आगरा(ब्यूरो)। जगदीशपुरा थाना क्षेत्र की साकेत कॉलोनी में रहने वाले रवि नारंग स्कूल संचालक हैं। पास में ही उनका होली लाइट पब्लिक स्कूल के नाम से स्कूल है। उन्होंने स्कूल के नाम से अपना कार नंबर यूपी-अस्सी ईयू-7878 का रजिस्ट्रेशन कराया था। उनकी सफेद रंग की कार है। एक अन्य दूसरी कार काले रंग की है, जिस पर सेम नंबर है।

ऐसे खुला फर्जी नंबर प्लेट का राज
न्यू आगरा थाना क्षेत्र के एक अपार्टमेंट में काफी समय से एक काले रंग की कार पार्किंग के बेसमेंट में खड़ी थी, उसी अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों ने पुलिस को इसकी सूचना दी, तब पुलिस ने उस खड़ी के मालिक का पता लगाकर कॉल किया तो वो कॉल रवि नारंग को लगा, उन्होंने बताया कि मेरी गाड़ी मेरे पास है और सफेद रंग की है।

असमंजस में पड़ी पुलिस
एक कार के रजिस्ट्रेशन पर दो कारें चल रही हैं, जबकि इसकी जानकारी पुलिस को हुई तो उन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी। कार के दोनों मालिकों से पूछताछ की गई, इसके बाद स्पष्ट हुआ कि वास्तव में ये रजिस्ट्रेशन होली लाइट स्कूल के नाम से है। इस पर पीडि़त रवि नारंग की ओर से थाना जगदीशपुरा में मामले की तहरीर दी गई है।

पुलिस ने हिरासत में लिया गाड़ी मालिक
मामले की जांच के बाद पीडि़त सामने आने के बाद पुलिस को ये स्पष्ट हो गया कि गाड़ी के असली मालिक स्कूल संचालक हैं। शिकायत मिलने पर पुलिस ने दूसरे कार के मालिक को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया। काले रंग की कार पर वहीं नंबर की नेम प्लेट थी, जिसको नारंग चला रहे थे। वहीं थाना प्रभारी जगदीशपुरा का कहना है कि शिकायत मिली है, मुकदमा दर्ज करने की तैयारी चल रही है।

मामला संज्ञान में आया है, इस संबंध में शिकायत मिली है, जांच के बाद मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसके साथ ही उस नंबर और गाड़ी मालिक की भी जांच कराई जाएगी कि आखिर किस उद्देश्य से फर्जी नंबर प्लेट लगाई गई है।
दीक्षा सिंह, एसीपी, लोहामंडी


डुप्लीकेट हाई सिक्योरिटी प्लेट का खेल
दरअसल नए नियम के बाद सभी पुरानी गाडिय़ों पर हाई सिक्योरिटी प्लेट लगवाना जरूरी है। अगर आपने नियम फॉलो नहीं किया तो आपका चालान कट जाएगा। बस इसी डर का फायदा नंबर प्लेट लगाने वाले लोग उठा रहे हैं। मार्केट में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के जैसी डुप्लीकेट नंबर प्लेट धड़ल्ले से लगाई जा रही हैं। वहीं कुछ वाहन चालक अपने नजदीकियों की कार का नंबर इस्तेमाल कर चालान से बचने के लिए उनकी गाड़ी की नंबर प्लेट का इस्तेमाल कर रहे हैं।

कहां चल रहा है नकली प्लेट का खेल ?
नंबर प्लेट लगाने वाली दुकानों में नकली हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगा रहे हंै। ऐसी दुकानों पर आरटीओ की ओर से भी कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा। नकली नंबर प्लेट को लेकर दुकानदारों का कहना है कि इस फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को पहचान पाना काफी मुश्किल है। इसे बिल्कुल हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की तरह ही बनाया जा रहा है। जबकि हाई सिक्योरिटी प्लेट लगवाने के लिए एजेंसी निर्धारित है। आप ऑनलाइन टाइम स्लॉट बुक कराने के बाद अपनी कार की नंबर प्लेट बदलवा सकते हैं।

कौन लगवा रहा है फर्जी हाई सिक्योरिटी प्लेट
लोगों में अभी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लेकर जागरुकता नहीं है। इसलिए लोगों को जहां से समझ आ रहा है नंबर प्लेट लगवा रहे हैं। वहीं कुछ लोग ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और सर्विस सेंटर पर जाने के झंझट से बचना चाहते हैं। कुछ लोग पैसों की वजह से भी डुप्लीकेट हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवा रहे हैं। इतना ही नहीं जिन लोगों की कार के रजिस्ट्रेशन रद्द हो चुके हैं वो लोग भी ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया से बचने के लिए फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवा रहे हैं।