टिफिन तैयार कर रही थीं। बेटियां चंचल, अंजली, खुशी और स्नेहा और दोनों छोटे बेटे कमरे में थे। अंजली ने बताया कि वह रसोई गईं तो मां ने झूठे बर्तन हटाने को कहा। वह बर्तन हटा रही थीं, इसी दौरान उन्हें छत के चटकने की आवाज सुनाई दी। उसकी मिट्टी गिरते देख उन्होंने शोर मचा कमरे में मौजूद लोगों को बाहर भागने को कहा। मां का हाथ पकड़ उन्हें रसोई से लेकर घर के बाहर भागीं। दरवाजे पर पहुंचते ही कमरे की छत ढह गई। तब तक वह पूरा परिवार बाहर आ चुका था। अंजली और उनके पिता विनोद ने बताया कि मकान पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। रात में वर्षा होने पर परिवार जागता रहता था कि कहीं मकान न ढह जाए। इसलिए मंगलवार सुबह छत के तेज आवाज के साथ चटकने और मिट्टी गिरने पर वह परिवार के साथ बाहर की भागी थीं। मकान ढहने के बाद परिवार सड़क पर आ गया है।
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पीएम आवास योजना के लाभ को छह वर्ष से भटक रहीं
विनोद ने बताया कि वह मजदूरी करते हैं। मकान जर्जर हालत देख प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने को छह वर्ष पहले जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) में आवेदन किया था। विभाग की ओर से कई बार सर्वे किया जा चुका है। अभी तक योजना का लाभ नहीं मिला। बस्ती में उनके बाद आवेदन करने वाले कई लोग इसका लाभ ले चुके हैं। बस्ती के एक दर्जन से अधिक मकान जर्जर हालत में हैं।
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बेटियों के हाथ पीले करें या मकान बनाएं
पिता विनोद कुमार ने बताया कि बेटी अंजली और चंचल की इस वर्ष दिसंबर में शादी है। उन्होंने पाई-पाई करके कुछ रकम बेटियों की शादी के लिए जोड़ी है। परिवार के सामने संकट खड़ा हो गया है कि वह मकान बनवाए या बेटियों की शादी करें।