आगरा। अगर आप ऑनलाइन गेमिंग ऐप गेम को प्रमोट करने के नाम पर पैसा कमाना चाहते हैं, तो सावधान हो जाइए। क्योंकि, साइबर क्रिमिनल्स अब ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिए ठगी कर रहे हैं। ऑनलाइन गेम एयर फोर्स 1945 और जोंबीबार गेम को प्रमोट करने के लिए आपको घर बैठे दस से बारह हजार रुपए कमाने का लालच दे रहे हैं। जिसके जरिए आप ठगी का शिकार हो सकते हैं। साइबर सेल ने इस संबंध में अलर्ट जारी किया है।

साइबर क्रिमिनल्स का नया ट्रेंड
सोशल मीडिया पर एक्टिव साइबर फ्रॉड लोगों को मैसेज भेज कर ठगी का शिकार बना रहे हें। मैसेज के जरिए युवाओं को वर्क फ्रोम होम के जरिए दो से चार घंटे में दस से बारह हजार रुपए कमाने का लालच दिया जा रहा है। जिसमेें साइबर फ्रॉड लोगों से एयर फोर्स 1945 और जोंबीबार गेम डाउनलोड करने के लिए कहा जाता है, इसके बाद उस व्यक्ति से मोबाइल पर आईडी का फोटो सेंड करने के लिए कहा जाता है, इससे उसके मोबाइल फोन का एक्सेस साइबर क्रिमिनल्स के पास चला जाता है। इसके उनके खाते से एक के बाद एक ट्रांजेक्शन होने लगते हैं, फिर अकाउंट खाली हो जाता है।

साइबर सेल ने किया लोगों को अलर्ट
साइबर सेल ने ठगी के नए तरीके से लोगों को अलर्ट किया है। डीसीपी वेस्ट सोनम कुमार ने बताया कि साइबर क्राइम कई तरीके से लोगों को ठगी का शिकार बना सकते हैं, अधिकतर मामलों में लोगों को जॉब के जरिए रुपए कमाने का लालच दिया जाता है, बेरोजगार युवा इनके झांसे में आ जाते हैं। ऐसे में लोगों को अलर्ट रहने की जरुरत है, वे किसी भी अनजान व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें, पूरी तरह जानकारी करने के बाद ही उनको फॉलो करें। इस संबंध में साइबर सेल की ओर से लोगों को अवेयर किया गया है।


नया ऑनलाइन ठगी का तरीका
ऑनलाइन गेमिंग ऐप फैंटेसी क्रिकेट और ऑनलाइन रमी खेल के नाम पर ठगी की जा रही है। मामले की जानकारी मिलने के बाद साइबर सेल को तथ्य के आधार पर कार्रवाई का निर्देश है.ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिए ठगी का मामला कमला नगर और दयालबाग समेत अन्य इलाके में सामने आ चुका है। लोगों से लाखों रुपए की ठगी की गई है। ठगी के एक मामले का कनेक्शन राजस्थान से जुड़ा सामने आया था। वहीं, साइबर सेल मेें ऐसे दर्जनों मामले हैं जिनकी जांच की जा रही है।

इस तरह करते हैं ठगी
-साइबर क्रिमिनल्स खुद को ऑनलाइन गेमिंग ऐप में रजिस्टर करते हैं। इस कारण ट्रेस करना मुश्किल होता है।
-साइबर क्रिमिनल्स ठगी के लिए प्रतिबंधित ऐप का प्रयोग करते हैं, इस ऐप को डाउनलोड करते ही पूरा एक्सेस क्रिमिनल्स के पास होता है।
-साइबर क्रिमिनल्स ठगी के लिए इंटरनेट बैंकिंग, यूपीआई या कार्ड के जरिए ट्रांजेक्शन करने के लिए कहते हैं।
-ठगी के अधिकांश गेमिंग ऐप गूगल प्ले स्टोर में मौजूद नहीं होते हैं, इनको डाउलोड करने के लिए कहा जाता है।

बचने के लिए क्या करें
-सोशल मीडिया पर मैसेज के जरिए किसी ऐप को डायनलोड करने से बचें, प्रतिबंधित ऐप को चेक कर सकते हैं।
-आम लोगों के लिए यह सुझाव दिया गया है कि किसी भी गेमिंग ऐप के वॉलेट में पैसे ट्रांसफर करने से बचें।
-अगर आम लोग ऐसे किसी घटना के शिकार होते हैं, तब वे इसकी कंप्लेन थाने में या साइबर सेल में करें
-सोशल मीडिया पर भेजे गए किसी भी लिंक के लालच में आने से बचें, पहले पूरी तरह जांच कर लें।



सोशल मीडिया पर साइबर फ्रॉड लोगों से ठगी के लिए नए नए तरीके अपना रहे हैं। ऐसे में पब्लिक को अलर्ट रहने की जरुरत है। वे किसी भी अनजान लिंक को डाउनलोड करने से बचें, पहले उसके बारे में पूरी जानकारी कर लें, ठगों के लालच में ना आएं।
सोनम कुमार, डीसीपी वेस्ट, आगरा कमिश्नरेट



स्कूलों में साइबर ठगी से बचने के लिए बच्चों को अवेयर किया जाता है, बच्चों को बताया जाता ह्रै कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी अजनबी की फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार न करें। खुद के साथ परिवार में दूसरे लोगों को भी अवेयर करें।

ज्ञानेन्द्र माथुर, प्रिंसिपल होली पब्लिक स्कूल


सोशल मीडिया पर ठगी के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। सभी वर्ग के लोग इसका शिकार हो रहे हैं, थोड़ी सी सावधानी से इस तरह की ठगी से बचा जा सकता है। रुपए कमाने के लालच में लोग ठगों के ट्रैप में फंस जाते हैं।
हरीओम शर्मा, एडवोकेट

-एक साल में की गई ठगी
20 करोड़
-डिजिटल अरेस्ट के मामलेे
123

-ऑनलाइन ठगी के मामले
432

यहां करें शिकायत
1930 पर कर सकते हैं कंप्लेन