लिए गए अधिकतर सैंपल फेल
कहीं आप नकली देसी घी से तो दाल का तड़का नहीं लगा रहे हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि बाजार में बड़ी मात्रा में नकली देसी घी धड़ल्ले से बिक रहा है। खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से बेलनगंज, खोया मंडी के अलावा देहात के मिष्ठान भंडारों से दर्जनों सैंपल कलेक्ट किए गए थे, जिसमें दूध, मावा, रिफाइंड और देसी घी के लिए 287 नमूने कलेक्ट किए गए थे, जिसमें 186 सैंपल फेल हुए हैं।

शहर और देहात से कलेक्ट किए सैंपल
खाद्य विभाग की ओर से बेलनगंज, रावतपाड़ा, खोया मंडी, नगलापदी, दयालबाग, एमजी रोड, विजय नगर, बल्केश्वर, शाहगंज, भोगीपुरा, मधुनगर, गोपालनपुरा, लोहामंडी, जगदीशपुरा, घटिया आजम खां, नूरी दरबाजा, राजामंडी समेत सैकड़ों स्थानों से दूध, मावा, रिफाइंड ऑयल और देसी घी के सैंपल लिए गए थे। विजय नगर में छापा मारकर कार्रवाई के दौरान पचास किलो से अधिक मिलावटी घी पकड़ा गया था। इस छापेमारी को स्थानीय खाद्य सुरक्षा विभाग ने अंजाम दिया था। टीम की यह कार्रवाई करीब ढाई घंटे तक चली। इस दौरान वनस्पति घी और रिफाइंड के टिन भी घर से मिले हैं, जिन्हें मिलावट कर घी तैयार किया रहा था। घी के सैंपल लेकर घर को सील कर दिया गया है।

150 रुपए किलो में तैयार हो रहा
24 अक्टूबर को पिछले वर्ष एसटीएफ ने नक था देसी घीली घी बनाकर मार्केट में खपाने वाले सिंडिकेट का पर्दाफाश किया था। पॉश कॉलोनी में बड़े स्तर पर वनस्पति घी, चर्बी और एसेंस से देशी घी बनाया जा रहा था। इस घी को आगरा और दिल्ली में खपाया जाता था.एसटीएफ और थाना पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई कर छापामारा था। यहां अवनीश गर्ग के मकान में बड़े स्तर पर नकली देसी घी बनाया जा रहा था। पूरे घर वनस्पति घी और ऐसेंस के ड्रम रखे थे। वनस्पति घी में रिफाइंड और दूसरे केमिकल मिलाकर उसे देसी घी तैयार किया जा रहा था।

सेहत के साथ खिलवाड़ से नुकसान

-लीवर पर प्रभाव
मिलावटी घी में हानिकारक रसायन से लीवर को नुकसान पहुंंंचता है। इससे पेट दर्द, गैस, अपच और दस्त जैसी समस्या हो सकती है.

दिल की बीमारियों का खतरा
मिलावटी घी में ट्रांस फैट और अन्य हानिकारक तत्व हो सकते हैं, जो हृदय रोग का खतरा बढ़ा सकते हैं। इससे कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ सकता है, जिससे दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है.

कैंसर का खतरा
मिलावटी घी में कई बार हानिकारक केमिकल्स और एडिटिव्स का उपयोग किया जाता है, जो कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं.

लिवर और किडनी के स्वास्थ्य पर प्रभाव
मिलावटी घी में मौजूद हानिकारक तत्व लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे इन अंगों की फंक्शन पर बुरा असर पड़ सकता है.

त्वचा संबंधी समस्याएं
मिलावटी घी को खाने से त्वचा पर रैशेज, खुजली, और अन्य एलर्जिक रिएक्शन हो सकती हैं। ये स्किन के लिए खराब साबित हो सकता है.

इम्यून सिस्टम पर प्रभाव
मिलावटी घी को खाने से शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.


यहां पर करें मिलावट की कंप्लेन
खाद्य सुरक्षा अधकिारी राजेश गुप्ता ने बताया कि मिलावटखों पर अंकुश लगाने के लिए टोल फ्री जारी किया है। मिलावटी सामान खरीदने पर आजमन टोल फ्र नंबर 18001805533 पर शिकायत कर सकते हैं। यहां पर शिकायत करने से संबंधित जिले के अभिहित अधिकारी के पास शिकायत पहुंच जाएगी।


गैंगस्टर की संपत्ति की थी कुर्क
2 फरवरी को नकली मावा बेचने वाले गैंग्स्टर पप्पू कुशवाह की 3 करोड़ 30 लाख की संपत्ति प्रॉपर्टी को कुर्क कर लिया गया। गैंगस्टर ने ये पूरी संपत्ति नकली मावा बेचकर कमाई थी। होली के त्योहार के आसपास नकली मावा बनाने और बेचने का गोरखधंधा फलने-फूलने लगता है। जैसे ही मावे की डिमांड बढ़ती है, इसमें मिलावट की खबरें आने लगती हैं। मिलावट करने वाले अपना काम इतनी सफाई से करते हैं कि इसका पता ही नहीं चल पाता।



नकली घी, रिफाइंड बेचने वालों पर लगातार कार्रवाई की जाती है। जब्त किए गए सैंपल की रिपोर्ट भी मिली है। शहर और देहात से सैंपल लिए जा रहे हैं। इस संबंध में कंप्लेन नंबर भी जारी किया है, इस पर शिकायत की जा सकती है।
राजेश गुप्ता, खाद्य सुरक्षा अधिकारी



मिलावटी घी में ट्रांस फैट और अन्य हानिकारक तत्व हो सकते हैं, जो हृदय रोग का खतरा बढ़ा सकते हैं।
कई बार हानिकारक केमिकल्स से कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं.लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
डॉ। विनय गोयल, फिजीशियन जिला अस्पताल



खाने की वस्तुओं में अक्सर मिलावट की शिकायत आती हैं, इसको लेकर कई बाद गाइड लाइन भी जारी की जाती हैं। लगातार मिलावटी भोजन खाने से लंबे समय बाद रिजल्ट सामने आते हैं।
सुरभि उपाध्याय, डाइटिशियन

-अक्टूबर से अब तक लिए गए सैंपल
दूध, मावा, रिफाइंड और देसी घी

-खाद्य सुरक्षा की टीम ने कलेक्ट किए सैंपल
287 कलेक्ट

-व्यापारिक प्रतिष्ठानों से कलेक्ट सैंपल हुए फेल
186 फेल