'लंबी-लंबी लड़ाई और इंतजार के बाद अब हम उम्मीद कर रहे हैं कि हमारे बहादुर दिल को न्याय मिलेगा, जो मौत की सजा से कम नहीं होना चाहिए।
ऐसे अपराध के हर पापी को मौत की सजा मिलनी चाहिए.ÓÓ
- शोध छात्रा के पिता
50 गवाहों की हुई गवाही
दयालबाग शिक्षण संस्थान (डीईआई) की लैब में शोध छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में अभी तक ट्रायल पूरा नहीं हो सका है। 11 साल में कोर्ट में 50 गवाहों की गवाही हुई है। अब एवीडेंस पर जिरह होनी है। शोध छात्रा के पिता को लंबी कानूनी लड़ाई के बाद न्याय की पूरी उम्मीद है। उनका कहना है कि दोषियों को सजा मिलने के बाद ही उन्हें चैन और बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी।
11 साल पहले हुआ था मर्डर
दयालबाग शिक्षण संस्थान की नैनो बायो टेक्नोलाजी लैब में 15 मार्च 2013 को शोध छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। हत्या के आरोप में पुलिस ने उदय स्वरूप को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। बाद में मामले की जांच सीबीआई ने की। मजबूत साक्ष्य जुटाने के बाद आरोपी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी। अब केस की सुनवाई एडीजे प्रथम की अदालत में चल रही है। शोध छात्रा के पिता ने बताया कि मामले में अब तक 50 गवाहों की गवाही हो चुकी है। इसमें छात्रा के परिजन के साथ संस्थान के कुछ लोग, सीबीआई, पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर्स, फोरेंसिक लैब में जांच करने वाले वैज्ञानिक और आरोपी भी शामिल हैं। केस की अगली तारीख 19 मार्च को है। अब एवीडेंस पर जिरह हो सकती है।
जेल में है आरोपी
जघन्य हत्याकांड का मुख्य आरोपी उदय स्वरूप अभी जेल में है। जबकि दूसरा आरोपी यशवीर ङ्क्षसह संधू जमानत पर बाहर है। शोध छात्रा के पिता का कहना है कि अदालत पर उन्हें पूरा भरोसा है। कोरोना संक्रमण काल में भी अदालत में सुनवाई चलती रही। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद ही सुनवाई कुछ दिन के लिए बंद हुई, इसके बाद फिर से चालू हो गई। बचाव पक्ष ने रोड़ा लगाने की कई बार कोशिश की थी। मगर, सफलता नहीं मिली। उनकी ओर से केस को अधिक समय तक चलाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। कई बार उन पर दबाव बनाने की कोशिश की गई। अब हम दोषियों को फांसी की सजा होने का इंतजार कर रहे हैं। जिन्होंने हमारी तीन पीढिय़ों को बर्बाद किया है, उनके खिलाफ न्याय मिलने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी।
बेटी सपनों में आकर मांगती है न्याय
शोध छात्रा के पिता बताते हैं कि 11 सालों में 300 से अधिक तारीख पड़ चुकी हैं। वे कुछ तारीखों को छोड़कर सभी पर कोर्ट में पेश हुए। वे यह भी नहीं सोचते हैं कि केस को कितना समय हो गया है? बेटी सपनों में आकर इंसाफ मांगती है। अब उनकी ङ्क्षजदगी का मकसद बेटी को न्याय दिलाना ही है।
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला
आरोपी पक्ष की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर करके दुष्कर्म के चार्ज पर पुर्नविचार करने को आग्रह किया था। हाईकोर्ट ने इसके आधार पर न्यायालय को दोबारा विचार करने को कहा था। इसके बाद छात्रा के पिता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोप पर सुनवाई जारी रखने के आदेश दिए। सुप्रीम कोर्ट ने हत्याकांड को लेकर टिप्पणी भी की थी।
कब क्या हुआ?
- 15 मार्च 2013 : डीईआई की नैनो बायो टेक्नोलाजी लैब में 24 वर्षीय शोध छात्रा की हत्या, कार खेलगांव के पास लावारिश हालत में मिली थी।
- 17 मार्च 2013 : पुलिस ने लैब के पास से शोध छात्रा का लैपटाप बरामद किया।
- 18 मार्च 2013 : डीईआई परिसर की झाडिय़ों में छात्रा का मोबाइल बरामद, सिम और मेमोरी कार्ड गायब था।
- 22 अप्रैल 2013 : पुलिस ने हत्याकांड के मामले में डीईआई के छात्र उदय स्वरूप और लैब टेक्नीशियन यशवीर संधू को जेल भेजा।
- 18 जुलाई 2013 : पुलिस ने उदय स्वरूप और यशवीर संधू के खिलाफ चार्जशीट अदालत में पेश। हत्या का कारण दुष्कर्म का प्रयास बताया। यशवीर संधू पर एवीडेंस को नष्ट करने का आरोप था।
- 22 जुलाई 2013 : राज्य सरकार की संस्तुति पर मुकदमा सीबीआई को स्थानांतरित किया गया।
- 19 फरवरी 2014 : दोनों आरोपी हाईकोर्ट से जमानत पर जेल से बाहर आए।
- 5 जनवरी 2016 : सीबीआई ने अदालत में चार्जशीट दाखिल की। जिसमें उदय स्वरूप को हत्या, दुष्कर्म और एवीडेंस को नष्ट करने का आरोपी बनाया। यशवीर संधू को आरोपी नहीं बनाया गया।
- 22 मई 2016 : उदय स्वरूप को दोबारा जेल भेजा गया। आरोपी अभी भी जेल में निरुद्ध है।
- 2 मई 2018 : प्रदेश सरकार ने केस में प्रभावी पैरवी के लिए पूर्व डीजीसी अशोक कुमार गुप्ता को स्वतंत्र लोक अभियोजक नियुक्त किया।