नागरिकों के लिए सरल हो सीएए का प्रोसेस
इसकी लंबे समय के बाद नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए को अमल में लाया गया है। क्योंकि जनवरी 2020 में राष्ट्रपति की मुहर लगने के साथ यह कानून अस्तित्व में आ गया था। सोमवार को इसे लागू कर दिया गया है। शहर के राजनैतिकदल और सामाजिक संगठनों द्वारा इस निर्णय का स्वागत किया गया है। वहीं, सरकार से अपील की है कि नागरिकता संशोधन कानून के प्रोसेस को सरल बनाया जाए, जिससे लोगों को समस्या न हो


मुस्लिमों में भ्रम फैलाने वाले देशद्रोही
राज्यसभा सांसद नवीन जैन ने कहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू करके भारतीय जनता पार्टी ने दिखा दिया है कि पार्टी जो कहती है, वह करती है। धारा 370 को हटाकर सीएए को लागू करने से स्पष्ट है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह केवल संविधान से देश को चला रहे हैं। श्री जैन ने कहा कि सीएए किसी की भी नागरिकता छीनने का नहीं बल्कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दी जाएगी।


मिश्रित आबादी में हो चुका है विरोध
शहर में सीएए यानी नागरिकता कानून को लेकर मिश्रित आबादी वाले इलाकों में विरोध प्रदर्शन हो चुका है, पुलिस ने विरोध करने वाले लोगों को समझाने का प्रयास किया था, लेकिन तब कोई भी समझने को तैयार नहीं थी, अब लोग अवेयर हो चुके हैं। वे जान चुके हैं कि कानून देश की सुरक्षा के लिए है, ना कि किसी की नागरिकता छीनने के लिए है।


सीएए पर क्या कहते हैं लोग


भाजपा नेता केके भारद्वाज ने सीएए लागू करने के लिए मोदी सरकार को बधाई दी। उन्होंने सीएए को नागरिकता देने वाला स्वागत योग्य कानून, सरकार ने देश में नागरिकता संशोधन लागू करके तीन देशों के पीडि़त 6 धर्मों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) के अल्पसंख्यकों को सम्मान की जिंदगी जीने का अधिकार देना एक मानवीय कार्य है।
केके भारद्वाज, भाजपा नेता


सीएए सिर्फ उन अल्पसंख्यक लोगों को नागरिकता देने के लिए है जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीडऩ का सामना करने के बाद भारत आए हैं। ऐसे में वे एक सम्मानजनक जिंदगी जी सकेंगे। लोगों को कानून को लेकर जानकारी का अभाव है।
हेमंत भारद्वाज, एडवोकेट


शहर के लोगों ने सामाजिक संगठनों द्वारा इस निर्णय का स्वागत किया गया है। वहीं, सरकार से अपील की है कि नागरिकता संशोधन कानून के प्रोसेस को सरल बनाया, जाए जिससे लोगों को समस्या न हो, वही लोगों को इसके बारे में सही जानकारी होनी चाहिए।
हरजीत कौर, एडवोकेट


सीएए को लेकर शरारती तत्वों द्वारा गलत प्रचार किया गया कि यह कानून लागू हुआ तो मुसलमानों को देश की नागरिकता से वंचित कर दिया जाएगा। इस खतरनाक प्रचार में विरोधी दलों के साथ कई लोग शामिल रहे, लेकिन किसी को सही जानकारी नहीं थी।
एकता जैन



सीएए लागू होना ही चाहिए, क्योंकि ये देश की सुरक्षा से जुड़ा है, बार्डर पार कर आसानी से भारत में प्रवेश करने वाले किसी भी तरह से सुरक्षा को भेद दिया करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। निर्णय स्वागत योग्य है।
सुमन सुराना

असदुद्दीन औवेसी ने सीएए को मुसलमानों को बेघर करने की बात कहकर देशद्रोह का काम किया है। ममता बनर्जी ने कहा है सीएए लागू नहीं करेंगी। केंद्रीय कानून को लागू न करने की बात कहने का मतलब है कि पश्चिम बंगाल में जंगलराज है। ऐसी सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए। आखिर ममता बनर्जी को सीएए से परेशानी क्या है? सीएए से केवल बांग्लादेशी घुसपैठियों को ही परेशानी है।
नवीन जैन, राज्यसभा सांसद


2019 में नागरिकता कानून में जैसे संशोधन किए गए, वैसे संशोधन करने की मांग एक समय कांग्रेस एवं कुछ और दलों के नेताओं ने भी की थी, लेकिन तब संशोधन कर दिए गए तो विपक्षी दलों ने आसमान सिर पर उठा लिया। निर्णय का स्वागत करना चाहिए।
धीरज


नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश में जगह-जगह उपद्रव किया गया था। लेकिन यह लोगों को समझना होगा कि नागरिकता संशोधन कानून देश के लोगों को नागरिकता देने का है ना कि उनकी नागरिकता छीनने का।
जीत