फोन कॉल्स से ले रहे बच्चों की खबर
कोलकाता के आरजी सरकार हॉस्पिटल व मेडिकल कॉलेज में बीते सप्ताह महिला डॉक्टर से दुष्कर्म व हत्या के मामले में एसएन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स पिछले सात दिन से हड़ताल पर हैं, तो वहीं शहर में कई स्थानों पर कैंडल मार्च किया जा रहा है। घटना को लेकर हर कोई परेशान हैं, खासतौर पर ऐसे लोग जिनके बच्चे बाहर स्ट््डी कर रहे हैं। ऐसे पेरेंट्स फोन कॉल के जरिए अपने बच्चों की खबर ले रहे हैं।
केस1
मां अब में इंडिया में नहीं रहना चाहती
सदर क्षेत्र के कैंट रोड पर रहने वाली निवेदिता ने बताया कि उनकी बेटी नोएडा मेें एक एजुकेशन इंस्टीट्यूट से एमबीबीएस कर रही है। उन्होंने बताया कि अचानक उनकी बेटी का कल रात को कॉल आया, जो काफी डरी हुई थी, मां ने बेटी की स्थिति को देख उसको वापस आने के लिए कहा, माता-पिता बेटी को आगरा लेकर आ गए। जहां बेटी ने अपने पेरेंट्स से कहा कि वो अब इंडिया में रहना नहीं चाहती है। इसको लेकर पेरेंट्स उसकी काउंसलिंग कर रहे हैं।
केस2
पापा आप टेंशन मत लो में ठीक हूंं
कमला नगर के ई-ब्लॉक में रहने वाले नंद किशोर की बेटी फरीदाबाद स्थित एक मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर रही हैं। उन्होंने बताया कि समाचार पत्र और टीवी चैनल पर चल रही खबरों से वो और उनकी परिवार दहशत में हैं। उन्होंने फरीदाबाद में रहने वाली अपनी बेटी से हालचाल जाने और वीडियो कॉल की। जिसमें बेटी ने बताया कि पापा टेंशन मत लो में ठीक हूं। इस पर उन्होंने राहत की सांस ली।
केस3
जब दहशत में किया मां ने बेटी को कॉल
भावना हाउंसिंग में रहने वाले लोग घटना को लेकर चर्चा कर रहे थे, इस दौरान एक ऐसी फैमिली भी वहां मौजूद थी, जिनके परिवार की बेटी पूणे से एमएस कर रही है, अचानक चर्चा को लेकर दहशत में महिला ने अपनी बेटी को कॉल किया और उसे वापस घर आने को कहा, आसपास खड़े अपार्टमेंट के लोगों ने उनसे मना किया कि अब सब ठीक है, उसको वापस मत बुलाओ।
केस4
बच्चे को पढ़ाएं या नहीं पढ़ाएं
खंदारी स्थित एक अपार्टमेंट में रहने वाली समाजसेवी महिला ने बताया कि उनकी बेटी दिल्ली मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर रही है, ये उसका पहला साल है। महिला ने अपने दिल्ली में रहने वाले परिजनों को कॉल किया और बताया कि वो असमंजस मेें है कि अपनी बेटी को पढ़ाएं या घर पर बुलाएं
आज कल जो माहौल बना है, उससे पेरेंट्स अपने बच्चों को लेकर दहशत में हैं। अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर अजीब से ख्याल मन में आते हैं।
निषि मित्तल, पेरेंट्स
टीवी चैनल और समाचार पत्रों के जरिए आ रही दहशत से एक अलग ही माहौल तैयार हो गया है। सरकार को बेटियों की सुरक्षा को लेकर ठोस उपाय करने होंगे।
अंजुल शर्मा, पेेरेंट्स
सरकार को चाहिए कि पीडि़त परिवार को आर्थिक रूप से मदद करें, वहीं दोषियों को कठिन से कठिन सजा दे, जिससे दूसरे लोग भी सबक ले सकें।
सुमन सुराना, हेल्पिंग फाउंडेशन
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर शहर एंटी रोमियो सार्वजनिक स्थानों पर एक्टिव रहती हैं। मार्केट मेंं त्योहारों को लेकर सिविल ड्रेस में महिला पुलिस को तैनात किया गया है।
डॉ। सुकन्या शर्मा, एसीपी सदर, महिला अपराध