12 तक ऐसी ही रहेगी स्थिति
मंगलवार को पालड़ा झाल से रात में 140 क्यूसेक तक पानी छोड़ा जा रहा था, जिसे बुधवार को घटाकर 110 क्यूसेक कर दिया गया है। इससे जलसंकट से जूझ रहे शहर को अभी पूरी राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। अपर गंगा कैनाल की सफाई चल रही है, जिससे सात दिन से शहर पानी का संकट झेल रहा है। बुलंदशहर के पालड़ा झाल से आगरा को मिलने वाले 150 क्यूसेक गंगाजल की आपूर्ति प्रभावित चल रही है और 12 नवंबर तक ऐसी ही आशंका है। तीन दिन से जीवनी मंडी, बेलनगंज, धूलियागंज, दरेसी, पीपल मंडी, कालामहल, छत्ता, ताजगंज और सहित दूसरे क्षेत्र में लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ा। आसपास जहां सबमर्सिबल लगा था वहां से बाल्टी, पाइप लगा आपूर्ति ली गई।
फिर घट गई सप्लाई
सिकंदरा एमबीबीआर प्लांट की क्षमता बढ़ाए जाने का दावा कर रहा है, लेकिन इससे आपूर्ति होने वाले क्षेत्र भी पानी को तरसते रहे। बोदला, शाहगंज, लोहामंडी, खंदारी, कमला नगर, बल्केश्वर, राजामंडी, गोकुलपुरा सहित अन्य क्षेत्र में गंगाजल तो मिला ही नहीं, जबकि यमुना जल की आपूर्ति भी बहुत कम ही हुई। शहर की मांग 422 एमएलडी पानी की है, जबकि बुधवार को एक चौथाई भी आपूर्ति भी नहीं हुई। गंगाजल परियोजना इकाई के परियोजना प्रबंधक रमेश चंद्रा ने बताया कि पालड़ा से गंगाजल आपूर्ति फिर घट गई है। गुरुवार को कुछ राहत मिलेगी, लेकिन अभी समस्या बनी रहेगी।
पालड़ा से गंगाजल आपूर्ति फिर घट गई है। गुरुवार को कुछ राहत मिलेगी, लेकिन अभी समस्या बनी रहेगी।
रमेश चंद्रा, प्रोजेक्ट मैनेजर, गंगाजल प्रोजेक्ट, वल्र्ड बैंक यूनिट
बुधवार को शहर में पानी की सप्लाई हुई है। लेकिन अभी पालड़ा से मिलने वाले गंगाजल की सप्लाई सामान्य नहीं हो सकी है। ऐसे में अभी आंशिक समस्या बनी रहेगी।
कुलदीप सिंह, जीएम जलकल
त्योहार पर भी पानी के लिए परेशान होना पड़ा। न तो सुबह और नही शाम को वाटर सप्लाई हुई। कॉल करने पर टैंकर भी नहीं आया। पड़ोस की सबमर्सिबल से पानी भरना पड़ा।
पिछले कई दिनों से शहर में जलसंकट गहराया हुआ है। दीवाली नजदीक है। बुधवार को भी त्योहार था। ऐसे में शहरवासियों को फेस्टिव सीजन में बंूद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है।
शाम को कुछ देर के लिए पानी आया था। लेकिन वह इतना गंदा था कि इसको स्टोर नहीं किया जा सकता था। दूर सबमर्सिबल से पानी भरकर लाना पड़ रहा है।