आगरा (ब्यूरो)। Agra Crime News: भारतीय क्रिकेटर राहुल चाहर के पिता से एक बिल्डर ने 26.50 लाख की धोखाधड़ी की है। राहुल के पिता ने 12 वर्ष पहले उनके लिए गैलेक्सी निर्माण प्राइवेट लिमिटेड से प्लॉट खरीदा था। इस पर बिल्डर को मकान बनाकर देना था। पूरी रकम जमा कराने के बाद भी बिल्डर ने बैनामा नहीं किया। गुरुवार को बिल्डर के खिलाफ जगदीशपुरा थाने में 26.50 लाख की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्होंने बिल्डर वासुदेव गर्ग पर गाली-गलौज व जान से मारने की धमकी देने का भी आरोप लगाया है।
दो प्लॉट किए थे बुक
शास्त्रीपुरम के विश्वकर्मा विहार में रहने वाले देशराज चाहर, भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य राहुल चाहर के पिता हैं। उन्होंने बताया, नई दिल्ली के लाजपत नगर की कंपनी गैलेक्सी निर्माण प्राइवेट लिमिटेड (राजदरबार ग्रुप) के मालिक वासुदेव गर्ग गांव मघटई जगदीशपुरा में नरसी विलेज के नाम से कॉलोनी बना रहे थे। उन्होंने 11 अगस्त 2012 में इसमें दो प्लॉट बुक किए थे। बिल्डर ने बिना उनको कोई सूचना दिए इसमें से एक प्लॉट संख्या पांडव नगर के लवकांत और कुशकांत को बेच दिया। जानकारी होने पर उन्होंने बिल्डर वासुदेव से संपर्क किया। बिल्डर ने पांच साल बाद 6.80 लाख रुपए वापस करते हुए उन्हें दूसरा प्लॉट पुराने मूल्य पर ही देने का आश्वासन दिया।
नहीं किया बैनामा
देशराज चाहर ने बताया, वर्ष 2018 में उन्होंने भूखंड बेटे राहुल चाहर के नाम स्थानांतरित कर दिया। इसका इकरारनामा कंपनी में जमा करा दिया। प्लॉट पर मकान बनाने के लिए 26.50 लाख रुपए का भुगतान कर दिया। वर्ष 2023 में मकान का निर्माण पूरा हो गया, लेकिन बिल्डर वासुदेव गर्ग ने मकान का बैनामा नहीं किया। बिल्डर भूखंड की तरह उनका मकान भी किसी अन्य को बेचने की तैयारी में है। पांच मई 2024 को कंपनी के कर्मचारी अरुण गुप्ता और पीयूष गोयल से मिले। बैनामा की कहने पर गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी दी। अपर पुलिस आयुक्त से जुलाई में उन्होंने इसकी शिकायत की। दो माह तक चली जांच के बाद देशराज चाहर की तहरीर पर जगदीशपुरा थाने में गुरुवार को बिल्डर वासुदेव गर्ग और कंपनी के कर्मचारी अरुण गुप्ता व पियूष गोयल के खिलाफ धोखाधड़ी, मारपीट और अमानत में खयानत की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। वहीं राजदरबार ग्रुप के सलाहकार पवन दीक्षित का कहना है, देशराज चाहर ने कंपनी से भूखंड की खरीदारी ही नहीं की, थर्ड पार्टी से की है। ऐसे में उनका आरोप गलत है। उन्होंने प्रोजेक्ट बिकवाने के लिए पहले कार्य किया है और उसके बदले लाभ भी लिया।
क्रिकेटर राहुल चाहर के पिता देशराज चाहर की तहरीर की जांच कराई गई थी। देशराज चाहर के पास मकान के लिए किए गए भुगतान के साक्ष्य हैं। जांच के बाद उसी के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सूरज कुमार राय, डीसीपी सिटी