आगरा (ब्यूरो) । शहर में मेट्रो सेवा शुरू होने के बाद ट्रेन जब व्यावसायिक परिचालन खत्म करने के बाद डिपो परिसर में वापस आएंगी तो वॉशिंग चार्ट के अनुसार ऑटो कोच वॉश प्लांट में धुलाई के बाद डिपो में एंटर होंगी। इस प्रक्रिया के लिए जीरो डिस्चार्ज पॉलिसी के तहत रीसाइकिल्ड पानी का यूज होगा। ऑटोमेटिक कोच वॉश प्लांट की मदद से बेहद कम समय में ट्रेनों की सफाई व धुलाई की जाएगी।

इस तरह काम करेगा प्लांट
ओसीसी (ऑपरेशन कमांड सेंटर) द्वारा ट्रेनों को कोच वॉश प्लांट में जाने का आदेश दिया जाएगा। इस प्रक्रिया में सबसे पहले स्प्रिंकलर का उपयोग करके ट्रेन का टेम्प्रेचर कम किया जाएगा। इसके बाद दोनों तरफ लगे तीन-तीन ब्रश उचित सफाई सुनिश्चित करने के लिए रीसाइकल्ड पानी, फोम डिटर्जेंट और आरओ पानी का उपयोग करके ट्रेन के डिब्बों को एक-एक करके धोएंगे। धुलाई के बाद ट्रेन जैसे ही ट्रेन प्लांट को पार करेगी वैसे ही पॉप-अप स्क्रीन पर नोटिफिकेशन आएगा और प्लांट खुद बंद हो जाएगा।

हाईटेक सेंसर से होंगे लैस
ऑटो कोच वॉश प्लांट के ब्रश हाई टेक सेंसर से लैस होंगे। जो धुलाई के दौरान ट्रेन और ब्रश के बीच होने वाले घर्षण से ट्रेन की बाहरी सतह की सुरक्षा को सुनिश्चित करेंगे। मेट्रो डिपो में ड्युअल प्लम्बिंग की व्यवस्था की गई है, यानी यहां पर साफ पानी और रीसाइकिल्ड पानी के लिए अलग-अलग पाइप लाइन बिछाई गई हैं। इसके साथ ही डिपो परिसर में एक संयुक्त वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है, जिससे विभिन्न गतिविधियों के चलते निकलने वाले वेस्ट पानी को रीसाइकिल किया जा सकेगा।

मेट्रो प्रोजेक्ट

लंबाई
29.4

कॉरिडोर
2

यूपी मेट्रो हमेशा पर्यावरण संरक्षण को लेकर सजग रही है। इसी के तहत पानी की बर्बादी न हो इसके लिए ऑटो कोच वॉश प्लांट को लगाया जाएगा। यहां पानी के साथ बिजली की भी बचत होगी।
पंचानन मिश्रा, उप महाप्रबंधक, जन संपर्क, यूपीएमआरसी