आगरा (ब्यूरो)। क्रिमिनल्स को अरेस्ट करने के लिए पुलिस क्राइम के बाद उस एरिया की सीसीटीवी फुटेज चेक करती है। इस दौरान क्रिमिनल्स को भागने का मौका मिल जाता है और वह पुलिस की गिरफ्त से काफी दूर जा चुका होता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। क्राइम करने के बाद बैरियर चेकिंग एप की हेल्प से क्रिमिनल्स को आसानी से पकड़ा जा सकेगा। पुलिस को क्रिमिनल्स की फोटो, फोन और उनके वाहन नंबर अपनेे डेटा में फीड करेगी। इससे पूरा बैरियर से गुजरने वाले व्यक्ति का पूरा ब्यौरा पुलिस के पास होगा।
क्रिमिनल्स के घर तक पहुंचेेगी पुलिस
कमिश्नरेट में अधिकतर क्राइम की घटना होने के बाद पुलिस को सूचना मिलती है, अधिकतर मामलों में ऐसा देखने को मिला है। राहगीरों या पीडि़त के परिजनों के जरिए से जानकारी होती है। इस प्रोसेस में काफी समय लगता है। पुलिस जब तक चेङ्क्षकग शुरू कराती है, तब तक क्रिमिनल्स काफी दूर जा चुका होता है। ऐसे में बैरियर चेकिंग एप के जरिए उनको आसानी से पकड़ा जा सकेगा। बैरियर चेकिंग एप में उनका डाटा भी लिया जाएगा, आवश्यकता पडऩे पर पुलिस उनके घर तक भी पहुंच सकेगी।
डीसीपी वेस्ट ने डेवलप किया एप
पुलिस द्वारा रुटीन वाहन और संदिग्ध लोगों की चेङ्क्षकग की जाती है, लेकिन चेक किए गए लोगों का डाटा नहीं होता। बैरियर चेङ्क्षकग को डाटा बेस बनाया गया है। थाने द्वारा चेङ्क्षकग के दौरान एप में डाटा फीड किया जाएगा, इसमें चेक होने वाले का फोटो, मोबाइल नंबर और वाहन का नंबर तक होगा। एप विकसित करने वाले डीसीपी सोनम कुमार ने बताया कि यदि पुलिस को वारदात की जानकारी देर से मिली है, आरोपी मौके से भाग गया है। मगर, वह नियमित रूप से होने वाली बैरियर चेङ्क्षकग एप से निकला है तो उसका पूरा डाटा पुलिस के पास होगा।
फोटो दिखाकर की जाएगी पहचान
क्रिमिनल मौके से क्राइम करने के बाद भागता है तो उसे आसानी से इस एप के जरिए पकड़ा जा सकेगा।
क्रिमिनल किस जगह पर कितने बजे चेक किया गया, कैसे कपड़े पहने था, किस नंबर के वाहन पर था, उसका मोबाइल नंबर क्या है, यह सब जानकारी पुलिस के पास होगी। पीडि़त से घटना के समय चेक किए लोंगो के फोटो दिखाकर उसकी पहचान की जा सकेगी। एप की विशेषता यह भी है कि प्रत्येक थाने ने कितने लोगों को चेक किया, इसका भी ग्राफ होगा, इसके साथ मौके पर पुलिस कर्मियों की एक्टिवनेस का भी पता चल सकेगा, इसकी ऑनलाइन मानीटङ्क्षरग भी की जा सकेगी। जहां से उनको दिशा निर्देश देकर गाइड भी किया जा सकेगा।
बॉडर्र पर खनन माफियाओं पर नजर
बैरियर एप के जरिए खनन माफियाओं को आसानी से पकड़ा जा सकेगा। अक्सर देखा गया है कि खनन माफिया बॉर्डर क्रास करने के बाद एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से चले जाते हैं। कई बार पुलिस के साथ भी आमना सामना होता है। इस एप के जरिए बैरियर पर पूरी नजर रखी जा सकेगी। इसके साथ ही पुलिस कर्मियों के कार्य को भी देखा जा सकेगा। इस एप के जरिए खनन पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जा सकेगा।
फतेहाबाद मेें एप के जरिए पकड़ा गांजा
पुलिस टीम ने हालही में फतेहाबाद रोड से बड़ी संख्या में गांजा पकड़ा है। पुलिस बैरियर पर चेकिंग कर रही थी, इसी दौरान संदिग्ध लगने पर उनको चेक किया गया। जहां पुलिस ने वाहन से बड़ी संख्या में गांजा जब्त किया है। एप के एक्टिव होने से इस तरह की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सकेगी। संदिग्ध वाहन नजर आने पर पुलिस अधिकारी दिशा निर्देश भी दे सकेंगे।
रुकेगी तस्करी
आगरा कमिश्नरेट से सटे एमपी और राजस्थान बॉडर्र पर अक्सर तस्करी की खबर मिलती है। वहीं क्रिमिनल्स भी क्राइम करने के बाद बॉडर्र क्रास करने के बाद एक राज्य से दूसरे राज्य पहुंच जाते हैं। एप के जरिए ऐसे लोगों पर नजर रखी जा सकेगी। इसके साथ ही संदिग्ध का डेटा कलेक्ट करने के बाद पुलिस आसानी से उन तक पहुंच कर पूछताछ कर सकेगी।
चेकिंग में बरामद किए थे लाखों रुपए
पुलिस कमिश्नर जे। रविन्दर गौड के दिशा निर्देश पर डीसीपी वेस्ट के निर्देशन में 19 जनवरी को सैंया टोल पर पुलिस चेकिं ग कर रही थी। इसी दौरान पुलिस ने एक संदिग्ध की कार से दो बैग बरामद किए जिसमें 13 लाख रुपए से अधिक रुपए थे। ऐसे में अगर बैरियर एप का इस्तेमाल किया जाता है तो इस तरह की चेकिंग को प्रभारी बनाया जा सकेगा।
बैरियर चेङ्क्षकग एप क्रिमिनल तक पहुंचाने में पुलिस की मदद करने के साथ ही थानों मेें पुलिस की एक्टिवनेस भी दिखाएगा। किस थाना क्षेत्र में कितने लोगों को चेक किया गया, यह सारा डाटा ऑनलाइन देखा जा सकेगा। अधिक सक्रिय दिखने वाले थानाध्यक्षों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।
सोनम कुमार, डीसीपी पश्चिम जोन