इस तरह फैलता है मलेरिया
मलेरिया भी एक गंभीर बीमारी है मलेरिया पैरासाइट मच्छर के काटने से फैलता है संक्रमित मादा एनोलीज मच्छर किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है। तो वह अपने लार के साथ उसके रक्त मे मलेरिया परजीवियों को पहूंचा देता है। संक्रमित मच्छर के काटने के 10-12 दिनो के बाद उस व्यक्ति मे मलेरिया के लक्षण प्रकट हो जाते है। मलेरिया के मच्छर के काटने की वजह से व्यक्ति को बुखार और सिर दर्द होना शुरू हो जाता है। मलेरिया में बुखार कभी कम हो जाता है। तो कभी ज्यादा हो जाता है। डब्लूएचओ के मुताबिक मलेरिया के दक्षिण पूर्व एशिया के कुल 77 प्रतिशत मामले भारत में हंै।
डब्लूएचओ ने जारी की चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लूएचओ ने इस साल भारत में मलेरिया को लेकर चेतावनी जारी की है। डब्लूएचओ के मुताबिक बारिश के मौसम में मलेरिया का खतरा अधिक बढ़ जाता है। डब्लूएचओ के मुताबिक विश्व में मलेरिया के हर साल लगभग 30 से 40 करोड़ केस दर्ज होते हैं। इसके अलावा लगभग 6 से 8 लाख लोगों की मौत मलेरिया की वजह से होती हैं। भारत में हर साल लगभग 20 लाख लोग मलेरिया से ग्रसित होते हैं इनमें से लगभग 1000 लोगों की मौत हर साल हो जाती है।
ये हैं लक्षण
-मलेरिया के सिंप्टम्स लगभग एक हफ्ते से एक महीने तक में सामने आते हैं।
-कंपकपाहट
-तेज बुखार पसीना आना
-सिरदर्द
-उल्टी पेट में दर्द
-एनीमिया
-कमजोरी महसूस होना मसल्स पेन होना
ये कंडीशन हो सकती हैं खतरनाक
-ब्रेन की ब्लड ब्रेसल्स में स्वेलिंग
-सांस लेने में दिक्क्त होना
-आरबीसी कम होने से एनीमिया होना
-लो ब्लड शुगर
ये बरतें सावधानी
-घर की खिड़की और दरवाजों को जाल से कवर कर लें
-मच्छर मारने वाली दवा का घर में यूज करें
-फुल बाजू के कपड़े पहनें
-घर के आसपास पानी न जमा होने दें
-शाम को पार्क में टहलने से बचें
-स्किन पर एंटी मॉस्क्यूटो क्रीम लगाएं
पांच तरह का होता है मलेरिया
-डब्ल्यूएचओ के मुताबिक मलेरिया पांच प्रकार का होता है।
-प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम
-प्लाज्मोडियम मलेरिया
-प्लाज्मोडियम विवैक्स
-प्लाज्मोडियम ओवले
-प्लाज्मोडियम नोलेसी
एंटी लार्वा का छिड़काव नहीं करने दे रहे लोग
-स्वास्थ्य विभाग जगह जगह अभियान चला कर फोगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव करा रहा है। शहर की कई पॉश कालोनी में लोगों ने घरों के बाहर जानवरों के पानी पीने के लिए पॉट रखे हुए हैं। जब टीम इनके इलाकों में पहुंची तो स्थानीय लोगों ने दवा का छिड़काव करने से मना कर दिया मौके पर जिला मलेरिया अधिकारी राजेश गुप्ता पहुंचे लेकिन लोग नहीं माने। स्वास्थ्य विभाग की टीम बिना दवा का छिड़काव किए ही लौट आई। शहर में तीन से चार जगह कमोवेश यही हालात हैं।
एसएन की ओपीडी में भी बढ़ रहे मरीज
-जुलाई के पहले सप्ताह में शहर में बारिश से लोगों को राहत मिली लेकिन इसके बाद बादल मानो रूठ से गए। शहर में उमस भरी गर्मी से लोग बेहाल हैं। कभी धूप निकल आती है। तो कभी बादल छा जाते हैं। इससे लोग बीमार हो रहे हैं। शहर में प्राइवेट से लेकर सरकारी अस्पतालों तक में बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इसके अलावा उल्टी दस्त और स्किन डिजीज के मरीजों की संख्या में इजाफा भी हुआ है। एसएन में लगभग 3 हजार मरीज हर दिन पहुंच रहे हैं। इनमें बुखार के मरीजों की संख्या अधिक है। हालांकि अधिकांश मरीज तीन से चार दिनों में ठीक भी हो रहे हैं। डिस्ट्रिक हॉस्पिटल में भी मरीजों की संख्या बढ़ गई है।
इन बीमारियों के बढ़ रहे मरीज
बारिश का मौसम शुरू होने के साथ ही तमाम तरह की बीमारियों के बढऩे का भी खतरा बढ़ जाता है। इस दौरान घरों में मच्छर भी पनपते हैं। इसलिए इस मौसम में सावधान रहने की जरूरत है। इस मौसम में स्किन, पेट और आंख संबंधित बीमारियों के फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। एसएन और डिस्ट्रिक हॉस्पिटल में बुखार, दस्त स्किन व आई प्राब्लम की समस्या के मरीजों की संख्या में करीब 20 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इसके अलावा उल्टी के मरीजों में भी इजाफा हुआ है। डॉक्टर्स के मुताबिक, इस सीजन में गर्मी और उमस होने की वजह से वायरल इंफेक्शन का खतरा सबसे अधिक होता है। इसलिए बुखार के मरीजों में बढ़ोत्तरी हुई है। किसी भी तरह की बीमारी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
बरसात के दिनों में आमतौर पर मरीज बढ़ जाते हैं। इस बार भी इजाफा हुआ है। लगभग 3 हजार मरीज परडे ओपीडी के लिए आते हैं। एसएन में गंभीर बीमारियों के मरीज अधिक रहते हैं।
डॉ प्रशांत गुप्ता प्रिंसिपल एसएन मेडिकल कॉलेज
स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा शहर भर में फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है। कुछ इलाकों में लोग ये नहीं करने दे रहे हैं जो चिंता का विषय है।
राजेश कुमार गुप्ता जिला मलेरिया अधिकारी
-1.5 करोड़ केस हर साल आते हैं मलेरिया के
-77 प्रतिशत केस अकेले भारत में हैं दक्षिण एशिया के
-5 मामले आए हैं अब तक इस साल मलेरिया के
-16 टीमें काम कर रहीं हैं स्वास्थ्य विभाग की शहर में