बायोमेट्रिक से कराया वेरिफिकेशन
शहर में 23 से 25 अगस्त और 30 व 31 अगस्त को पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा आयोजित की गई। पुलिस ने परीक्षा केंद्रों पर त्रिस्तरीय चेङ्क्षकग की व्यवस्था की थी। फर्जी अभ्यर्थियों को पकडऩे के लिए एआई की मदद ली गई थी। आवेदन करने वाले कैंडिडेट्स का डाटा पुलिस मुख्यालय ने पहले ही जुटा लिया था। पुलिस की वर्दी पहनने के लिए कई ने दोबारा नए नाम और जन्मतिथि से हाई स्कूल व इंटरमीडिएट करके अपना आधार कार्ड बनवाया। पुलिस भर्ती परीक्षा में आवेदन किया था। परीक्षा कक्ष में अभ्यर्थियों का बिना सिम वाले टैबलेट से दोबारा फोटो करके उनका बायोमेट्रिक से वेरिफिकेशन कराया गया।
इसलिए आए शक के दायरे में
बायोमेट्रिक और फोटो का डाटा को मुख्यालय भेजने पर उसका मिलान कराया गया तो इन कैंडिडेट्स के अलग-अलग नाम और जन्मतिथि वाले आधार कार्ड बने पाए गए। वहीं, 80 अभ्यर्थियों के फोटो का मिलान नहीं हो सका। जिसके चलते वह शक के दायरे में आए, लेकिन उन्हें परीक्षा देने से रोकना उचित नहीं था। अभ्यर्थियों का कहना था कि आवेदन और प्रवेश पत्र में अलग-अलग फोटो लगे होने के चलते मिलान नहीं हो रहा है। किसी ने कहा कि पुराना फोटो लगाने के चलते मिलान नहीं हो पा रहा है। जिस पर पुलिस ने केंद्रों पर ही इन अभ्यर्थियों से घोषणा पत्र भरवाने के बाद उन्हें परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दे दी।
--------------------------
पांच दिवसीय भर्ती परीक्षा एक नजर
- 27 परीक्षा केंद्रों पर हुई पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा
- 117600 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होने थे
- 78686 अभ्यर्थी ही परीक्षा में शामिल हुए
- 38914 अभ्यर्थियों ने परीक्षा छोड़ दी
-----------------
आयु और नाम बदल परीक्षा देने वाले चारों आरोपी जेल भेजे
पुलिस ने शनिवार को पहली और दूसरी पाली में दो-दो फर्जी कैंडिडेट्स गिरफ्तार किए थे। वह आयु कम करने को नए नाम से आधार कार्ड बनवा दोबारा हाईस्कूल और इंटरमीडिएट करके परीक्षा देने आए थे। सेंट जॉन्स कॉलेज से हाथरस के समीर, मंटोला में रामस्वरूप इंटर कालेज से जलेसर का नरेश, साकेत विद्यापीठ इंटर कॉलेज शाहगंज से सादाबाद का इंद्रपाल और आगरा कॉलेज विधि संकाय से जैथरा एटा का देवेश पकड़ा था। डीसीपी मुख्यालय सैयद अली अब्बास ने बताया चारों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया है।
-------------
यह सभी वह अभ्यर्थी हैं, जिनका फोटो मैच नहीं हो रहा था। ऐसे में इन अभ्यर्थियों से घोषणा पत्र भरवाया गया है कि दोनों फोटो उन्हीं की हैं। इन अभ्यर्थियों का डाटा अलग रखा गया है। जिसका वास्तविक पहचान पत्र व प्रमाण पत्रों से मिलान कराया जाएगा। जांच मे फोटो कूटरचित पाए जाते हैं तो मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
सैयद अली अब्बास, डीसीपी मुख्यालय