आगरा(ब्यूरो)। शहर में सात अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन का निर्माण होना है। इन मेट्रो स्टेशन की कनेक्टिविटी को टनल (अंडरग्राउंड ट्रैक) तैयार करने के लिए चार टीबीएम आगरा पहुंचेंगी। पहले फेज में दो टीबीएम इसी महीने आएंगी। टीबीएम कई पाट्र्स में आएगी। गुरुग्राम स्थित कंपनी में मशीनों के पाट्र्स की चेकिंग चल रही है। टीबीएम के पाट्र्स काफी बड़े होते हैं। अच्छे से पैकिंग के बाद इन्हें डिस्पैच किया जाएगा। शहर में पहुंचने इन्हें असेंबल कर टीबीएम को लॉन्च किया जाएगा।
कई तरह की होती है टीबीएम
टीबीएम भी कई प्रकार की होती हैं। मिट्टी के अनुसार टीबीएम की टाइप का इस्तेमाल किया जाता है। शहर में टनल बोरिंग के लिए अर्थ प्रेशर बैलेंस टनल बोरिंग मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा।
टीबीएम के प्रकार
- मेन बीम
- डबल शील्ड
- सिंगल शील्ड
- क्रॉस ओवर
- अर्थ प्रेशर बैलेंस
टीबीएम के प्रमुख हिस्से और उनके कार्य
1. कटिंग हेड
टनल के निर्माण में कटिंग हेड की अहम भूमिका होती है। जमीन के अंदर इसके रोटेशन से ही खुदाई संभव होती है और टीबीएम आगे बढ़ता है। एक विशेष किस्म के केमिकल के छिड़काव की भी व्यवस्था होती है, जो कि कटिंग हेड पर लगे नॉजल के द्वारा मिट्टी पर छिड़का जाता है। इस केमिकल की वजह से मिट्टी कटर हैड पर नहीं चिपकती।
2. थ्रस्ट जैक सिलेंडर्स
ये सिलेंडर्स मशीन को आगे की तरफ धकेलते हैं और टीबीएम खोदाई करते हुए आगे बढ़ती है।
3. कन्वेयर बेल्ट
इसका इस्तेमाल खोदाई के दौरान टनल से मिट्टी को बाहर निकालने के लिए होता है। मशीन के पिछले हिस्से में चली जाती है, जहां से ट्रॉली के जरिए मिट्टी को टनल से बाहर लाकर डम्पिंग एरिया में भेज दिया जाता है। आगरा मेट्रो के अंडरग्राउंड सेक्शन की खोदाई में रोजाना लगभग 400 क्यूबिक मीटर मिट्टी निकलने की संभावना है।
4. रिंग इरेक्टर
इसकी मदद से रिंग सेग्मेंट्स को टनल के अंदर पोजिशन किया जाता है। ये रिंग सेग्मेंट्स कॉन्क्रीट के बने होते हैं और इन्हें कास्टिंग यार्ड में प्रीकॉस्ट किया जाता है।
टीबीएम की ये हैं खासियत
- टनल बोरिंग मशीन अर्थ प्रेशर बैलेंस सिस्टम पर काम करती हैं।
- खोदाई के दौरान ही मशीन लगातार पॉलिमर और फोम के मिक्सचर भी रिलीज करती है।
- पानी के रिसाव से बचने के लिए पानी, सीमेंट और खास तरह के केमिकल भी डाले जाते हैं।
- टीबीएम ग्राउटिंग के साथ ही रिंग्स बनाती जाती है।
- मशीन 24 घंटे काम करती है। कंट्रोल रूम में रेस्ट रूम और टॉयलट की सुविधा भी होती है।
- टनल गाइडेड सिस्टम पर काम करती है। 1 इंच भी अलाइनमेंट से अलग खुदाई नहीं हो सकती है।
यहां से टीबीएम होगी लॉन्च
रामलीला ग्राउंड में टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) की लॉन्चिंग हेतु लॉन्चिंग शाफ्ट का निर्माण हो गया है। इसी जगह से दो टनल बोरिंग मशीनों को एक साथ लॉन्चिंग शाफ्ट में उतारा जाएगा। इसके बाद दोनों टीबीएम 5.85 मीटर डायामीटर की दो समानांतर टनल का निर्माण करेंगी।
कई चरणों में पूरा होता है निर्माण
टनल निर्माण की प्रक्रिया कई चरणों में पूरी की जाती है। इस प्रक्रिया में सबसे पहले टीबीम की लॉन्चिंग हेतु एक लॉन्चिंग शाफ्ट का निर्माण किया जाता है। इसके बाद गैन्ट्री क्रेन की मदद से टनल बोरिंग मशीन के विभिन्न हिस्सों को लॉन्चिंग शाफ्ट में उतार कर उन्हें असेम्बल किया जाता है। इसके बाद टीबीएम के पिछले हिस्से में कास्टिंग यार्ड में प्रीकास्ट तकनीक से निर्मित टनल रिंग के हिस्सों को रखा जाता है। एक टीबीएम मशीन एक दिन में औसतन 10 मीटर टनल का निर्माण करती है।
निर्माण लागत
कॉरिडोर-1
4984.66
कॉरिडोर-2
3278.19
आगरा में मेट्रो की स्थिति
लंबाई
29.4 किमी करीब
कॉरिडोर
ताज ईस्ट गेट-सिकंदरा
स्टेशन
13
अंडरग्राउंड
7
एलिवेटिड
6
डिपो
पीएसी परिसर
कॉरिडोर
आगरा कैंट-कालिंदी विहार
स्टेशन
14 (सभी एलिवेटिड)
डिपो
कालिंदी विहार
ये स्टेशन होंगे अंडरग्राउंड
ताजमहल, आगरा फोर्ट, जामा मस्जिद, एसएन मेडिकल कॉलेज, आगरा कॉलेज, राजा की मंडी, आरबीएस कॉलेज
निर्माणस्थल पर मिट्टी के अनुसार टीबीएम का चयन किया जाता है। आगरा में अर्थ प्रेशर बैलेंस टनल बोरिंग मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा। दिसंबर में टीबीएम लॉन्च की जाएगी।
- अरविंद कुमार राय, पीडी, यूपीएमआरसी