आगरा.ब्यूरो डिजिटलाइजेशन के इस दौर हर कोई स्मार्ट फोन का यूज कर रहा है। उनकी लाइफस्टाइल का हिस्सा अब मोबाइल व इंटरनेट बन गया है। इसी कड़ी में ई-सिम के इस्तेमाल करने वालों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। ई-सिम तकनीक सिर्फ मोबाइल तक ही सीमित नहीं रहा है। यह आईओटी डिवाइस में भी इस्तेमाल हो रहा है। स्मार्ट वॉच, स्मार्ट होम डिवाइस कनेक्ट कोर्स व अन्य कई स्मार्ट उपकरणों में ई-सिम की मदद से इन डिवाइसिस को रिमोटली मॉनीटर व कंट्रोल किया जा सकता है। जिससे लोग साइबर फ्रॉड का शिकार हो रहे है।
क्या है ई-सिम
ई-सिम एक सॉफ्टवेयर आधारित सिम कार्ड होता है, जिसे क्यूआर कोड को स्कैन करके फोन में इंस्टॉल किया जाता है। फिलहाल प्रीमियम फोन में ही ई-सिम की सुविधा मिल रही है। लेकिन से धीरे-धीरे पॉपुलर हो रहा है। ई-सिम को पोर्ट करके आपके बैंक अकाउंट, क्रिप्टो वॉलेट आदि को खाली किया जा सकता है। आपके नाम पर किसी के साथ ठगी भी हो सकती है। यह डिवाइस में पहले से ही इंटीग्रेटेड होती है। आपको बाहर से डालने या निकालने की कोई जरूरत नहीं होगी। इन दिनों साइबर फ्रॉड ई-सिम कार्ड के जरिए लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। डीसीपी वेस्ट सोनम कुमार ने बताया कि इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं पब्लिक को अलर्ट रहने की जरुरत है।
चुरा रहे आपकी निजी जानकारी
आपके फोन में ई-सिम लगा है। और वह आपके बैंक अकाउंट से लिंक है। अगर किसी धोखेबाज ने आपका ई-सिम आपके नाम से एक्टिवेट कर लिया, तो वह आपके फोन पर आने वाले ओटीपी को रिसीव कर सकता है। फिर वह इन ओटीपी का इस्तेमाल करके आपके बैंक खाते से पैसे निकाल सकता है, सोशल मीडिया अकाउंट का एक्सेस ले सकता है, या आपकी निजी जानकारी चुरा सकता है।
क्रिमिनल्स इस तरह बना सकते हैं शिकार
सिम स्वैप फ्र ॉड, यह ई-सिम फ्र ॉड का सबसे आम तरीका है। इस प्रोसेस में क्रिमिनल्स अपने नाम से मोबाइल नेटवर्क प्रोवाइडर से संपर्क करके यह दावा करता है कि वह आप ही है। वह फर्जी पहचान पत्र इसमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस का इस्तेमाल करके आपके मोबाइल नंबर को अपने डिवाइस पर ई-सिम के रूप में एक्टिवेट कर लेता है। एक बार ऐसा होने के बाद आपके मोबाइल का नेटवर्क चला जाएगा। साइबर क्रिमिनल्स आपके नंबर का इस्तेमाल करके ओटीपी या कॉल्स रिसीव कर सकता है।
फिशिंग अटैक
साइबर अपराधी नकली इमेल या मैसेज भेजकर आपको धोखे में डाल सकते हैं। इन संदेश में आपको अपनी पर्सनल जानकारी भरने को कहा जाता है। जैसे कि पासवर्ड, ओटीपी या ई-सिम का एक्टिवेशन डाटा आदि। अगर आप इन जानकारियों को शेयर करते हैं। तो साइबर क्रिमिनल्स आपके ई-सिम को अपने फोन पर एक्टिव कर सकते हैं। वहां से आपके अकाउंट का दुरुपयोग होगा।
क्यूआर कोड
-ई-सिम एक्टिव करने के लिए खास क्यूआर कोड की जरूरत होती है। अगर आपका क्यूआर कोड किसी फ्र ॉड के हाथ लग जाएगा तो वह आपके ई-सिम को अपने डिवाइस में एक्टिव कर सकता है। इस तरह आपके मोबाइल का सिग्नल एक्सेस कर अपने निजी डाटा का दुरुपयोग कर सकता है।
किस तरह करते हैं ई-सिम यूज
ई-सिम तकनीक मुख्य रूप से मोबाइल, स्मार्ट वॉच और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे डिवाइस में इस्तेमाल किया जाता है। ई-सिम को रिमोटली एक्टिव व डिएक्टिव किया जा सकता है। इसमें एक साथ कई टूल्स और प्रोफाइल्स भी एक्टिव किया जा सकता है।
।
इस तरह कर सकते हैं बचाव
डीसीपी वेस्ट सोनम कुमार ने ई-सिम फ्रॉड को लेकर लोगों को अवेयर करने के लिए एक सोशल मीडिया पर अलर्ट जारी किया है, वहीं इस संबंध पुलिस इंस्पेक्टर और एसीपी को शपथ भी दिलाई है कि अपने सर्किल में लोगों को साइबर फ्रॉड से अवेयर कर जिम्मेदारी पूरी करेंगे। लोगों को ई-सिम के माध्यम से होने वाले फ्र ॉड से सचेत किया है। बताया गया है कि साइबर क्रिमिनल्स ई-सिम का इस्तेमाल के तीन तरीके से आपको साइबर फ्र ॉड का शिकार बना सकते हैं, इसका का यूज ओटीपी या कॉल्स रिसीव कर सकता है।
ई-सिम हैक होने से बचाने के लिए किसी भी अनजान नंबर से आए कॉल या मैसेज पर कोई जानकारी शेयर नहीं करनी चाहिए। जैसे-नाम, ईमेल, फोन नंबर और बैकिंग डिटेल आदि को शेयर करने से पहले उसे वेरिफाई जरुर करें., साइबर फ्रॉड आईडी के जरिए आपके मोबाइल नंबर को अपने डिवाइस पर ई-सिम के रूप में एक्टिवेट कर सकते है। एक बार ऐसा होने के बाद आपके मोबाइल का नेटवर्क चला जाएगा। साइबर क्रिमिनल्स आपके नंबर का इस्तेमाल करके ओटीपी या कॉल्स रिसीव कर आपका अकाउंट खाली कर सकता है।
सोनम कुमार, डीसीपी वेस्ट जोन, कमिश्नरेट आगरा
साइबर फ्रॉड से बचने के लिए स्कूल और कॉलेज में बच्चों को अवेयर किया जा रहा है। ऐसे लोगों को खुद शपथ लेनी चाहिए कि वे किसी भी तरह के लालच में न आए। साइबर फॉड से बचने के लिए अपने फोन में सिक्योरिटी डिवाइस का यूज कर सकते है। हर छोटी मोटी जानकारी के बारे में पहले पता कर लें।
पूनम सिरोही, अपर पुलिस उपायुक्त, प्रोटोकॉल
एक नजर इधर
ई-सिम का यूज कर रहे फ्रॉड
3 तरीकों से
-ठगी का शिकार होने पर करें कंप्लेन
1930
-ई-सिम के जरिए दो महीने में ठगी
2 करोड रुपए
-ई-सिम के जरिए बने शिकार
23