पकड़ा गया था साइबर फ्रॉड का गैंग
इस साल शहर में एक इंटरनेशनल साइबर फ्र ॉड का गैंग पकड़ा गया था। ये लोग शहर में कैनोपी से फर्जी सिम खरीदकर उनको दिल्ली भेजते थे। वहां से दुबई और थाईलैंड तक इन सिमों को मोटे दामों में बेचा जाता था। इन सिमों से साइबर अपराध किए जाते थे। विदेश में बैठकर ये सरगना बड़े आराम से ठगी करते थे। लेकिन 26 जून से लागू हुए नए टेलीकम्युनिकेशनल से अब फर्जी सिम पर लगाम लगाई जाएगी। इस कानून के तहत फर्जी सिम लेने पर तीन साल की जेल और 50 लाख के जुर्माने का प्रावधान कर दिया है। इसके लिए शहर भर के सिम कार्ड विक्रेताओं का वेरिफिकेशन शुरू कर दिया है.अब इन नियमों से कैनोपी पर भी लगाम लगेगी।
कैनोपी से बेचते थे फर्जी सिम
पिछले दिनों शहर में इंटरनेशनल साइबर ठगी का गैंग पकड़ा गया था। ये गैंग अलग अलग कैनोपी संचालकों से सिम खरीदता था। कैनोपी संचालक ग्राहक को केवाईसी न होने का हवाला दे कर कई बार ग्राहक से अगूंठा लगवा लेते थे। एक सिम की जगह कई सिम एक्टिवेट करके उनको इन ठगों को बेच देते थे। अब नए नियमों के आने के बाद ये मुश्किल हो जाएगा.अब ग्राहक सरकार केसंचार पोर्टल पर जा कर अपने नाम से चल रही सिम को बंद करा सकते हैं।
दुबई थाईलैंड तक है गैंग का नेटवर्क
शहर में फर्जी सिम का फ्र ॉड बहुत तेजी से चल रहा था। यहां साइबर अपराधी कई बड़ी साइबर घटनाएं इन फर्जी सिमों से करते थे। मुकदमा दर्ज होने पर सिम बंद कर देते थे। जगह- जगह कैनोपी लगाकर सिम बेची जा रहीं थी। पुलिस कई अपराधियों को पकड़ भी चुकी थी, लेकिन फिर से कुछ नए लोग सिम खरीद कर एक्टिव कर लेते थे। अब नए नियम आ जाने से इस पर काफी हद तक लगाम लगेगी। शहर में अलग अलग कंपनियों ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है।
दुकानदारों की जियो टैगिंग, घर की भी जानकारी दर्ज
नए बिल के आने के बाद अब अलग- अलग कंपनियों ने अलग- अलग लेयर से दुकानदारों की सर्वे करना शुरू कर दिया है। अब कंपनी को दुकानदारों को उनके डिटेल्स के साथ ही एक एफिडेविट भी संबंधित कंपनी को देना होगा। इसमें दुकानदार को अपने घर तक की सभी जानकारी देनी होगी। इसके अलावा दुकानदार को अपने घर का पता भी देना होगा। जहां कंपनी जिओ टैगिंग कराएगी। साथ ही सभी दुकानदारों को ये निर्देश हैं कि कोई भी सिम बेचेंगे। तो उसके सभी डॉक्युमेंट्स रखने होंगे, जिन्हे अपने रिकार्ड में सुरक्षित रखना होगा। इससे फर्जी सिम पर लगाम लगेगी।
बॉयोमेट्रिक वेरिफिकेशन हुआ अनिवार्य
नए नियमों के मुताबिक अब मोबाइल सिम लेना और अधिक सख्त हो जाएगा। नए नियमों के मुताबिक सभी टेलिकॉम कंपनियां बॉयोमेट्रिक वेरिफिकेशन के बाद ही मोबाइल सिम कार्ड जारी कर पाएंगी। अगर टेलिकॉम कंपनियों नियमों का उल्लंघन करती हैं तो उनको 2 करोड़ रुपये का जुर्माना देना होगा। सिम कार्ड बेचने वाले शॉप का लाइसेंस रद्द किया जाएगा। नियमों के उन्लंघन पर कड़ी कार्यवाई का प्रावधान है।
संचार पोर्टल से बंद कर सकते हैं फर्जी सिम
-सबसे पहले संचार पोर्टल पर जाएं
-वेबसाइट में नीचे की तरफ स्क्रॉल करें
-दो ऑप्शंस नजर आएंगे
-नो योर मोबाईल कनेक्शन ऑप्शन पर क्लिक करें
-नया पेज ओपन खुलेगा अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें
-कैप्चा कोड और दर्ज करके ओटीपी से लॉगिन करें
-आपके नाम पर दर्ज मोबाइल नंबर और उनकी डिटेल दिखेगी
-इसमें दर्ज मोबाइल नंबर के शुरुआती और आखिरी अंक दिखेंगे, जिससे आप पता लगा सकते हैं कि आखिर कौन सा मोबाइल नंबर आपके नाम पर दर्ज है अगर आप किसी नंबर को संदिग्ध मानते हैं, तो उसके सामने नजर आए ऑप्शन पर क्लिक करके उस मोबाइल नंबर को ब्लॉक कर सकते हैं।
-नए नियमों से फर्जी सिम लेने पर अब लगाम लग जाएगी अधिकतर साइबर अपराधों में फर्जी सिम का उपयोग होता था अब इन पर लगाम लगेगी।
सोनम कुमार डीसीपी वैस्ट
अब सिम कार्ड खरीदने के नियम और अधिक कड़े कर दिए गए हैं। हमसे हमारे घर तक की जानकारी मांगी जा रही है। हमें भी सिम बड़ी मशक्क्त के बाद मिलेगी तो कोई कैसे फर्जी सिम खरीद लेगा।
केके त्यागी सिम डिस्टीब्यूटर
हमसे हमारी घर तक की जानकारी ले ली है। कम्पनी सिम तभी देगी। जब हमको उनके सारे मानक पूरे कर लेने होंगे। अब नियम और अधिक कड़े हो गए हैं।
रजनीश तिवारी दुकानदार
इसके पहले कैनोपी लगा कर सिम बेच देते थे। लेकिन अब ये बंद हो जाएगा। अब कोई भी फर्जी सिम नहीं ले पाएगा। हमारे लिए भी अब फॉर्मेल्टी बढ़ा दी गईं हैं।
राजकुमार सिम डिस्ट्रीब्यूटर
-600 फर्जी सिम बंद कराई गई थीं पिछले साल शहर में पुलिस ने
-1030 पर कर सकते हैं साइबर ठगी की शिकायत
-719 मोबाइल के आईएमईआई ब्लैक लिस्ट किए थे साल 2023 में
-20 करोड़ की साइबर ठगी होती है हर साल शहर में