आगरा (ब्यूरो)। राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशफाक सैफी को धमकी देने के आरोप में अधीक्षण पुरातत्वविद् समेत तीन के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि ताजमहल, फतेहपुर सीकरी में अव्यवस्थाओं और फर्जीबाड़ा की शिकायत महानिदेशक एएसआइ से की थी। शिकायत वापस न लेने पर धमकी दी गई है।

सत्य नगर, जगदीशपुरा के अशफाक सैफी राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष हैं। उन्होंने बताया ताजमहल, फतेहपुर सीकरी और किला समेत अन्य एतिहासिक इमारतों के रखरखाव पर करोड़ों रुपये खर्च होते हैं। इसके बावजूद अव्यवस्था के साथ पर्यटकों के साथ हादसे हो रहे हैं। इसको लेकर उन्होंने 22 सितंबर को महानिदेशक एएसआइ को शिकायत भेजकर अधीक्षण पुरातत्वविद् की जांच कराने की मांग की थी। अशफाक सैफी का आरोप है कि छह अक्टूबर की रात आठ बजे उनके पास पुरातत्व विभाग के दो कर्मचारी पहुंचे। कहा कि उन्हें डॉ। राजकुमार पटेल ने भेजा है, आप अपनी शिकायत वापस ले लें। वे उनसे शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने को कहने लगे। मना करने पर अपने मोबाइल से उनकी बात कराने का प्रयास किया, जब उन्होंने इन्कार किया तो परिणाम भुगतने की धमकी देकर चले गए। पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र शेखावत से मिलने का समय मांगा है। उनसे मिलकर पूरे घटनाक्रम से अवगत कराएंगे। इंस्पेक्टर जगदीशपुरा आनंदवीर ङ्क्षसह ने बताया कि पूर्व अध्यक्ष की तहरीर पर डा.राजकुमार पटेल व दो अज्ञात के खिलाफ गाली-गलौज, धमकी और आपराधिक षडय़ंत्र की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। विवेचना में साक्ष्यों के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

प्रकरण से कोई लेना देना नहीं: पटेल

अधीक्षण पुरातत्वविद् डा.राजकुमार पटेल का कहना है कि मुझ पर फर्जी आरोप लगाए गए हैं। मैंने अशफाक सैफी को मानहानि का नोटिस भेजा था। धमकी प्रकरण से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। हम कानूनी प्रक्रिया में हैं।