एसएन में कतार, स्पेशियलिटी विंग में मरीजों का इंजतार
भीषण गर्मी में एक तरफ एसएन में मरीजों की संख्या फुल है। यहां मरीजों को जल्दी डिस्चार्ज भी किया जा रहा है। दूसरी तरफ सुपर स्पेशियलिटी विंग खाली पड़ी है। 200 करोड़ की लागत से बनी बिल्डिंग में नाम मात्र को मरीज ही भर्ती हैं। गर्मी में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। सुपर स्पेशियलिटी विंग में 60 बेड के वार्ड में 10 से 15 मरीज ही भर्ती हैं। एसएन में एक दिन में औसतन 100 मरीज पहुंचते हैं। नई विंग में 200 बेड हैं इनमें से 20-20 के तीन वार्ड में मरीज भर्ती किए जा रहे हैं।
ये है मरीज भर्ती करने की प्रक्रिया
इमरजेंसी में मरीज भर्ती होने के बाद इनका प्राथमिक उपचार होने के बाद मेडिसिन के एक्यूट वार्ड में रेफर किया जा रहा है। इन दिनों मरीजों की संख्या अधिक है। इसलिए एक्यूट वार्ड से आठ से 10 घंटे में मरीजों को मेडिसिन विभाग में प्रथम और द्वितीय तल पर बने वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा है। सर्जरी और पल्मोनरी मेडिसिन विभाग में भी मरीज बढ़े हुए हैं यहां भी लगभग सारे बेड फुल हैं। स्पेशल विंग में सीधे मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। जिन क्रिटिकल मरीजों को इलाज की जरूरत है अगर उनको सीधे स्पेशल विंग में रेफर किया जाए तो मरीजों को मेडिसिन वार्ड में भर्ती करने में कोई समस्या नहीं आएगी।
ये हैं स्पेशल विंग में सुविधाएं
एसएन का सुपर स्पेशियलिटी सेंटर में 210 बेड और पांच मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर बनना प्रस्तावित हैं। इनमें से अभी तक एक बन कर पूरा हो गया है। बाकी चार बनाए जाने हैं। इसके अलावा यहां 28 डॉक्टर, 30 नर्स, 50 वार्ड बॉय, 50 सफाईकर्मी, 20 क्लर्क और 15 सुरक्षाकर्मी तैनात हैं जो इस विंग में ड्यूटी करते हैं।
सुपर स्पेशलिटी का काम केंद्र सरकार की एक संस्था हाइट्स देख रही है। सामान का इंस्पेक्शन भी हो गया है जल्दी ही इस बिल्डिंग की सारी सुविधाएं चालू हो जाएंगी।
डॉ प्रशांत गुप्ता प्रिंसिपल एसएन मेडिकल कॉलेज
एक परिचित का लिवर से संबंधित समस्या का इलाज चल रहा है एसएन में भर्ती हैं। हमने नई बिल्डिंग में सीधे भर्ती कराने को कहा मना कर दिया एक बार में गया भी तो सुरक्षाकर्मियों ने रोक लिया।
मोहन अटेंडेंट
शहर में इतना पैसा खर्च हो गया। इसके बाद भी इलाज नहीं मिल रहा है। अगर इसी बिल्डिंग को पूरी तरह चालू कर दिया जाए तो शहर की समस्या काफी हद तक कम होगी।
हिमांशू दीक्षित
एक परिचित को साथ ले कर गया था वहां इलाज तो क्या मिलेगा वहां तो कुछ दवा ही नहीं मिली थीं दवाइयां बाहर से लेनी पड़ी थीं।
अशोक शर्मा
-100 मरीज औसतन पहुंचते हैं एसएन में
-210 बेड की क्षमता है सुपर स्पेशियलिटी विंग की
-92 करोड़ से खरीदे जाने हैं उपकरण
-60 प्रतिशत से अधिक उपकरण खरीदे जा चुके हैं