40वें से लौट रहे थे
हाथरस के सासनी थाना क्षेत्र के मुकुंदखेड़ा गांव में बेटी की सास के 40 वें से लौट रहे सैमरा निवासी बेदरिया खां के परिवार की मैक्स(लोडर) गाड़ी को मीतई के पास शुक्रवार शाम छह बजे रोडवेज बस ने टक्कर मार दी थी। हादसे में बेदरिया खां और उनके दो भाइयों के परिवार के 14 सदस्यों और आंवलखेड़ा और फिरोजाबाद के तीन रिश्तेदारों की मृत्यु हो गई थी। देर रात तक मुन्ने खां, मुस्कान, मुनीष उर्फ भोला, खुश्बू, अल्फेज, हामिद उनकी पत्नी तबस्सुम और दोनों बच्चों सूफियान, सोएब के अलावा इरशाद, छोटे के शव गांव पहुंचा जा चुके थे। वहीं नजमा पत्नी आबिद और उनकी दो वर्ष बेटी अप्पी के शव आंवलखेड़ा और मुनीर के शव को उनके परिजन रामगढ़, फिरोजाबाद ले गए।
जनाजे उठते ही मची चीत्कार
शनिवार सुबह छह बजे से आसपास के गांव नगला जालिम, गढ़ी रामी, लहलर, राम नगर, नगला बीधा, नगला बास, नगला जोगी, बमानी, वमान, खंदौली समेत 14 से अधिक गांव के सैकड़ों लोग वहां पहुंचे। कफन बाजार से मंगाने की बजाए गांव के दर्जी अनीस को बुलाया गया। दर्जी ने शवों का नाप लेकर कफन सिलना शुरू कर दिए। दूसरी तरफ क्रबिस्तान में कब्र खोदाई शुरू करवा दी गई। सुबह 11 बजे नमाजे जनाजा हुई। दोपहर 12 बजे बाद जनाजे उठाए गए। जनाजे उठते ही चीत्कार मच गया। केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो.एसपी सिंह बघेल, प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, विधायक धर्मपाल सिंह समेत सपा, कांग्रेस व राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। दोपहर दो बजे कब्रिस्तान में सभी को दफन किया गया। वहां से लौटने के बाद मंत्रीगणों के साथ मिलकर डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने मुख्यमंत्री राहत कोष से भेजी गई आर्थिक मदद के चेक परिजन को देकर संवेदनाएं जताईं।
गांव में तैनात रही पुलिस
सैमरा में जुटे सैकड़ों लोगों के आक्रोशित होने पर बवाल की आशंका थी। जिसे देखते हुए गांव में एसीपी एत्मादपुर पीयूषकांत राय, तहसीलदार एत्मादपुर के साथ कई थानों का पुलिस बल मौजूद रहा। इस दौरान सादे कपड़ों में भी पुलिस तैनात रही। जिससे कि भीड़ को उकसाने वालों पर नजर रखी जा सके।
---------------------
बस चालक जेल भेजा, लोडर चालक लापता
-आगरा रोड पर हुए हादसे में 17 लोगों की गई थी जान
-घायलों की संख्या 18 हुई, छह को अस्पताल से छुट्टी
हाथरस। आगरा रोड पर शुक्रवार को हुए हादसे में पुलिस ने रोडवेज बस चालक अलीगढ़ के गौंडा क्षेत्र स्थित गांव नगला पतिया के मुनेश को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। इसके खिलाफ मृतक के स्वजन ने मुकदमा पंजीकृत कराया है। लोडर चालक की पुलिस तलाश कर रही है। दोनों वाहनों की भिड़ंत में 17 लोगों की मृत्यु हुई थी। देर रात दो घायल और अस्पताल पहुंचाने के चलते घायलों की संख्या 18 हो गई है। इनमें से छह का आगरा, छह का अलीगढ़ में उपचार चल रहा है। जिला अस्पताल में भर्ती छह घायलों को छुट्टी दे दी गई है। हादसे के बाद से ही लोडर चालक लापता है।
लोडर के चालक की तलाश
सभी घायल व मृतक आगरा के खंदौली के गांव सैमरा के हैं। हादसे के संबंध में देर रात गांव के ही शाकिर खान उर्फ लाला ने चंदपा थाने में मुकदमा दर्ज कराया। इसमें कहा है कि गांव के काफी लोग हाथरस के सासनी के गांव मुकंदखेड़ा गए थे। 40वां में शामिल होने के बाद शाम को सभी लोडर में सवार होकर अपने गांव आ रहे थे। आगरा रोड पर गांव मीतई पर सामने से रोडवेज बस के चालक ने तेजी और लापरवाही से चलाते हुए लोडर में टक्कर मार दी। सीओ हिमांशु माथुर ने बताया कि लोडर का चालक गांव सैमरा के कामरान की तलाश की जा रही है।
इनसेट
सिर में गंभीर चोट से हुईं मौतें, कई की पसलियां टूटी, लीवर फटे
हादसे में मृत 17 लोगों में से अधिकांश की मौत का कारण सिर में गंभीर चोंटें आना और लीवर फटना है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के समय चोटों को देखकर डाक्टरों की भी आंखें भर आईं। मृतकों में सात पुरुष, पांच महिलाएं और पांच बच्चे थे। 12 की मौत सिर में गंभीर चोट आने से हुई। एक की मौत लीवर फटने से हुई। एक की गर्दन अधिक मुडऩे से जान चली गई। तीन ने पसलियां टूटने के चलते दम तोड़ा है। एक की आंखें बाहर निकल आई थीं। सभी को सिर से लेकर पैर तक चोटें थीं।
इनसेट
परिवहन आयुक्त को भेजी गई रिपोर्ट
वाहनों की तेज रफ्तार ही हाथरस हादसे का बड़ा कारण माना जा रहा है। टाटा मैजिक लोडर एक मेटाडोर को ओवरटेक कर रहा था। इस दौरान वह पहले मेटाडोर से टकराया। इससे लोडर की दिशा बदल कर आगरा की ओर हो गई। फिर रोडवेज बस से भिड़ंत हो गई। इसकी जांच रिपोर्ट सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी लक्ष्मण प्रसाद ने शनिवार को परिवहन आयुक्त को भेजी है। इसमें दोनों चालक दोषी बताए गए हैं।
-------------------------
---------------------------
मासूम साइना और परी की आंखों में कैद है हादसा
- एसएन में भर्ती मासूमों को पता नहीं पिता की हो चुकी है मृत्यु
- आगे बैठे फरियाद बोले लोडर लहराया, इसके बाद पता ही नहीं चला
आगरा। हाथरस हादसे का दृश्य मासूमों की आंखों में कैद है। रोडवेज बस और मैक्स की टक्कर के धमाके के बाद किसी को कोई होश नहीं रहा। 17 लोगों की जान चली गई और 16 घायल हुए। परिवार की दो मासूम बेटियों साइना और परी को खरोंच तक नहीं आई। घायल मां और चाची के साथ एसएन मेडिकल कालेज के ट्रामा सेंटर में भर्ती दोनों बेटियां घटना बताती हैं, लेकिन उन्हें ये नहीं पता कि अब्बू अब इस दुनिया में नहीं हैं।
जोर की आवाज सुनाई दी, इसके बाद कुछ पता नहीं
हाथरस में हुए हादसे में जान गंवाने वाले सैमरा के छोटे अली की पत्नी शबाना और दोनों बेटियां वार्ड में हैं। बड़ी बेटी साइना दूसरी और छोटी बेटी परी पहली कक्षा में पढ़ती है। सबसे छोटा बेटा तीन वर्ष का मोहम्मद अली बाबू है। साइना ने बताया कि गाड़ी में छोटा भाई बाबू मां की गोद में था और वे दोनों बहनें चाचा के पास बैठी थी। अचानक जोर की आवाज हुई। सब सड़क और खेत में पड़े हुए थे, बाबू के रोने की आवाज सुनाई दी तो मैंने उसे उठा लिया। पास में ही अम्मी पड़ी थीं। दोनों ने मिलाकर उन्हें हिलाकर उठाने की कोशिश की तो अम्मी उठ गईं। कुछ दूरी पर चाची पड़ी चीख रही थीं। इतने में कई लोग आ गए। उन लोगों ने चाची को खेत से बाहर निकलवाया। इसके बाद एंबुलेंस से अस्पताल आ गए। वहीं घायल फरियाद ने बताया कि हाथरस लौटते समय वह लोडर में चालक कामरान के बगल बैठा था। दूसरी तरफ लतीफ बैठे थे। अचानक लोडर लहराया और बस से टकरा गया। एक जोर की आवाज सुनाई दी, इसके बाद कुछ पता नहीं चला।