टॉप- 12 जिले
1- आगरा - 23640
2- लखनऊ - 23204
3- कानपुर - 20232
4- अलीगढ़ - 16894
5- बरेली - 16567
6- प्रयागराज - 16110
7- वाराणसी - 15202
8- गाजियाबाद - 14855
9- मेरठ - 14346
10-गोरखपुर - 13925
11- बुलंदशहर - 9859
12- गौतमबुद्धनगर - 9654
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आगरा टीबी मुक्त भारत के संकल्प को कर रहा साकार
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ। सुखेश गुप्ता ने बताया कि पीएम मोदी के 2025 तक टीबी मुक्त भारत के संकल्प को साकार करने में आगरा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आगरा में वर्ष 2023 में अब तक सार्वाधिक 23640 टीबी मरीजों को खोजा जा चुका है। निक्षय पोर्टल की रैैंकिंग में आगरा नंबर वन पोजिशन पर आ गया है। उन्होंने बताया कि आगरा में 11936 पब्लिक क्षेत्र में और 11704 टीबी रोगी प्राइवेट क्षेत्र में खोजे गए हैैं। इनमें से 12972 मरीजों का उपचार चल रहा है। अन्य मरीज अब स्वस्थ हो चुके हैैं।
पहले भी चलाए गए एसीएफ
डीटीओ ने बताया कि इससे पहले एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान संचालित होते रहे हैं। इनमें टीबी मरीजों को खोजा गया है। वर्ष 2021 में 3246 संभावित क्षय रोगियों की जांच की गई, जिसमें 222 नए टीबी मरीज मिले। वर्ष 2022 में 2946 संभावित क्षय रोगियों की जांच की गई, जिसमें 238 नए टीबी मरीज मिले। वर्ष 2023 में प्रथम चरण में 3598 संभावित क्षय रोगियों की जांच की गई, जिसमें 325 नए टीबी मरीज मिले। अभियान के दौरान मिले सभी टीबी मरीजों का उपचार पूर्ण हो गया है और वह पूरी तरह स्वस्थ हैं।
500 रुपए प्रतिमाह की भी सुविधा
टीबी से स्वस्थ हो चुकी 20 वर्षीय पूनम ने बताया कि जब उन्हें टीबी हुई थी तो उन्हें टीबी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। क्षेत्रीय आशा ने उन्हें लक्षणों के आधार पर जिला अस्पताल में जाकर टीबी की जांच कराने की सलाह दी। जिला अस्पताल में जांच के बाद उन्हें पता चला कि उन्हें टीबी है। इसके उपरांत उनका उपचार शुरू हो गया। छह माह तक उनका टीबी का उपचार हुआ। इस दौरान उन्हें निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपए प्रतिमाह भी मिले। यह धनराशि बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की गई। अब वह पूरी तरह स्वस्थ हैं और अपने क्षेत्र के अन्य लोगों को भी टीबी के प्रति जागरूक कर रही हैं।
बॉक्स
चलाया जाएगा अभियान
सोमवार को सीएमओ कार्यालय के सभागार में टीबी डीटीओ डॉ। सुखेश गुप्ता ने बताया कि अब और नये टीबी मरीजों को खोजने के लिए 23 नवंबर से एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान चलाया जाएगा। यह पांच दिसंबर 2023 तक चलेगा। अभियान के दौरान जनपद की 53.07 लाख की आबादी के लगभग 20 परसेंट पर फोकस किया जाएगा। इसमें स्लम, घनी आबादी वाले क्षेत्र, मलिन बस्तियां, हाई रिस्क जनसंख्या (एचआईवी और डायबिटीज) अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा, नवोदय विद्यालय, कारागार (जेल), मजदूर, श्रमिक तथा टीबी मुक्त पंचायत आदि जगह पर टीबी मरीज खोजे जाएंगे। अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग के कर्मी टीबी के संभावित लक्षणों वाले व्यक्तियों की पहचान करेंगे और टीबी संबंधित जानकारी देंगे। अभियान में 73 सुपरवाइजरों के साथ 372 टीम गठित की गईं हैं। प्रत्येक टीम में तीन सदस्य तैनात किये गए हैं। इस दौरान जिला पीपीएम समन्वयक कमल सिंह, अरविंद यादव, शशिकांत पोरवाल व अन्य स्टाफ मौजूद रहा।
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आगरा में टीबी मरीजों के लिए सुविधाएं
26 टीबी यूनिट
823 डॉट्स सेंटर
04 सीबी नाट मशीन हैैं आगरा में
09 ट्रूनाट मशीन हैैं आगरा में
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टीबी क्या है?
डीटीओ डॉ। गुप्ता ने बताया कि टीबी माइक्रो बैक्टीरिया, ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु के संक्रमण के कारण होता है। यह रोज मुख्य रूप से फेंफड़ों में होता है। यह शरीर के अन्य हिस्सों दिमाग, हड्डियों, ग्रंथियों, आंत में भी हो सकता है।
टीबी कैसे फैलती है?
- टीबी के रोगी द्वारा खांसने या छींकने पर
- रोगी द्वारा इधर-उधर खुली जगह पर बलगम थूकने पर
- रोगी के रूमाल ओढऩे बिछाने की चादरें, तौलिए आदि का प्रयोग करने से
इन लक्षणों के होने पर कराएं टीबी जांच
- दो सप्ताह से अधिक खांसी होने पर
- बुखार, जो शाम को बढ़े
- सीने में दर्द रहने पर
- खांसी के साथ खून आने पर
- भूख न लगने पर
- वजन घटने पर
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टीबी से बचाव को यह सावधानी बरतें
- टीबी के जीवाणु खांसने व छींकने से फैलते हैैं
- खांसने व छींकते समय मुंह पर मास्क या कपड़ा लगाएं
- उपचार के दौरान नियमित रूप से होने वाली फॉलोअप जांचों को समय से कराएं
- अधूरे उपचार से ड्रग रेसिटेंट टीबी हो सकती है
- टीबी पाए जाने पर उपचार की पूर्ण अवधि तक दवाओं का सेवन करें।
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यह सुविधाएं मिलती है नि:शुल्क
- बलगम जांच
- उपचार के साथ 500 रुपए प्रतिमाह बैैंक अकाउंट में
- सीबीनाट और ट्रूनाट मशीनों से नि:शुल्क बलगम जांच
- नि:शुल्क परामर्श
- नि:शुल्क ट्रीटमेंट
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टोल फ्री नंबर - 1800116666 पर कर सकते हैैं कॉल
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आगरा ने साल 2023 में सार्वाधिक टीबी मरीजों को खोजा गया है। अब 23 नवंबर से पांच दिसंबर तक एसीएफ अभियान चलाया जाएगा। यदि किसी को टीबी के लक्षण हों तो जांच कराएं।
- डॉ। सुखेश गुप्ता, डीटीओ
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