सिटी जोन में तैनात बुधवार रात निलंबित किए गए पुलिसकर्मियों में चार दारोगा, तीन प्रशिक्षु दरोगा और 17 मुख्य आरक्षी व आरक्षी शामिल हैं। कलक्ट्रेट पर डीसीपी कार्यालय पर गुरुवार सुबह से निलंबित पुलिसकर्मियों का आना शुरू हो गया था। उन्होंने आदेश की प्रति प्राप्त की। इनमें कई पुलिसकर्मियों ने डीसीपी सूरज कुमार राय के सामने पेश होकर अपनी सफाई दी। पुलिसकर्मियों से कहा गया कि निलंबन के बाद सभी के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश हुए हैं। जब उनसे जवाब मांगा जाए तो वह लिखित में अपना जवाब पेश करें।
अतिरिक्त कमाई के चक्कर में पड़े
डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि पुलिस पुलिस आयुक्त जे.रविन्दर गौड ने स्पष्ट कह रखा है कि जो भी पुलिसकर्मी अतिरिक्त कमाई के चक्कर में पड़ें, उन्हें हटा दिया जाए। डीसीपी ने बताया कि कार्रवाई अभी जारी रहेगी। एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों के खिलाफ अभी कार्रवाई हो सकती है। कोतवाली थाने में एक बुकी से अवैध वसूली और ताजगंज थाना क्षेत्र में साइबर क्राइम के एक मामले में शिकायत मिली थी। इसमें साइबर सेल वालों पर भी आरोप लगा है। इन प्रकरणों की जांच जारी है, साक्ष्यों के आधार पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
रिपोर्ट लगाने के नाम पर मांगे रुपए
पासपोर्ट सत्यापन रिपोर्ट लगाने में वसूली के आरोप में डीसीपी ने 16 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया है। शहर के एक थाने में तैनात आरक्षी अपने पर हुई कार्रवाई से क्षुब्ध है। उसका कहना है कि वह गलत फंस गया, पासपोर्ट रिपोर्ट लगाने में रुपए उसकी जगह प्रशिक्षु दारोगा ने लिए थे। आरक्षी गुरुवार को डीसीपी सिटी कार्यालय पहुंचा और अपना पक्ष रखा। इसकी जांच होने पर एक और प्रशिक्षु दारोगा पर निलंबन की कार्रवाई हो सकती है।
चुनाव से पहले मिले थे 733 प्रशिक्षु दरोगा
निलंबित पुलिसकर्मियों में तीन प्रशिक्षु दारोगा भी हैं। इनमें दो पासपोर्ट रिपोर्ट लगाने और एक आडियो वायरल होने पर फंसा है। वह एक मुकदमे में आरोपी पक्ष को धमका रहा है। चुनाव से पहले कमिश्नरेट को 733 प्रशिक्षु दारोगा मिले थे। जिन्हें थानों में तैनात किया गया है। चुनाव में थानों का फोर्स बाहर जाने पर इन प्रशिक्षु दारोगाओं को अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई थी। प्रशिक्षण पूरा होने से पहले ही तीन दारोगा घूसखोरी के आरोप में फंस गए। उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश किए गए हैं। जिसमें दोषी पाए जाने पर उनकी नौकरी पर फंस सकती है।
भर्ती होने के तीन वर्ष तक अस्थाई रहती है तैनाती
भर्ती होने के तीन वर्ष तक तैनाती अस्थाई रहती है। जिसके चलते कार्रवाई ने प्रशिक्षु दारोगाओं के होश उड़ा दिए हैं। प्रशिक्षु दारोगा को विभागीय जांच में सजा मिलने पर इसका प्रभाव उनके भविष्य पर भी पड़ेगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद जब तैनाती का नंबर आएगा तो अधिकारी उनकी चरित्र पंजिका को देखेंगे। इसमें दंड का उल्लेख होने पर अधिकारी का ²ष्टिकोण बदलने पर उन्हें समस्या आएगी।
डीसीपी पश्चिमी जोन ने की कार्रवाई 23 सस्पेंड
-उनिरीक्षक रामजस यादव थाना बसई जगनेर
-उनिरीक्षक प्रताप सिंह थाना अछनेरा
-उनिरीक्षक सतेन्द्र त्रिपाठी थाना सैंया
-उनिरीक्षक प्रशिक्षु करन सिंह थाना इरादतनगर
-कम्प्यूटर आपरेटर ग्रेड-ए अभय कुमार थाना किरावली
-मुख्य आरक्षी आदित्य कुमार थाना इरादतनगर
-मुख्य आरक्षी सौरभ चौहान थाना एत्मादपुर
-मुख्य आरक्षी राजकुमार थाना खेरागढ
-मुख्य आरक्षी उपेन्द्र सिंह थाना बसई जगनेर
-उर्दू अनुवादक, वरिष्ठ सहायक उमर दराज थाना मलपुरा
-आरक्षी अमित कुमार थाना अछनेरा
-आरक्षी विकास कुमार थाना इरादतनगर
-आरक्षी श्री कुलदीप कुमार थाना खेरागढ
-आरक्षी अक्षय कुमार थाना खेरागढ
-आरक्षी श्री योगेन्द्र सिंह थाना जगनेर
-आरक्षी सौरभ प्रताप थाना जगनेर
-आरक्षी सतेन्द्र चौधरी थाना एत्मादपुर
-आरक्षी अकुर थाना सैंया
-आरसी दिग्विजय सिंह, थाना सैंया
-आरक्षी अरूण कुमार थाना सैंया
-आरक्षी श्यामवीर सिंह थाना बरहन
-आरक्षी प्रवीन कुमार थाना खन्दौली
-आरक्षी रविकान्त थाना सैंया
डीसीपी पूर्वी जोन ने तत्काल प्रभाव से किया निलम्बित
-उपनिरीक्षक प्रशिक्षु मिनाली चौधरी थाना शमशाबाद
-एचसीपी सुबोध कुमार थाना डौकी
डीसीपी सिटी जोन की रिर्पोट आना शेष है.
13 पुलिसकर्मियों पर लटकी तलवार