आगरा। (ब्यूरो) यह पूरा महीना ही त्योहारों से भरा हुआ है। त्योहारों के सीजन में घर में मिठाईयां भी खूब आती हैं। लेकिन, जाने-अनजाने लोग घर में नकली मिलावटी मिठाईयां ले आते हैं। मिलावट वाली मिठाई सेहत को एक नहीं बल्कि कई तरह से नुकसान पहुंचा सकती है। इस नकली मिठाई को खाना कई बार जानलेवा भी साबित हो जाता है। ऐसे में नकली और असली या असली और मिलावटी मिठाई में फर्क करना आना चाहिए। अगर खुद इसकी जांच करते हैं तो इस समस्या से बचा जा सकता है, क्योंकि विभाग की जांच रिपोर्ट आने तक उस प्रतिष्ठान की पूरी मिठाई ग्राहक खरीद लेते हैं। ऐसे में ग्राहक को खुद अलर्ट रहकर असली और नकली की पहचान करनी होगी।
मिलावटी मिठाई का बदलता है स्वाद
अगर मिठाई में मिलावट की जाती है तो उसका स्वाद बदल जाता है। मिठाई को खाकर देखने पर ही उसके स्वाद से समझ आ जाता है कि मिठाई मिलावटी है या नहीं। अगर आपको मिठाई का स्वाद जरा भी अलग या खराब लग रहा है, तो दुकानदार की बातों में आकर मिठाई ना खरीदें। इसका मिठाई लेते समय खास ध्यान रखना चाहिए, अक्सर देखा गया है कि दुकानदार ताजा और शुद्ध मिठाई का दावा करता है। ग्राहक उनकी बातोंंं में आकर मिलावटी मिठाई खरीद लेते हैं, जिसका खामियाजा बाद में भुगतना पड़ता है।
रंग से करें मिठाई की पहचान
मिठाईयों का अपना एक अलग रंग होता है। जो उन्हें केसर या इलायची वगैरह डालकर दिया जाता है। लेकिन, नकली मिठाइयों को उनका रंग केमिकल वाले रंग डालकर दिया जाता है। ऐसे में मिठाइयों का रंग अगर प्राकृतिक ना दिखे तो हो सकता है कि मिठाई में मिलावट की गई है। ऐसे में मिठाई को खरीदने से बचना चाहिए। रंग की मिठाई खाकर अक्सर लोग बीमार पड़ जाते हैं।
अलग से आती है भीनी-भीनी खुशबू
असली मिठाई में मेवों की भीनी-भीनी खुशबू होती है, लेकिन नकली मिठाई में यह खुशबू नहीं होती और कोई खुशबू होती भी हो तो वो अजीब सी लगती है। ऐसे में मिठाई को खरीदने से पहले एकबार सूंघकर देख लेना चाहिए। अगर मिठाई पुरानी लगती है तो एक अजीब सी खुशबू आती जो सही नहीं लगती, क्योंकि इस तरह की मिठाई ताजा तो बनी नहीं होती हैं, लेकिन इसमें डलने वाला मेवा शुद्ध नहीं होता या खराब होता है, उसको फ्राई किया जाता है, जिससे उसमें से आने वाली इस्मेल खत्म हो जाती है।
मिठाई का टेक्सचर चेक करें
असली मिठाई का टेक्सचर सोफ्ट, हल्की नमी वाला और कंसिस्टेंट होता है। इसके बिल्कुल उलट नकली मिठाई का टेक्सचर चिपचिपा, सख्त और अनइवन होता है। यानी एक समान नहीं होता है। ऐसे में ग्राहक को इस तरह की मिठाई से परहेज करना चाहिए।
चांदी वर्क की जगह लग रहा फॉइल वर्क
नकली और असली मिठाई (चांदी की वर्क ) में एक फर्क यह भी है कि असली मिठाई पर चांदी का वर्क लगा होता है, जबकि नकली मिठाई पर बहुत से दुकानदार फॉइल का वर्क लगाते हैं। इसकी जांच करने के लिए चम्मच से इस फॉइल को रगड़कर देखें। असली वर्क होगा तो चमचमाता हुआ नजर आएगा जबकि नकली फॉइल चमचमाता नहीं दिखेगा और जस का तस रहेगा।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी राजेश ग्रुप्ता का कहना है कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इन दिनों मिठाइयों की मांग और तेज़ हो जाती है,और यही वजह है कि बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अक्सर इन खाने की चीज़ों में मिलावट की जाती है। ये मिलावटी चीज़ें लोगों की सेहत के लिए बेहद नुक़सानदेह हो सकते हैं। खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफ़एसएसएआई) ने कुछ ऐसे आसान तरीके बताए हैं जिससे आप घर बैठे आसानी से मिलावट का पता लगा सकते हैं।
इस तरह परखें मिलावटी मिठाई
दूध में पानी की मिलावट करें पता
दूध की कुछ बूंदों को एक प्लेट पर रखें और उसे एक ओर थोड़ा झुकाएं। जिस दूध में मिलावट नहीं होगा वो दूध धीरे-धीरे बहता है और वो अपने पीछे एक सफे़द-सी लकीर छोड़ जाता है.
दूध में डिटर्जेंट का कैसे करें पता
एक कप में 5 से 10 मिली लीटर दूध लें, और उतना ही पानी मिलाएं। फिर दोनों को अच्छे से मिलाएं अगर दूध में डिटर्जेंट मिला है, तो उसके ऊपर गाढ़ा झाग बन जाएगा.
ताज़ा मावा तैलीय और दानेदार
खाद्य सुरक्षा विभाग हर साल दिवाली के समय कई टन नकली मावा जब्त करते हैं। मावा एक डेयरी उत्पाद है। इसे दूध को उबाल कर बनाया जाता है। ये सफेद या पीले रंग का होता है.
जांचने का तरीका-
खाद्य सुरक्षा विभाग के अनुसार, एक चम्मच मावा ल,ें और उसे गर्म पानी में मिलाएं। फिर उस कप में थोड़ा आयोडीन मिलाएं। मावा का रंग अगर नीला हो जाता है। तो उसमें मिलावट है.
घी में मिलावट करें पता
घी या मक्खन में मिलावट के लिए आमतौर पर मसले हुए आलू, शकरकंद और अन्य स्टार्च का इस्तेमाल किया जाता है.
मिठाई में मिलावट ऐसे करें पता
मिठाई में इस्तेमाल होने वाली चीनी या गुड़ में भी मिलावट हो सकती है। मिठाइयों की मिठास के लिए इस्तेमाल होने वाली चीनी, गुड़ और शहद भी मिलावट से अछूते नहीं हैं.
चीनी-गुड़ में चॉक पाउडर ऐसे पहचानें
एक कांच के गिलास में पानी लें, 10 ग्राम शहद को पानी में घोल लें। चीनी-गुड़ में अगर चॉक पाउडर मिला है तो वह गिलास में बैठ जाएगा.
चांदी की वर्क में एल्युमीनियम मिलाया जाता है जो एक कैंसर पैदा करने वाला कारक है, चांदी की बढ़ती क़ीमत के कारण इसमें भी मिलावट शुरू हो गई है। इसमें मिलावट के लिए एल्युमीनियम मिलाया जाता है जो कि एक कैंसर पैदा करने वाला कारक है.
डॉ। प्रिया चावला, फिजीशियन
मिठाई पर वर्क के एक टुकड़े को लें और अपनी दो उंगलियों के बीच रख कर रगड़ें। अगर चांदी शुद्ध हुई तो आसानी से टूटकर पाउडर बन जाएगी। लेकिन इसमें एल्युमीनियम की मिलावट है तो ये छोटे टुकड़ों में टूट जाएगी या इसकी गोलियां बन जाएगी.
राजेश गुप्ता, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी
मार्केट से हाल ही में केसर की मिठाई खरीदी थी, इसमें अजीब सी इस्मैल आ रही थी। दो दिन बाद मिठाई में पड़े केसर के टुकड़े सुकुड़ कर छोटे हो चुके थे। पता चला कि केसर की मात्रा को बढ़ाने को उसमें रंग मिलाया गया था।
डौली शर्मा, बाग फरजाना
दिवाली के सीजन में सोनपापड़ी को शुद्ध माना जाता है, लेकिन अब कुछ भी कहना मुश्किल है। मार्केट में केसर के नाम पर रंग और चांदी के वर्क के नाम पर पॉउडर डाला जा रहा है।
गरिमा भारद्धाज, आगरा कैंट