फास्ट फूड का कर रहे सेवन
एक सामान्य बर्गर में 400 किलो कैलोरी तक होती है, जबकि 20 से 25 ग्राम तक फैट होता है। बर्गर के साथ बच्चे कोल्डङ्क्षड्रक पीते हैं। इससे शरीर में 10 से 15 मिनट में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। जैसे ही ग्लूकोज का स्तर कम होने लगता है, दोबारा भूख लगने लगती है। इसके बाद बच्चे घर के खाने की जगह फास्ट फूड ही खा रहे हैं। इससे मोटापा की समस्या हो रही है।

स्पोट्र्स एक्टिविटीज भी हैं बंद
एसएन के सोशल प्रिवेंटिव मेडिसिन विभाग एसपीएम द्वारा 2021-22 में सरकारी और निजी स्कूल के छठवीं से 12वीं कक्षा के 480 बच्चों पर सर्वे किया गया। अध्ययन में 26 प्रतिशत बच्चे मोटापे से पीडि़त मिले। अध्ययन में सामने आया था कि कि स्कूल जाने वाले बच्चे सुबह नाश्ता नहीं करते हैं। फास्ट फूड, कोल्ड ङ्क्षड्रक का सेवन अधिक करते हैं। शारीरिक परिश्रम नहीं करते हैं, खेलकूद गतिविधियां भी बंद हैं। इससे बच्चों में मोटापा बढ़ रहा है
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इस तरह बढ़ा सकते हैं बर्गर की पौष्टिकता----
- मैदा के स्थान पर अनाज, मिलेट््स के ब्रेड का प्रयोग करें
- स्टङ्क्षफग की पैटी को सोया, पनीर मिक्स सब्जियों के मिश्रण से तैयार कर सकते हैं
- अच्छी गुणवत्ता का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं, रिफाइंड का इस्तेमाल न करें
- इमल्सीफाइड फैट व मेयोनीज सास की जगह घर पर बनने वाली चटनी, गुड़ सौंठ की मीठी चटनी का प्रयोग कर सकते हैं.
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बच्चों के लिए हर रोज कैलोरी की आवश्यकता
एक से तीन वर्ष - 80 किलो कैलोरी प्रति किलोग्राम वजन
चार से पांच वर्ष - 70 किलो कैलोरी प्रति किलोग्राम वजन
छह से आठ वर्ष - 60 से 65 किलो कैलोरी प्रति किलोग्राम वजन
नौ वर्ष से अधिक- 35 से 45 किलो कैलोरी प्रति किलोग्राम वजन
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स्कूल जाने वाले बच्चों का हाल
36.7 प्रतिशत निजी स्कूल में पढऩे वाले बच्चे मोटापा से पीडि़त
17.9 प्रतिशत सरकारी स्कूल में पढऩे वाले बच्चे मोटापे से पीडि़त
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बर्गर सहित फास्ट फूड का सेवन करने के कुछ देर बाद ही ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है और शरीर में ताकत महसूस होती है। लेकिन यह कुछ समय के लिए ही रहता है। इसलिए फास्ट फूड का सेवन करने के बाद भूख ज्यादा लगती है। मोटापे से पीडि़त बच्चों को डायबिटीज और हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
डॉ। प्रभात अग्रवाल, आगरा डायबिटिक फोरम

बर्गर को स्वादिष्ट बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला सास, इमल्सीफाइड फैट और मेयोनीज सॉस का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें हाई कैलोरी और फैट होता है। बच्चों की खेलकूद गतिविधि खत्म हो गई हैं। इसके चलते बच्चों को मोटापा की समस्या हो रही है। यह बच्चों की सेहत को खराब कर रहा है।
मिनी शर्मा, डायटीशियन, एसएन मेडिकल कॉलेज