वर्षा और कोटा बैराज से छोड़े गए पानी के कारण चंबल नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है। इससे किनारे के आसपास रहने वालों को उफान देख भय सताने लगा है। बच्चों का बाहर खेलना बंद करा दिया है, जबकि पशुओं को भी नदी किनारे नहीं जाने दिया जा रहा है। ङ्क्षसचाई विभाग ने मंगलवार को जलस्तर के 125 मीटर पहुंचने की आशंका जताई थी। वहीं इसके बाद भी जलस्तर अभी तेजी से बढ़ेगा। वर्ष 2022 में नदी में उफान आया था और पुराने हाई फ्लड लेवल को पार कर जलस्तर 137.6 मीटर तक पहुंच गया था। इससे क्षेत्रीय लोगों को बड़ा नुकसान हुआ था। अधिशासी अभियंता केपी ङ्क्षसह ने बताया कि जलस्तर पर निगाह रखी जा रही है। लोगों को पशुओं को नहीं ले जाने और किनारे पर नहीं जाने से के लिए जागरूक किया जा रहा है। जलस्तर में अभी और वृद्धि की आशंका है।