आगरा (ब्यूरो) शहर के प्रमुख चांदी कारोबारी अवधेश अग्रवाल की 27 अक्टूबर की रात पटना में मथुरा के दो शूटरों ने गोली मारकर हत्या की थी। मथुरा के चांदी कारोबारी का ड्राइवर जितेंद्र ङ्क्षसह दोनों को कार से पटना लेकर गया था और दो दिन तक साथ रहा। हत्या के बाद भी दोनों को शहर में घुमाता रहा। इसके बाद दोनों ट्रेन से वहां से निकल आए। पटना पुलिस ने घटना का पर्दाफाश करते हुए मथुरा से हिरासत में लिए गए चांदी कारोबारी के ड्राइवर जितेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है। फरार चल रहे दोनों हत्यारों की तलाश में दबिशें दी जा रही है। पटना पुलिस का दावा है कि हत्या किसके इशारे पर की गई, इसकी कड़ी जोड़ी जा रही हैं। जल्द ही पूरा पर्दाफाश कर दिया जाएगा। वहीं मथुरा से हिरासत में लिए गए चांदी कारोबारी निखिल अग्रवाल को थाने में हर रोज हाजिरी लगाने की शर्त के साथ छोड़ दिया है।
27 अक्टूबर को की वारदात
शहर के परिणय कुंज हरीपर्वत के 55 वर्ष के चांदी कारोबारी अवधेश अग्रवाल की धनतेरस से दो दिन पहले 27 अक्टूबर को पटना में थाना पीरबहोर के बाकरगंज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना का मुकदमा अज्ञात में दर्ज किया गया। पीरबहोर थाना पुलिस और सर्विलांस टीम को सीसीटीवी रिकार्डिंग के जरिए मथुरा के कारोबारी की कार और ड्राइवर की जानकारी मिली। मंगलवार को मथुरा पहुंची पटना पुलिस गोङ्क्षवद नगर चांदी कारोबारी निखिल अग्रवाल और उसके चालक जितेंद्र को पूछताछ के लिए अपने साथ लेकर गई थी।
नहीं लिया था होटल में रूम
गुरुवार को पटना एसपी सिटी सेंट्रल स्वीटी सहरावत ने गुरुवार को प्रेसवार्ता में बताया कि चांदी कारोबारी की हत्या में थाना जैत, मथुरा के चालक जितेंद्र ङ्क्षसह को गिरफ्तार किया है। चालक ने पूछताछ में बताया कि वह मथुरा के हाईवे थाना क्षेत्र के नीरज गौतम और भूषण पंडित 25 अक्टूबर को कार से पटना लेकर आया था। इसके लिए दोनों ने उसे 25 हजार रुपए दिए थे। नीरज और भूषण ने अपनी पहचान छिपाने के लिए होटल में कमरा नहीं लिया था। कार में दो दिन घूमते रहे। दिन में रैकी करते और रात में रेलवे स्टेशन के आसपास कार को सड़क किनारे लगाकर सो जाते थे।
कार में घूमते रहे
जितेंद्र ने बताया 27 अक्टूबर की रात दोनों शूटरों को पटना के दानापुर थाना क्षेत्र में छोड़ दिया। तय योजना के तहत शूटरों को वारदात के बाद उसे कार से पटना रेलवे स्टेशन के पास से लेकर आना था। वह उन्हें लेने नहीं गया। दोनों शूटर ट्रेन से निकल गए। एसपी सिटी सहरावत ने बताया कि शूटरों नीरज गौतम और भूषण पंडित की गिरफ्तारी के बाद उनसे पूछताछ में आगे की कडिय़ां जुड़ेंगी। पता चल सकेगा कि दोनों को हत्या की सुपारी किसने दी थी। चांदी कारोबारी की हत्या करने वाले शूटरों का आपराधिक इतिहास है। नीरज गौतम पर मथुरा में 12 और भूषण पंडित पर आठ मुकदमे दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि निखिल अग्रवाल को फिलहाल छोड़ दिया गया है, उन्हें पीरबहोर थाने में रोज हाजिरी लगाने को कहा है।
-निखिल ने दीपक के नाम से खरीदी थी कार
पटना में आगरा की फर्म सीबी चेंस के ड्रिस्टीब्यूटर हरी बाबू के बेटे निखिल अग्रवाल बाकरगंज में चांदी का कारोबार करता है। कार खरीदने के लिए निखिल पर स्थानीय आइडी नहीं होने के चलते उसने अपने दोस्त हथिया निवासी दीपक के नाम से दो वर्ष पूर्व कार खरीदी थी। दीपक पहले कपड़ों का कारोबार करता था, तीन वर्ष पहले वह भी चांदी के कारोबार में आ गया। इसके बाद उसकी निखिल से गहरी दोस्ती हो गई। कार के नंबर के आधार पर पटना पुलिस पहले दीपक के पास पहुंची थी, जिसके बाद उसने निखिल अग्रवाल के संबंध में जानकारी दी थी। निखिल की कार उसका ड्राइवर जितेंद्र ङ्क्षसह चलाता था।
-आखिर किसने दी अवधेश की हत्या की सुपारी
ड्राइवर जितेंद्र ङ्क्षसह की गिरफ्तारी के बाद अब सवाल यह है कि आखिर अवधेश की हत्या की सुपारी देने वाला कौन है? उसका मथुरा के बदमाशों से कैसे संपर्क हुआ? क्या निखिल की बदमाशों से जान-पहचान थी, या निखिल उनसे अनजान है? निखिल के पिता हरीबाबू से पहले सीबी चेंस की ड्रिस्टीब्यूटरशिप अवधेश अग्रवाल के पास थी। कई साल बाद सीबी चेंस के मालिक धनकुमार जैन ने डिस्ट्रीब्यूटर बदलते हुए हरीबाबू को काम दिया था। पटना पुलिस इन सब सवालों के जवाब के लिए इंतजार की बात कह रही है। पुलिस का कहना है कि दोनों हत्यारोपितों के पकड़े जाने के बाद सारी कडिय़ां खुल जाएंगी। शहर में हत्याकांड को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं।