आगरा(ब्यूरो)। वहीं, नगर पंचायत दयालबाग को एक स्टार के लिए एप्लाई करने पर एक स्टार मिला है। आगरा कैंट क्षेत्र को इस रिपोर्ट में तीन स्टार प्राप्त हुए हैैं। दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा देश के सभी शहर 2026 तक कचरा फ्र करने के लिए मुहिम चलाई जा रही है। इसके लिए सरकार द्वारा स्टार रेटिंग प्रोग्राम संचालित किया जा रहा है। इसमें देशभर के शहर पार्टिसिपेट करते हैैं। योजना के तहत स्वच्छ भारत मिशन 2.0 में परंपरागत कचरे के मैदानों का समाधान करना, निर्माण और कचरे और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन का समाधान करना शामिल है। जो कि 100 परसेंट अपशिष्ट प्रसंस्करण पर आधारित है। शहरों को प्रोत्साहित करने के लिए स्टार रेटिंग योजना बनाई गई है। जो शहर जितना स्वच्छ होगा, उसे उतनी ज्यादा स्टार रेटिंग मिलेगी।
रोजाना होता है कचरा कलेक्शन
आगरा में रोजाना 100 वार्डों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन किया जाता है। इसके लिए दो प्राइवेट कंपनियों के हाथ में कमान दी गई है। 94 वार्डों में सफाई की व्यवस्था स्वच्छता कॉर्पोरेशन और ताजगंज क्षेत्र के छह वार्डों में जेएस एन्वायरों द्वारा यह व्यवस्था संभाली जा रही है। शहर से रोजाना 900 से 1000 मीट्रिक टन कचरा निकलता है। इसे कुबेरपुर वेस्ट टू कंपोस्ट प्लांट पर ले जाया जाता है। यहां पर 500 टन पर डे की क्षमता वाले प्लांट से केवल 40 टन कंपोस्ट तैयार किया जाता है। बचे हुए कचरे को डंप कर दिया जाता है। शहर में कूड़ा कलेक्शन के लिए आठ ट्रांसफर स्टेशन बनाए गए हैं। 4500 से अधिक सफाई कर्मचारी 100 वार्डों में सफाई का कार्य करते हैं। 2950 सफाई कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग पर लगाया गया है। दोनों कंपनियों को सफाई व्यवस्था मेंटेन रखने के लिए करीब 2.25 करोड़ रुपए हर महीने नगर निगम द्वारा भुगतान किया जाता है।
इस तरह मिल रही है रेटिंग
रेटिंग के लिए 16 इंडीकेटर 1 स्टार और 3 स्टार स्तरों के लिए अनिवार्य हैं। जबकि 8 इंडीकेटर को आकांक्षात्मक रखा गया है। जिसके आधार पर 5 स्टार व 7 स्टार रेटिंग दी जाती है।
आगरा में सफाई व्यवस्था को और मजबूत किया जाना चाहिए। बेहतर मैनेजमेंट से आगरा को फाइव स्टार मिल सकते हैैं।
- भुवनेश, पब्लिक
आगरा कैंट क्षेत्र को तीन स्टार मिले हैैं। वहां का मैनेजमेंट बेहतर है। आगरा नगर निगम को भी और बेहतर करना चाहिए।
- हर्ष, पब्लिक
100 वार्ड हैं आगरा में
94 वार्डों में सफाई की व्यवस्था स्वच्छता कॉर्पोरेशन संभालती है
06 वार्डों में जेएस एन्वायरों द्वारा यह व्यवस्था संभाली जाती है
1000 मीट्रिक टन कचरा निकलता रोजाना
40 टन कंपोस्ट तैयार किया जाता कुबेरपुर में
08 ट्रांसफर स्टेशन बनाए गए हैैं
4500 से अधिक सफाई कर्मचारी लगे हैैं वार्ड में
2950 सफाई कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग पर लगाया गया है
2.25 करोड़ रुपए हर महीने दिए जाते हैैं दोनों कंपनियों को सफाई व्यवस्था मेंटेन रखने के लिए