तीसरे स्थान पर आगरा
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2024 में डायमंड सिटी सूरत ने पहली रैंकिंग हासिल की है, जिसने 131 अन्य शहरों को पीछे छोड़ दिया है। सूरत नगर निगम ने पिछले साल की तुलना में पीएम 10 प्रदूषण को 12.71 प्रतिशत कम करने में सफलतापूर्वक सफलता प्राप्त की है। दूसरे नंबर पर जबलपुर शहर ने अपनी बादशाहत बरकरार रखी है। जबलपुर ने शहर की सड़कों को और अधिक सुन्दर और साफ-सुथरा बनाने के लिए 40 किलोमीटर की नई सड़कों का निर्माण कराया है। साथ ही वायु गुणवत्ता में 27 प्रतिशत से अधिक का सुधार किया है, जिसके कारण केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जबलपुर को शत प्रतिशत अंक दिए गए हैं। इसके बाद यूपी के आगरा ने तीसरा स्थान हासिल किया है। ताजमहल के लिए मशहूर आगरा ने जो सफलता हासिल की है, उसमें नियमित पौधरोपण अभियान, प्रदूषण मानदंडों का उल्लंघन करने वाले मोटर वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और स्थानीय नागरिक निकाय की ओर से की गई अन्य पहलों ने शहर की रैंकिंग में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि गत वर्ष आगरा इस सर्वेक्षण में दूसरे स्थान पर रहा था।
सरकार के लिए बड़ी उपलब्धि
योगी सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि में यूपी के कई शहरों ने स्वच्छ वायु सर्वेक्षण (एसवीएस) 2024 में शीर्ष स्थान हासिल किया है। वायु गुणवत्ता सुधार उपायों का मूल्यांकन करने के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा आयोजित एक वाॢषक सर्वेक्षण कराया गया है। यह सर्वे राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत आयोजित कराया जाता है। स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2024 में 200 नंबर के आधार पर रैंकिंग घोषित की गई। आगरा नगर निगम इस सर्वेक्षण में एक पायदान खिसका है, गत वर्ष आगरा देश में दूसरे स्थान पर था। दूसरी श्रेणी में फिरोजाबाद को पहला स्थान मिला है। यानी 3 से 10 लाख तक की आबादी वाले शहरों में फिरोजाबाद की हवा सबसे साफ रही। वहीं, इस श्रेणी में झांसी को तीसरा स्थान मिला है। तीसरी श्रेणी में यूपी के रायबरेली ने पहला स्थान प्राप्त किया है। यहां पर वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के साथ ही शहर में हरियाली बढ़ाई गई है।


स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में आगरा नगर निगम को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। सर्वेक्षण में देश के 131 शहरों ने प्रतिभाग किया था। पिछले साल की रैंकिंग से एक पायदान हम खिसके हैं। आगे सुधार करने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही उन कारणों को तलाश कर दूर किया जाएगा जिनके चलते हम नंबर वन नहीं बन पाए।
- अंकित खंडेलवाल, नगर आयुक्त, आगरा


फैक्ट एंड फीगर
10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के बीच हुई प्रतिस्पर्धा
200 नंबर के आधार पर हुई रैंकिंग
3 नंबर पर आगरा
गत वर्ष 2 स्थान पर था आगरा
100 नगर निगम सीमा में वार्ड
30 लाख- आगरा की अनुमानित आबादी


रैंकिंग में गिरावट के लिए नगर निगम के साथ बिजली विभाग और आरटीओ भी जिम्मेदार