आगरा( ब्यूरो) बीते 15 सालों से एकाकी जीवन जी रहीं 65 वर्षीय शिक्षिका का शव उनके बंद घर में मिला। तीन दिन से संपर्क न होने पर आशंकित भाई मैनपुरी से मिलने पहुंचे थे। बंद घर से आ रही बदबू की शिकायत पर पुलिस पहुंची और दरवाजा तोड़कर शव को निकाला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण हार्ट अटैक बताया गया है।


15 वर्षो से अकेली रहती थी
सेक्टर 16, सिकंदरा आवास विकास कॉलोनी स्थित मेयर आवास के सामने एलआइजी घर में 65 वर्षीय विमलेश पाठक पिछले 16 वर्ष से अकेले रहती थीं। बताया गया है कि शादी के एक वर्ष बाद ही पति से अलगाव हो गया था। कॉलोनी में रहने वाले पड़ोसियों से भी कोई संवाद नहीं था। घर से परचूनी की दुकान तक ही उनका आना-जाना होता था। मैनपुरी शहर में सारंग इलैक्ट्रानिक्स के पास उनका मायका था। शिक्षिका के भाई कृष्ण गोपाल पाठक ने शनिवार दोपहर मैनपुरी से सिकंदरा थाना पुलिस को फोन किया। बताया कि उनकी बहन विमलेश तीन दिन से काल रिसीव नहीं कर रही हैं। शाम को वे आगरा पहुंचे घर के अंदर से बदबू आ रही थी। इसकी सूचना पर सिकंदरा पुलिस पहुंच गई। पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो बेड पर उनका शव पड़ा था। शव तीन दिन से ज्यादा पुराना बताया जा रहा है। इंस्पेक्टर सिकंदरा नीरज कुमार ने बताया पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण दिल का दौरा पडऩे से होना आया है।

- दस दिन पहले सद्भावना सम्मेलन में गई थी फरह
विमलेश पाठक 15 वर्ष से सिकंदरा रेलवे ओवर ब्रिज के पास स्थित श्रीहंस सत्संग सभा से जुड़ी थीं। प्रत्येक रविवार को नियमित रूप से सत्संग में शामिल होने जाती थीं। सत्संग सभा के पदाधिकारी विश्वनाथ ङ्क्षसह भदौरिया ने बताया कि विमलेश आखिरी बार 29 सितंबर को फरह में दीनदयाल धाम में आयोजित सदभावना सम्मेलन में शामिल होने गई थीं। वहीं, कॉलोनी के लोगों ने बताया कि वह विमलेश को पांच दिन से घर के बाहर लोगों ने नहीं देखा था।