आगरा (ब्यूरो)। मंगलवार को पत्नी साजिदा मोहम्मद के साथ ताजमहल में पहुंचे तो उसे ठगे से देखते रह गए। वह करीब एक घंटे तक ताजमहल की सुंदरता तो निहारते रहे। हठात बोल उठे- 'इट इज बियोंड एक्सपेक्टेशनÓ (उम्मीदों से परे)। उन्होंने ताजमहल के इतिहास और उसकी पच्चीकारी में काफी दिलचस्पी दिखाई। मुइज्जू ने ताजमहल को उम्मीदों से परे विस्मयकारी कालातीत कृति बताया।


स्मारक के इतिहास की ली जानकारी
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू मंगलवार सुबह करीब आठ बजे आगरा एयरपोर्ट पहुंचे। यहां उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने उनका स्वागत किया। एयरपोर्ट से कार से वह शिल्पग्राम पहुंचे। यहां कलाकारों ने लोक गीतों व लोक नृत्यों की प्रस्तुति से उनकी आगवानी की। ङ्क्षवटेज डिजाइन की बैटरी कार से करीब 8:45 बजे वह ताजमहल परिसर में पहुंचे। ताजमहल के फोरकोर्ट में पहुंचते ही वह ताजमहल की सुंदरता पर मुग्ध हो उठे। अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ। राजकुमार पटेल और गाइड राजीव ङ्क्षसह ठाकुर ने उन्हें ताजमहल के इतिहास, पच्चीकारी, वास्तुकला के बारे में जानकारी दी।

सूर्य की किरणें से चमक रहा था स्मारक
मालदीव के राष्ट्रपति जब ताजमहल का भ्रमण कर रहे थे, उस समय सूर्य की तिरछी किरणें मुख्य मकबरे की दीवार में जड़े बहुमूल्य पत्थरों पर पड़ रही थीं, जिससे वह चमक रहे थे। इस पर उन्होंने आश्चर्य जताया। मुख्य मकबरे और रायल गेट की दीवार पर हो रही कैलीग्राफी के बारे में उन्हें बताया गया कि इसका प्रत्येक अक्षर एक ही पत्थर का बना है। चारबाग पद्धति पर बने ताजमहल के उद्यान के बारे में बताया गया कि मुगल गार्डन पाथवे से करीब 10 फुट नीचा था। ब्रिटिश काल में लार्ड कर्जन के समय उद्यान को यह रूप दिया गया। मुगल काल के उद्यान रामबाग व सिकंदरा में अब भी पाथवे से काफी नीचे हैं। उन्हें उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने ताजमहल का माडल भेंट किया। वह पूरी विजिट में राष्ट्रपति के साथ रहे। मुइज्जू सुबह 9:45 बजे तक ताजमहल में रुके। एयरपोर्ट से उन्होंने मुंबई के लिए उड़ान भरी। उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल में करीब 60 सदस्य थे।