आगरा। (ब्यूरो) आगरा कमिश्नरेट में इस वर्ष जनवरी से अक्टूबर के दौरान साइबर शातिर अलग-अलग लोगों से पांच करोड़ से अधिक की धनराशि ठग चुके हैं। साइबर क्रिमिनल्स के गैंग ने किसी को डिजिटल अरेस्ट किया, कुछ को स्टाक मार्केट में निवेश का झांसा दिया। वहीं, कई लोगों को बीमा पॉलिसी और ऑनलाइन ट्रेङ्क्षडग के नाम पर ठगी का शिकार बनाया जा रहा है।
डिजीटल ठगी के सबसे अधिक केस
साइबर थाने में इस वर्ष 142 मुकदमे दर्ज किए गए। पीडि़तों द्वारा शिकायत करने पर समय रहते कार्रवाई कर सवा दो करोड़ रुपए वापस कराए। इस वर्ष एक दर्जन से अधिक साइबर क्रिमिनल्स को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। वहीं इससे भी अधिक मामले ऐसे हैं जो साइबर क्रिमिनल्स के गुमराह करने पर ठगी का शिकार हुए हैं, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने थाने मेें कंप्लेन नहीं की है। दस महीने में दर्ज किए गए 142 केस ही दर्ज किए गए हैं। इसमें से सबसे अधिक 53 ठगी के मामले डिजिटल अरेस्ट के हैं।
केस एक
इन्वेस्टमेंट के नाम पर ठगे 52 लाख रुपए
शाहगंज के रहने वाली मनीष कुशवाह को लजार्ड स्टाक एक्सचेंज नामक वाट््सएप ग्रुप से जोड़कर साइबर क्रिमिनल्स ने इनवेस्टमेंट करने पर अच्छा लाभ होने का भरोसा दिलाया है। स्टाक मार्केट में इन्वेस्टमेंट के नाम पर उनसे 52 लाख रुपए ठग लिए। साइबर सेल में शिकायत करने पर उसने जिन खातों में रकम भेजी गई थी, उन्हें फ्रीज कराया गया। साइबर क्रिमिनल्स तब तक खातों से रकम निकॉल चुके थे। सेल उनके 2.15 लाख रुपए ही वापस करा सका।
केस दो
साइबर सेल ने वापस कराए 14 लाख
रकाबगंज के एक अपार्टमेंट में रहने वाले रत्ती खंबाटा को साइबर क्रिमिनल्स ने डिजिटल अरेस्ट कर लिया। नारकोटिक्स विभाग को बताया कि उनके नाम से मुंबई से ईरान जाने वाले पार्सल में मादक पदार्थ पाया गया है। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। महिला को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर क्रिमिनल्स ने अपने खाते में 20 लाख रुपए स्थानांतरित करा लिए। साइबर सेल ने पीडि़ता के करीब 14 लाख रुपए वापस कराए गए।
केस3
डिजिटल अरेस्ट से टीचर की मौत
साइबर क्रिमिनल्स के फेंक कॉल से एक शिक्षिका की मौत हो चुकी है। ठगों ने महिला से कॉल कर उसकी बेटी को सेक्स रैकेट में पकड़े जाने की बात कही थी, इससे महिला सदमे मेें आ गई, घटना के चार घंटे बाद उसकी मौत हो गई। इसके ठीक दो दिन बाद एक और शिक्षिका को डिजिटलन अरेस्ट किया गया। उनसे ठगों ने तीस हजार रुपए ठग लिए। इस मामले में पुलिस ने तीन साइबर ठगों को अरेस्ट करने का दावा किया है।
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ठगी से बचने के लिए ये रूल्स करें फॉलो
-अपरिचित कॉल को रिसीव नहीं करें, वाट््सएप में अपरिचित कॉल साइलेंट करने का फीचर आता है, इसे सेङ्क्षटग में जाकर एक्टिवेट कर ले। जिससे अपरिचित कॉल से छुटकारा मिल जाएगा।
-डिजिटल अरेस्ट, शेयर ट्रेङ्क्षडग, बच्चे के अपहरण व उनके सेक्स रैकेट में पकड़े जाने की कॉल पर कतई यकीन नहीं करें।
-किसी भी राज्य की पुलिस वाट््सएप कॉल करके लोगों को बचाने के लिए रकम नहीं मांगती। इस तरह की किसी भी कॉल आने पर नजदीकी पुलिस थाने में जाकर सूचना दें।
-कोई कॉल करके कहता है कि मनी लांड्रिग या ड्रग्स तस्करी में आपको डिजिटल अरेस्ट किया जाता है तो कॉल कट कर दें। पुलिस को सूचना दें।
-व्यक्तिगत जानकारी, पहचान पत्र या प्रपत्र किसी को भी शेयर नहीं करें।
-समय-समय पर अपना आईडी-पासवर्ड को बदलते रहें। सुरक्षित और मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें।
-अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल की प्राइवेसी सेङ्क्षटग्स को सुरक्षित रखें, अनजान लोगों को अपनी जानकारी से अवगत न कराएं।
-किसी भी अनजान ङ्क्षलक पर क्लिक नहीं करें, अपनी बैंक डिटेल्स व ओटीपी किसी को साझा नहीं करें।
साइबर क्रिमिनल्स से बचाव के लिए लोगो के बीच लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। शहर के स्कूल और कॉलेजों के साथ अलग-अलग विभाग के साथ पेंशनर्स की कार्यशाला आयोजित की गई है। इस तरह की कॉल के झांसे में न आएं। कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखकर साइबर अपराध का शिकार होने से बचा जा सकता है।
सूरज कुमार राय , डीसीपी सिटी