आगरा(ब्यूरो)। नालंदा टाउन का सीवेज खुले में बहने की एनजीटी में शिकायत करने वाले देवांशु बोस ने शहर की ऐसी 62 कॉलोनियों की सूची एनजीटी को उपलब्ध कराई है, जिनमें सीवेज शोधन के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। इनमें 42 कॉलोनियां बरौली अहीर और 20 रजरई में हैं। एनजीटी ने एडीए और यूपीपीसीबी को इनकी जांच करने के निर्देश दिए हैं। देवांशु बोस ने एनजीटी में हलफनामा दाखिल कर बुनियादी सुविधाओं के बिना एडीए द्वारा कॉलोनियों को विकसित करने की अनुमति देने का मुद्दा उठाया है। एनजीटी को उन्होंने ऐसी कॉलोनियों की सूची 14 जनवरी को उपलब्ध कराई है। इन कॉलोनियों में सीवेज प्रबंधन सुविधा नहीं है। एनजीटी ने एडीए और यूपीपीसीबी को शिकायत की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। कार्रवाई की रिपोर्ट छह माह में अतिरिक्त मुख्य सचिव नगरीय विकास को एनजीटी में जमा करानी है।
एडीए पर लगा था दो करोड़ का जुर्माना
गत दिनों एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने नालंदा टाउन कॉलोनी में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट नहीं होने और खुले में सीवर बहने पर एडीए पर दो करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। बिल्डर ने सीवर ट्रीटमेंट का कोई इंतजाम नहीं किया था।
इस तरह रिपोर्ट होगी तैयार
सर्वे के दौरान एडीए के साथ उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की टीम भी रहेगी। टीम की ओर से कॉलोनी के इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ मकानों की संख्या?, यहां से निकलने वाले सीवेज की मात्रा?, सीवेज कहां गिरता है? आदि विषयों पर जानकारी जुटाई जाएगी। इसके बाद एनजीटी में रिपोर्ट दाखिल की जाएगी।
एनजीटी ने की थी सख्त टिप्पणी
एनजीटी ने माना कि 85 एमएलडी से अधिक सीवेज यमुना या नालों में बिना ट्रीटमेंट के सीधे जा रहा है। इस स्थिति में बिना बुनियादी ढांचे के कॉलोनियों की स्थापना की अनुमति देना सतत विकास के सिद्धांत के खिलाफ है। सीवेज शोधन की क्षमता बढ़ाने का प्रस्ताव देकर नदियों में बिना शोधन के छोड़े जा रहे सीवेज के दोष से मुक्ति नहीं पाई जा सकती है। एनजीटी ने एडीए को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सीवेज ट्रीटमेंट के आवश्यक बुनियादी ढांचे के बगैर कोई हाउङ्क्षसग कॉलोनी को एप्रूव न किया जाए। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए एडीए पर पर्यावरण को पहुंचे नुकसान की भरपाई के लिए दो करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया।
शमसाबाद रोड की 62 कॉलोनियों की जांच कराई जा रही है। कॉलोनी में सीवेज ट्रीटमेंट नहीं मिलने पर नोटिस जारी किया जाएगा।
गौड़, उपाध्यक्ष, आगरा विकास प्राधिकरण
क्षेत्र में सीवेज सड़कों पर बहता है या फिर नाले में गिरता है। किसी भी कॉलोनी में एसटीपी नहीं बनाई गई हैं।
रामकुमार शर्मा
कॉलोनियों का निर्माण करा दिया, लेकिन सीवेज मैनेजमेंट की ओर किसी का ध्यान नहीं है। एनजीटी की फटकार के बाद अब एडीए को याद आई है।
शशांक
यहां क्षेत्र में सीवेज मैनेजमेंट पूरी तरह से ध्वस्त है। सीवेज सड़कों पर बहता है या फिर नाले में गिरता है।
मनोज