आगरा (ब्यूरो ) Cyber Crime: ईडी, सीबीआइ और पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर लूटने वाले गैंग का गुरुवार को साइबर क्राइम थाना पुलिस ने पर्दाफाश कर कर दिया। चेन्नई से कंप्यूटर साइंस में बीटेक कर चुका असोम का रहने वाला सोहेल अकरम गिरोह का सरगना था। गुरुग्राम में कंपनी खोलकर गैंग चलाता था। चार माह में गैंग डिजिटल अरेस्ट कर चार करोड़ की ठगी कर चुके हैं। पुलिस ने सोहेल और उसके तीन साथियों को गिरफ्तार किया है।
तीन महीने में वसूल चुके हैं चार करोड़
फतेहाबाद मार्ग स्थित राज अपार्टमेंट में रहने वाले रिटायर्ड टीटीई नईम बेग को 13 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी बनकर डिजिटल अरेस्ट किया। वे कुछ समझ पाते, तब तक उनके एकाउंट से 15 लाख रुपए अपने एकाउंट में ट्रांसफर करवा लिए। ठगी का एहसास होने पर नईम बेग ने साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया। जांच में जुटी साइबर थाने की टीम गैंग तक पहुंच गई.डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने पत्रकार वार्ता में बताया कि सोहेल अकरम, मो। राजा रफीक, मो। दानिश, मो। कादिर को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने जिस दिन नईम बेग से 15 लाख रुपए जिस खाते में जमा कराए थे, उक्त खाते में उसी दिन अलग-अलग जगहों से 2.70 करोड़ रुपए डाले गए थे। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि डिजिटल अरेस्ट से तीन महीने में चार करोड़ रुपए वसूल चुके थे। यह रकम गिरोह के सभी सदस्यों में उनकी जिम्मेदारी के अनुसार बंटती थी। आरोपियों और उनसे जुड़़े अन्य लोगों के खाते सीज कराए गए हैं। गैंग का मास्टरमाइंड सोहेल लग्जरी लाइफ जीता था। पहले नौकरी के नाम पर बेरोजगारों से ठगी करता था.-ऐसे बनाते थे शिकार पुलिस के अनुसार मास्टर माइंड सोहेल ने गुरुग्राम में अपना आफिस खोला। गिरोह के तीन सदस्य सोशल मीडिया के जरिए शिकार खोजते। इसके बाद सोहेल वाट््सएप के जरिए काल करके फंसाने का काम करता था। फतेहाबाद रोड निवासी नईम बेग को उसी ने फोन किया था। बातों के जेल में इस तरह फंसाया कि वह बाहर ही नहीं निकल पाए। 15 लाख रुपए खाते में ट्रांसफर कराने के बाद उनसे कहा कि वे किसी को कुछ न बताएं। अगर मामला खुला तो पूरा जीवन जेल में कटेगा।
एक दिन में 2.70 करोड़ निकालकर खाते बंद
पुलिस की जांच में पता चला कि आरोपियों ने दिल्ली के जिस खाते में 15 लाख रुपए जमा कराए थे, उसमें 24 घंटे में 2.70 करोड़ रुपए विभिन्न खातों में जमा कराने के बाद निकाले गए थे। रकम निकालने के बाद खाते बंद भी कराए गए थे। इन खातों को मजदूर वर्ग के लोगों को रुपयों का लालच देकर खोला गया था। फर्जी आईडी लगाई गई थीं।
चार जालसाज
सोहेल अकरम, सरगना: असोम के करीमगंज जिले के रहना वाला। चेन्नई की एसआरएम विश्वविद्यालय से वर्ष 2014 में कंप्यूटर साइंस में बीटेक। चार वर्ष पहले गुरुग्राम और दिल्ली में आकर कंपनी खोली। बैङ्क्षटग एप के जरिए ठगी करने लगा। दिल्ली के कमला मार्केट, हरी नगर, साकेत में मुकदमे दर्ज हैं। चार महीने पहले दिल्ली से जमानत पर छूटा था.-मोहम्मद राजा रफीक: मूल रूप से भीलवाड़ा राजस्थान के थाना सुभाषनगर क्षेत्र का रहने वाला। दसवीं पास राजा रफीम गिरोह के लिए फर्जी सिम की व्यवस्था करता था। वर्तमान में कूचा ताराचंद थाना दरियागंज दिल्ली में रहता है। कई बार जेल भी जा चुका है.-मोहम्मद दानिश और मोहम्मद कादिर: बागपत के बड़ौत के पारस विहार में रहने वाले दोनों सगे भाई हैं। दिल्ली में सोहेल अकरम से मुलाकात के बाद गिरोह में शामिल हुए। फर्जी आइडी पर खाता खुलवाने की जिम्मेदारी देखते थे।