आगरा (ब्यूरो)। महिलाओं के लिए करवाचौथ का व्रत बहुत महत्व रखता है। सुहागिन महिलाएं इस दिन बड़े ही श्रद्धा भाव से व्रत रखती हैं। अधिकतर महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। करवाचौथ पर दिनभर बिना पानी और भोजन के रहने से शरीर पर इसका प्रभाव पड़ता है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। वैसे तो पारंपरिक रूप से महिलाओं के लिए यह व्रत बेहद जरूरी होता है, लेकिन डायबिटीज और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से जूझ रही महिलाओं की सेहत के लिए फास्टिंग थोड़ा परेशानी भरा हो सकता है। अगर आप को भी डायबिटीज और हाई या लो ब्लड प्रेशर की समस्या है तो ये जरूरी है कि व्रत खोलते समय कुछ सावधानियां बरती जाएं। और व्रत के दौरान स्वास्थ्य का सही तरीके से ख्याल रखा जाए।
बीपी और डाइबिटीज की मरीज महिलाएं इन बातों का रखें ध्यान
व्रत के दौरान ब्लड प्रेशर लो होना आम बात है। अगर आप हाइपरटेंशन या हाइपोटेंशन की मरीज हैं, तो करवाचौथ के दौरान कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें। क्योंकि इस दिन अधिकतर महिलाएं निर्जला व्रत ही रखती हैं।
-व्रत रखने से पहले अपनी बीपी जांच करवाए और डॉक्टर से सलाह लें।
-करवाचौथ में निर्जला व्रत रखा जाता है। लेकिन अगर आपको हाई बीपी की समस्या है तो डिहाइड्रेशन से यह और बढ़ सकता है। इसलिए पहले से लिक्विड इनटेक बढ़ा लें ताकि व्रत में डिहाइड्रेशन न हो।
-अगर आप करवा चौथ का व्रत रख रही हैं तो निर्जला उपवास शुरू होने से पहले खूब पानी पिएं। ऐसा करने से आप ज्यादा समय तक हाइड्रेट रहेंगे। जिससे ब्लड शुगर के स्तर में बदलाव हो सकता है।
-अगर आपको चक्कर आना, कमजोरी या तेज भूख का अनुभव होता है। तो तुरंत अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करनी चाहिए। शुगर लेवल में ज्यादा उतार-चढ़ाव के हालात उपवास तोडऩा जरूरी हो सकता है।
-अगर आप करवा चौथ का व्रत रख रही हैं। तो कोशिश करें कि तनाव से पूरी तरह से दूर करें। क्योंकि स्ट्रेस का ब्लड शुगर पर प्रभाव पड़ता है। इसके लिए माइंडफुलनेस और रिलैक्सिंग एक्सरसाइज की मदद ले सकते हैं।