जन्माष्टमी पर 250 लोग हुए थे बीमार
जन्माष्टमी पर 26 अगस्त को कुट्टू के आटा की पूड़ी और पकोड़ी खाने से अलग-अलग क्षेत्रों में करीब 250 लोगों की तबीयत बिगड़ गई थी। इसके बाद खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग की नींद खुली थी। 26 और 28 अगस्त को सभी संबंधित दुकानों से नमूने लिए गए। रविवार को विभाग ने परीक्षणशाला से आई रिपोर्ट सार्वजनिक की। सहायक खाद्य आयुक्त शशांक त्रिपाठी ने बताया कि दरेसी नंबर दो में सार्थक अग्रवाल की दुकान से लिए गए नमूने में विश्लेषक ने रोडेंट हेयर एवं स्क्रीटा (चूहे के बाल और कीड़ों का मलमूत्र) होने के कारण असुरक्षित बताया है। सोम पंसारी किराना स्टोर टेढ़ी बगिया से लिए गए नमूने में बाह्य स्टार्च की उपस्थिति मिली। इसलिए इसे असुरक्षित माना गया है। टेढ़ी बगिया में ही कृपा शंकर के प्रतिष्ठान विनोद प्रोवीजन स्टोर से लिए गए नमूने में भी रोडेंट हेयर एवं स्क्रीटा मिला। फुलट्टी बाजार में अंकित वाष्र्णेय प्रतिष्ठान से लिए नमूने में ङ्क्षजदा और मरे कीड़े मिले। मां कालिका प्रोवीजन स्टोर किशोरपुरा से लिए गए नमूने में भी रोडेंट हेयर एवं स्क्रीटा की उपस्थिति पाई गई। शाहगंज बोदला स्थित बंसल गृह उद्योग से लिए गए नमूने में ङ्क्षजदा और मरे कीड़े मिले।
बिक्री पर लगाई रोक
सहायक खाद्य आयुक्त शशांक त्रिपाठी का कहना है कि सभी संबंधित खाद्य कारोबारियों के कुट्टू के आटा के विक्रय पर रोक लगा दी गई है। साथ ही सभी के खिलाफ केस दायर करने की कार्रवाई की जा रही है। बंसल गृह उद्योग कृष्णानगर, शाहगंज बोदला को नोटिस जारी कर दिया गया है। नियमानुसार लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाही की जाएगी।
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कई दुकानों की अभी आनी हैं रिपोर्ट: अभी कई अन्य दुकानों से लिए गए कुट्टू के आटे के नमूनों की रिपोर्ट आनी हैं। उनकी रिपोर्ट मिलने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी।
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बाक्स: इन क्षेत्रों में लोग हुए थे बीमार
जन्माष्टमी के अवसर पर कुट्टू के आटा की पूड़ी-पकौड़ी खाने से बीमार होकर ताजगंज के सेमरी और नौबरी गांव के 24 लोग अस्पताल पहुंचे थे। सिकंदरा के लोहकरैरा के 50 लोगों की तबीयत बिगड़ी थी। उनका गांव में ही उपचार हुआ था। गोकुलपुरा के 10, बरहन के 20 लोग,ट्रांस यमुना के 15,मोतीलाल नेहरू रोड की बस्ती के 30,रोशन मोहल्ला के पांच समेत जिले के तमाम क्षेत्रों में लोग एसएन मेडिकल कालेज में भर्ती कराए गए। इस तरह जिले में 250 से अधिक लोगों की तबीयत बिगड़ी थी।
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बाक्स: एल्फा टाक्सिन के कारण बिगड़ी तबीयत
एसएन के मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ। मृदुल चतुर्वेदी ने बताया कि कुट्टू के आटा से फूड प्वाइजङ्क्षनग होने पर भर्ती गंभीर मरीजों के इलाज के लिए पेट की सफाई की गई। ट््यूब के माध्यम से पेट के अंदर की सामग्री को बाहर निकाला गया, जिससे लिवर सहित अन्य अंगों को कोई नुकसान ना हो। चूहे के मलमूत्र से कुट्टू के आटा में फंगस पनपने से एल्फा टॉक्सिन बनने की आशंका है, इसके कारण ही पेट संबंधी समस्याएं हुईं।