आगरा(ब्यूरो)। शहर में 30 किमी लंबा मेट्रो ट्रैक होगा, जिसमें साढ़े 22 किमी एलीवेटेड और साढ़े सात किमी भूमिगत ट्रैक होगा। पहली टीबीएम रामलीला ग्राउंड पहुंच चुकी है। यहीं से टीबीएम जमीन के अंदर प्रवेश करेगी। यूपीएमआरसी के एक अधिकारी ने बताया कि टीबीएम के विभिन्न पार्ट को असेंबल किया जा रहा है। यह कार्य दो सप्ताह में पूरा हो जाएगा फिर टीबीएम से खोदाई होगी। कटरहेड मिट्टी का कटान करेगा। कटरहेड के ठीक पीछे एक विशेष तरीके का केमिकल लगातार रिसता रहेगा। यह केमिकल मिट्टी को सेमी लिक्विड फॉर्म में बदल देगा।

नहीं लगेगा मिट्टी का ढेर
मिट्टी समीप चल रही पांच बोगी की ट्रेन में गिरती रहेगी। सभी बोगी भरने के बाद ट्रेन में इंजन लगाया जाएगा, जो इसे लेकर बाहर आएगा। क्रेन की मदद से सभी बोगी को उठाया जाएगा। प्रत्येक बोगी में दस से 12 घन मीटर मिट्टी होगी। जैसे-जैसे टनल की खोदाई होती जाएगी, पटरी भी बिछाई जाएगी। इससे टनल के भीतर मिट्टी का ढेर नहीं लगेगा।


पहले खोदाई फिर मशीन लगा देगी कंक्रीट का ब्लॉक
यूपीएमआरसी के एक अधिकारी ने बताया कि खोदाई के तुरंत बाद कंक्रीट का ब्लॉक मशीन से लगाया जाएगा। एक ब्लाक पांच सेगमेंट में होंगे। एक सेगमेंट की लंबाई 1.4 मीटर, चौड़ाई एक से डेढ़ मीटर और मोटाई 275 एमएम होगी।


भूमिगत स्टेशनों की खोदाई में चार टीबीएम का प्रयोग किया जाएगा। फिलहाल जनवरी के तीसरे सप्ताह से पहली टीबीएम से खोदाई शुरू होगी।
अरविंद कुमार, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, यूपीएमआरसी


आगरा में मेट्रो टै्रक

लंबाई
30 किमी

एलीवेटेड
22.5 किमी

अंडरग्राउंड
7.5 किमी