आगरा (ब्यूरो)। परिवार परामर्श केंद्र दंपतियों के मध्य छोटी-छोटी बातों पर होने वाली तकरार को दूर कर उनके मध्य प्रेम की डोर एक बार फिर जोडऩे में सफल रहा है। वर्ष 2020 से सितंबर, 2024 तक पांच वर्षों में केंद्र में 11,443 मामले आए, जिनमें से 2409 दंपतियों के मामले में समझौता कराया गया। ङ्क्षचता करने वाली बात यह है कि दंपतियों के मध्य बढ़ती रार अब परिवार से बाहर निकलकर परिवार परामर्श केंद्र तक पहुंच रही है। इस वर्ष जनवरी से सितंबर तक केंद्र में 3235 मामले आए, जो पिछले पांच वर्षों में सर्वाधिक हैं।


आगरा में परिवार परामर्श केंद्र की स्थापना 25 अक्टूबर, 2008 को पुलिस लाइंस में हुई थी। इस वर्ष पुलिस ग्राउंड में हाईटेक पुलिस परामर्श केंद्र की स्थापना की गई। इसमें दंपतियों के आपसी मतभेद को दूर करने को काउंसङ्क्षलग के लिए आठ वातानुकूलित कक्ष, बच्चों के लिए क्रेच आदि बनाए गए हैं। दंपतियों की प्राइवेसी का ध्यान रखा जा रहा है। कालीबाड़ी, नूरी दरवाजा के रहने वाले डॉ। देवाशीष भट्टाचार्य को परिवार परामर्श प्रकोष्ठ कमिश्नरेट आगरा के प्रभारी ने पिछले पांच वर्षों के आंकड़े सूचना का अधिकार (आरटीआई) में उपलब्ध कराए हैं। डॉ। भट्टाचार्य ने परिवार परामर्श केंद्र में महिला व पुरुषों द्वारा दर्ज कराए गए मामलों की अलग-अलग संख्या की भी जानकारी मांगी थी, लेकिन उन्हें यह उपलब्ध नहीं कराई गई है।

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ऐसे करता है काम
-परिवार परामर्श केंद्र किसी प्रकरण को सीधे न्यायालय नहीं भेजता है।
-परिवार परामर्श केंद्र में किसी प्रकार का आर्थिक या शारीरिक दंड नहीं दिया जाता है।
-काउंसलर की नियुक्ति यूनिसेफ द्वारा जारी स्टैंडर्ड आपरेङ्क्षटग प्रोसीजर के अनुसार होती है।
-परामर्शदाताओं द्वारा परिवार परामर्श केंद्र में निश्शुल्क जानकारी दी जाती है।
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परिवार परामर्श केंद्र के मामलों की स्थिति
वर्ष, प्रार्थना पत्र
2020, 802
2021, 3201
2022, 1882
2023, 2323
2024, 3235
नोट: वर्ष 2024 के आंकड़े सितंबर तक के हैं।