आगरा(ब्यूरो)। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री, पीडब्ल्यूडी जितिन प्रसाद शुक्रवार दोपहर करीब दो बजे सर्किट हाउस पहुंचे। सबसे पहले जनप्रतिनिधियों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के साथ बैठक की। शहर की सड़कों की स्थिति के बारे में जाना। सड़कें गड्ढामुक्त हुईं या नहीं, इस संबंध में जनप्रतिनिधियों से पूछा। इस पर जनप्रतिनिधियों का पीडब्ल्यूडी अधिकारियों पर गुस्सा फूट पड़ा। जनप्रतिनिधियों ने एक-एक कर बदहाल सड़कों की पोल खोलनी शुरू की। बैठक में जनप्रतिनिधियों ने करीब 50 सड़कों की बदहाली की हकीकत कैबिनेट मंत्री के सामने बयां कर दी। कुछ जनप्रतिनिधियों ने साफ कह दिया कि अधिकारी फील्ड में ही नहीं जाते। शिकायतों पर भी संज्ञान नहीं लेते। समस्याओं पर जब मंत्री ने अधिकारियों से सवाल-जवाब किए तो अधिकारी एक-दूसरे की शक्ल देखते हुए नजर आए। इस पर कैबिनेट मंत्री ने जमकर अधिकारियों को फटकार लगाई।
एक घंटे का समय, दो घंटे से अधिक समीक्षा
कैबिनेट मंत्री के आगमन का कार्यक्रम दो दिन पहले ही शासन से प्रशासन को प्राप्त हो चुका था। बावजूद इसके संबंधित विभाग के अधिकारी बिना होमवर्क के पहुंचे। जनप्रतिनिधियों की शिकायत पर जब मंत्री ने अधिकारियों से पूछा तो वह चुप्पी थाम गए। साथ ही सड़क निर्माण से संबंधित पूछे अन्य सवालों पर भी खामोश ही रहे। पूर्व तय कार्यक्रम के अनुसार मीटिंग का समय एक घंटा निर्धारित था, लेकिन दो घंटे से अधिक समय तक मंत्री ने एक-एक प्वाइंट पर अधिकारियों से हकीकत जानी। शाम करीब सवा चार बजे बैठक समाप्त हुई।
कब से यहां जमे हो
बैठक की शुरूआत में ही कैबिनेट मंत्री ने अधिकारियों से परिचय प्राप्त किया। इस दौरान उन्होंने विभागीय अधिकारियों से यह भी पूछा कि वह कब से यहां तैनात हैं। इसको लेकर अधिकारियों में चर्चा रही। बैठक में विभाग की नकारात्मक कार्यप्रणाली उजागर होने के बाद चर्चा रही कि अगले कुछ दिनों में विभाग में बड़ा उलटफेर हो सकता है। कुछ पर गाज भी गिर सकती है।
लापरवाहों पर होगी कार्रवाई
मीटिंग के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि भारी बारिश के कारण इस बार प्रदेशभर की सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश हैं कि क्षतिग्रस्त सड़कों की जल्द से जल्द मरम्मत कराई जाए। उन्होंने विभाग को युद्धस्तर पर जुट जाने के लिए कहा है। मैं खुद सभी जिलों में जा रहा हूं। एक-एक सड़क की बिन्दुवार समीक्षा कर रहा हूं। सड़क निर्माण के साथ गुणवत्ता का भी ध्यान रखा जा रहा है। अगर गुणवत्ता से किसी भी तरह का समझौता किया जाता है या फिर कोई लापरवाही करता है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
तो सड़क बनाने की आई याद
पीडब्ल्यूडी मंत्री आ रहे हैं तो विभाग को सड़क बनाने की याद आई। शुक्रवार को विभिन्न स्थलों पर सड़क निर्माण होते देखा गया। प्रतापनगर रोड, त्रिवेणी नगर, सिकंदरा इंडस्ट्रियल एरिया रोड पर सड़क का निर्माण किया जा रहा था। ये इत्तेफाक है या विभाग की सक्रियता, जिस दिन मंत्री का शहर में आगमन था, उसी दिन विभाग को सड़क निर्माण की याद आई।
30 नवंबर तक गड्ढे भरना मुश्किल
शहर में सड़कों की स्थिति बदहाल है। सड़कों को गड्ढामुक्त करने की अंतिम समय सीमा 15 नवंबर थी। लेकिन विभाग इस टाइमलाइन में शहर की सड़कों को गड्ढामुक्त नहीं कर सके। जिसे शासन से बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया गया। लेकिन, विभागों की सुस्ती के चलते नहीं लगता कि 30 नवंबर तक भी शहर की सड़कें गड्ढामुक्त हो सकेंगी। शहर में अब भी सड़कों पर गड््ढों की भरमार है। मारुति एस्टेट के पास पाइपलाइन डालने के लिए फिर से सड़क खोद दी गई है। क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि 15 दिन पहले ही ये सड़क बनाई गई थी। वहीं, शास्त्रीपुरम राधे कॉलोनी के पास क्षेत्र में सड़क की खोदाई की गई, लेकिन इसके बाद सड़क का निर्माण कराना विभाग भूल गया है। इससे कॉलोनी रास्ता गांव की पगडंडी की नजर आता है। बोदला रोड पर भी सड़क खोद कर ऐसे ही छोड़ दी है।
ये हैं प्रमुख बदहाल सड़कें
- शंकरगढ़ की पुलिया-अलबतिया रोड
- अवधपुरी-बिचपुरी रोड
- मारुति एस्टेट-अवधपुरी रोड
- रोहता-गढ़ी ठाकुरदास रोड
- ग्वालियर हाईवे से भाहई रोड
- रामनगर की पुलिया-साकेत कालोनी रोड
- लोहामंडी-बोदला रोड
- रूई की मंडी रेलवे फाटक-ईदगाह बस स्टैंड रोड
- विनय नगर-मारुति एस्टेट रोड
- किशोरपुरा रोड
- प्रतापनगर- गढ़ी भदौरिया रोड
- ईंट की मंडी रोड