बालकनी का आधा हिस्सा गिरा
शहर में 30 किमी लंबा मेट्रो ट्रैक होगा। 14 किमी लंबे पहले कॉरिडोर में साढ़े सात किमी भूमिगत ट्रैक बन रहा है। एक महीने पहले आगरा कॉलेज मैदान से दो टीबीएम से खोदाई चालू हुई थी। सात सितंबर को एक टीबीएम मोती कटरा के नीचे खोदाई कर रही थी। खोदाई से रेखा यादव, मंजू यादव, नीतू, जग्गा सहित आधा दर्जन लोगों के मकानों में दरार आ गई। रेखा यादव के मकान की बालकनी का आधा हिस्सा गिर पड़ा। क्षेत्रीय लोगों ने इसकी शिकायत यूपीएमआरसी के अधिकारियों से की। रात दस बजे जांच के लिए टीम पहुंची। टीम ने मकान में आई दरार की मरम्मत की बात कही। क्षेत्रीय लोगों ने विरोध जताया। पूरे मकान की मरम्मत कराने के लिए कहा। लिखित रूप में पत्र देने पर भी जोर दिया। गुरुवार को सोशल मीडिया में वीडियो वायरल हो गया। इसमें बालकनी का मलबा नीचे पड़ा हुआ नजर आ रहा है। लोग विरोध कर रहे हैं। क्षेत्रीय निवासी हर्ष कुमार ने बताया कि यूपीएमआरसी अधिकारियों द्वारा वादा पूरा नहीं किया जा रहा है। इसकी शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से की जाएगी।


टनल की खोदाई से पहले 400 से अधिक सेंसर लगाए गए थे। सेंसर का डाटा चेक किया जा रहा है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पंचानन मिश्र, संयुक्त महाप्रबंधक, आगरा मेट्रो

पहले ही किया था आगाह
दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने मोतीकटरा क्षेत्र में मेट्रो कार्य के चलते आईं दरार को लेकर पहले ही आगाह किया था। तब दरारों के लिए मेट्रो के कार्य के होने की वजह से यूपीएमआरसी के अधिकारियों ने इंकार किया था। ऐसे में जर्जर हो चुके मकानों के नीचे से किस तरह अंडरग्राउंड मेट्रो ट्रैक बिछाया जा सकेगा, इसको लेकर अधिकारियों ने चुप्पी साध ली थी। जबकि उसी समय से क्षेत्रीय लोग मकानों में आ रही दरार को लेकर कई बार मेट्रो ऑफिशियल को जानकारी दे चुके हैं। क्षेत्रीय निवासी छीतरमल ने बताया कि मेट्रो की टीम क्षेत्र में कई बार दौरा कर चुकी है, हर बार देखकर चली जाती है। हर वर्षों से यहां रह रहे हैं, लेकिन कभी किसी तरह की दरार नहीं आई। जब से क्षेत्र में मेट्रो का काम शुरू हुआ दरार आना शुरू हो गईं। मेट्रो अधिकारियों के गैरजिम्मेदाराना रवैये के चलते क्षेत्र में हादसे की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।