शाम चार बजे शुरु हो सकी कार्रवाई
कलक्ट्रेट परिसर स्थित एसीपी कोर्ट सदर सर्किल में सबसे पहले ताजगंज के गांव नवादा निवासी प्रेम ङ्क्षसह पहुंचे। उनके पुत्र देवेंद्र का पड़ोस में रहने वाले रिश्तेदार से विवाद हो गया था। रिश्तेदार की शिकायत पर पहुंची पुलिस ने देवेंद्र को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें शांति भंग में पाबंद कर दिया। प्रेम ङ्क्षसह अपने पुत्र की जमानत के लिए दोपहर दो बजे कलक्ट्रेट पहुंचे। अधिवक्ता मेहताब ङ्क्षसह से संपर्क किया। अधिवक्ता ने जमानत प्रार्थना पत्र में आरोपी का पूरा विवरण भर दिया। प्रार्थना पत्र किस कोर्ट में प्रस्तुत किया जाना है, ये हिस्सा खाली छोड़ दिया। शाम चार बजे से सहायक पुलिस आयुक्त कोर्ट शुरू होने पर उन्होंने प्रार्थना पत्र में एसीपी कोर्ट वाली जानकारी अंकित की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने देवेंद्र ङ्क्षसह को जमानत पर रिहा कर दिया।
अगली बार से दो जमानती लेकर आएं
शांति भंग में पाबंद किए गए अधिकांश आरोपियों के अधिवक्ता एक-एक जमानती लेकर आए थे। एसीपी कोर्ट में जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने पर उनसे दो जमानती प्रस्तुत करने को कहा गया। कोर्ट का पहला दिन होने के चलते उन्हें राहत दी गई। फिर भी अगली बार से दो जमानती लेकर आने की कहा गया।
सात दिन बाद लगानी होगी हाजिरी
एसीपी कोर्ट में शांति भंग में पाबंद होने पर जमानत पाने वाले लोगों को सात दिन बाद हाजिरी देनी होगी। जबकि पहले उन्हें 14 दिन बाद हाजिरी लगानी होती थी। हालांकि, हाजिरी का समय मामले की गंभीरता पर भी निर्भर करेगा।
पुलिस उपायुक्त कोर्ट में नहीं आए मामले
कलक्ट्रेट परिसर में पुलिस उपायुक्त नगर और पश्चिम जोन की कोर्ट बनाई गई हैं। दोनों कोर्ट में बुधवार को मामले नहीं आए। दोनों कोर्ट में दोपहर एक बजे से सुनवाई का समय है। पुलिस उपायुक्त को कब्जे और संपत्ति कुर्क (दंड प्रक्रिया संहिता के अध्याय 10 की धारा 145 व 148) की सुनवाई का अधिकार दिया गया है।
बुधवार से कमिश्नरेट की सभी 14 कोर्ट शुरू हो गईं। जिनमें डीसीपी, एडीसीपी और एसीपी ने कार्रवाई करना शुरू कर दिया है। एसीपी कोर्ट शाम चार से पांच बजे काम करेंगी।
डा। प्रीङ्क्षतदर ङ्क्षसह पुलिस आयुक्त
-सभी एसीपी के कार्य क्षेत्र में दंड प्रक्रिया संहिता के अध्याय 8 की धारा 107 से 124 और 151 शांति भंग के मामले आएंगे।
-कोर्ट का नाम, पीठासीन अधिकारी, कार्य क्षेत्र, न्यायालय का स्थान, सुनवाई का दिन, समय, शक्तियां और लिंक अधिकारी
एसीपी हरीपर्वत
एसीपी हरीपर्वत-कोतवाली सर्किल ( कोतवाली, नाई की मंडी, एमएम गेट के मामले)। पुलिस लाइन प्रतिदिन शाम से चार बजे से,
एसीपी सदर
एसीपी सदर सर्किल लोहामंडी (लोहामंडी, शाहगंज, जगदीशपुरा एवं छत्ता सर्किल के छत्ता, मंटोला) पुलिस लाइन, प्रतिदिन चार बजे से, एसीपी ताज सुरक्षा।
एसीपी लोहामंडी
एसीपी लोहामंडी- सर्किल हरीपर्वत, (थाना हरीपर्वत, कमला नगर व सिकंदरा)कलक्ट्रेट प्रतिदिन शाम चार बजे से।
एसपीसी छत्ता
एसीपी छत्ता- सर्किल सदर व ताज सुरक्षा (थाना सदर, रकाबगंज, ताजगंज, सर्किल ताज सुरक्षा के महिला थाना, न्यू आगरा, ताज सुरक्षा एवं पर्यटन)-कलक्ट्रेट परिसर, प्रतिदिन शाम चार बजे से, एसीपी हरीपर्वत।
एसीपी ताज सुरक्षा
एसीपी ताज सुरक्षा- अछनेरा (थाना अछनेरा, मलपुरा, फतेहपुर सीकरी, किरावली) तहसील किरावली स्थित न्यायालय प्रतिदिन शाम चार बजे से, एसीपी सैंया
एसीपी फतेहाबाद
एसीपी फतेहाबाद, सर्किल फतेहाबाद मुख्यालय पर रहकर सर्किल पिनाहट (थाना पिनाहट, बसई अरेला, मंसूखपुरा व पिढौरा) न्यायालय तहसील फतेहाबाद, प्रतिदिन शाम चार बजे से।
एसीपी बासौनी
एसीपी बाह-बाह सर्किल बासौनी के (थाना बासौनी, खेरा राठौर, निबोहरा) प्रतिदिन शाम चार बजे से,
एसीपी पिनाहट
एसीपी बाह- एसीपी बासौनी-बाह सर्किल (थाना बाह, जैतपुर व चित्राहाट) न्यायालय तहसील बाह परिसर, प्रतिदिन दोपहर दो बजे से एसीपी फतेहाबाद।
एसीपी पिनाहट
एसीपी पिनाहट-सर्किल मुख्यालय पर ही फतेहाबाद सर्किल (थाना फतेहाबाद, डौकी और शमसाबाद प्रस्तावित थाना बमरौली कटारा) थाना पिनाहट के नवीन भवन प्रतिदिन शाम चार बजे।
एसीपी बाह
एसीपी एत्मादपुर-एसीपी कोतवाली-तहसील एत्मादपुर में जाकर सर्किल एत्मादपुर (थाना एत्मादपुर, बरहन व खंदौली) तहसील एत्मादपुर स्थित न्यायालय प्रतिदिन दोपहर दो बजे से एसीपी एत्मादपुर
एसीपी एत्मादपुर
एसीपी एत्मादपुर सर्किल में ही छत्ता सर्किल (थाना एत्माद्दौला, प्रस्तावित थाना ट्रांस यमुना) तहसील परिसर एत्मादपुर स्थित न्यायालय शाम चार बजे से एसीपी कोतवाली।
एसीपी खेरागढ़
खेरागढ़ सर्किल पर ही सर्किल सैंया( थाना सैंया, इरादत नगर, कागारौल)-तहसील खेरागढ़ स्थित न्यायालय, प्रतिदिन शाम शाम चार बजे से एसीपी अछनेरा
पुलिस उपायुक्त की यह होगी व्यवस्था
पुलिस उपायुक्तत नगर व पश्चिमी जोन कलक्ट्रेट परिसर स्थित न्यायालय में है। दोनों अधिकारी सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को दोपहर एक बजे से सुनवाई करेंगे। पुलिस उपायुक्त को कब्जे और संपत्ति कुर्क (दंड प्रक्रिया संहिता के अध्याय 10 की धारा 145 व 148) की सुनवाई का अधिकार दिया गया है।