आगरा( ब्यूरो) स्पेन निर्मित अत्याधुनिक मालवाहक विमान सी-295 गणतंत्र दिवस के पहले आगरा वायुसेना स्टेशन को मिल जाएंगे। कुल छह विमान यहां आएंगे, यह सभी विमान 12वीं स्क्वाड्रन का हिस्सा बनेंगे। इन विमानों को चलाने के लिए पायलटों का सिम्युलेटर से प्रशिक्षण अगले सप्ताह ही शुरू कर दिया जाएगा। सोमवार को मध्य वायु कमान के एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने इसके लिए सिम्युलेटर का शुभारंभ किया।
26 जनवरी से पहले आ जाएंगे विमान
आगरा वायुसेना स्टेशन मालवाहक विमानों का अड्डा है। यहां एएन-32, सी-130 जे। हरक्यूलिस विमान और एमआइ-17 हेलीकाप्टर हैं। इसमें अब सी-295 भी शामिल हो जाएगा। यह विमान 26 जनवरी के पहले यहां आएंगे। स्पेन से 16 विमान खरीदे गए हैं। वर्ष 2025 में छह और वर्ष 2026 में फिर छह विमान आगरा आएंगे। यह विमान टेक्टिकल शिफ्ट, पैराड्राङ्क्षपग, पैराट्रूङ्क्षपग, चिकित्सा निकासी और आपदा राहत सहित अन्य मिशन में अहम रोल अदा करेगा। इनके लिए पायलटों को प्रशिक्षित करने के लिए वायुसेना स्टेशन में सिम्युलेटर स्थापित किया गया है। सिम्युलेटर उच्च खतरे की स्थितियों का अनुकरण करने में सक्षम बनाता है। इनका वास्तविक संचालन में सामना किया जा सकता है। पायलट के प्रशिक्षण का यह एक अहम हिस्सा है। इससे बेहतर प्रशिक्षण भी मिल जाता है। सिम्युलेटर शुभारंभ के समय एयर कमोडोर एसके गुप्ता सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
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56 विमान की खरीद :
भारतीय वायुसेना का स्पेन से 56 सी-295 खरीद का अनुबंध हुआ है। इसमें 16 विमान स्पेन से बनकर आएंगे और 40 विमान वडोदरा स्थित टाटा की फैक्ट्री में बनाए जाएंगे।
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यह है विमान की खासियत:
विमान को उड़ान भरने के लिए 934 मीटर रनवे और उतरने के लिए 420 मीटर रनवे की जरूरत पड़ती है। विमान में 73 सैनिक या फिर 48 पैराट्रूपर बैठ सकते हैं। विमान की रेंज पांच हजार किमी और 11 घंटे तक एक ही स्थान पर स्थिर रह सकता है। 7650 लीटर का फ्यूल टैंक है। 482 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ सकता है।
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77 साल पूर्व हुई थी वायुसेना स्टेशन की स्थापना :
आगरा वायुसेना स्टेशन की स्थापना 15 अगस्त 1947 को हुई थी। ङ्क्षवग कमांडर शिवदेव ङ्क्षसह की निगरानी में संचालित हुआ। उस दौरान यह पश्चिमी वायु कमान में आता था। जुलाई 1971 में यह मध्य वायु कमान प्रयागराज में शामिल हो गया।