आगरा: सोमवार को क्षेत्र में पहुंची एडीए सचिव गरिमा सिंह ने विकास से पहले विकास शुल्क जमा कराने की बात कही। क्षेत्रीय नागरिकों में इसका विरोध भी देखने को मिला। बता दें कि दौरेठा नंबर एक व दो में बनीं लगभग आधा दर्जन कालोनियों में सैकड़ों मकान हैं। यहां वर्षों से विकास कार्य नहीं हुआ है। एक दशक से अधिक समय से क्षेत्रीय निवासी एडीए व जनप्रतिनिधियों के चक्कर लगाकर थक चुके हैं। यह क्षेत्र नगर निगम की सीमा में नहीं आता है। यहां पंचशील कालोनी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर दीपक चाहर का मकान है और उनकी मां यहां रहती हैं। कुछ दिन पूर्व यहां के लोगों ने कालोनियों के नाम बदलकर नरकपुरी, कीचड़ नगर, बदबू विहार, घिनौना नगर, नाला सरोवर कालोनी और दुर्गंधशील कालोनी रख दिए थे।
पुलिस के साथ पहुंची एडीए टीम
सोमवार को पुलिस-प्रशासन व एडीए की टीम क्षेत्र में पहुंची तो क्षेत्रीय निवासियों को लगा कि उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा। टीम ने क्षेत्रीय लोगों को वहां लगाए बैनर हटाने को कहा। जब लोगों ने इनकार किया तो बैनर फाड़ दिए। एडीए सचिव गरिमा ङ्क्षसह ने पूर्व में रोड बनवाने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि लोग पहले विकास शुल्क जमा कराएं, उसके बाद विकास की बात करें। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। क्षेत्रीय निवासियों ने कहा कि अब अपना हक मांगना गुनाह हो गया है। हम विकास और रोड ही तो मांग रहे हैं। अफसरों के आने से लगा था कि हमारी समस्या दूर होगी, लेकिन लोगों को डराते हुए बैनर फाड़ दिए गए।
2009 में अधूरा छोड़ा था काम
बता दें कि दौरेठा में वर्ष 2009 में भीमनगरी सजी थी। तब यहां एडीए द्वारा सड़क बनवाई गई थी। समय पर काम पूरा नहीं हो पाने पर एडीए ने आयोजन के बाद काम कराने की बात कही थी। बाद में एडीए ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि क्षेत्र उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। तब से यहां के लोग परेशान हैं।
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लोगों को समझाने के बाद ही पोस्टर हटवाए गए हैं। यहां विभागों में सामंजस्य बनवाकर कई चरणों में काम कराया जाएगा। विकास शुल्क जमा कराए बगैर क्षेत्र में विकास कैसे हो सकता है?
-गरिमा ङ्क्षसह, सचिव एडीए
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14 साल से सड़क और मूलभूत सुविधाओं के पूरा न होने हम लोगों ने अपनी कॉलोनी का नाम बदल दिया था। सोमवार को अधिकारी कॉलोनी में पहुंचे। उन्होंने लोगों की समस्या समाधान कराने की बजाए कालोनी के बदल गए नाम के बोर्ड और पोस्टर फाड़ दिए। इससे क्षेत्रीय निवासियों में आक्रोश है।
-लक्ष्मीकांत पचौरी, क्षेत्रीय निवासी
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आगरा के दौरेठा नंबर 1 व 2 की करीब आधा दर्जन कालोनियां के लोग लंबे समय से परेशान हैं। इनकी परेशानी का कारण क्षेत्र में विकास नहीं होना है। इलाके में सालों से विकास कार्य नहीं हुए हैं। कालोनी में सैकड़ों मकान हैं। मगर, इसके बाद भी प्रशासन द्वारा इलाके की अनदेखी की जा रही है। अब हम अपना मकान बेचने के लिए मजबूर हैं।
-देशराज चाहर, क्षेत्रीय निवासी
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पूरा क्षेत्र उपेक्षित है। करीब 35 कॉलोनियों में रह रहे लाखों लोग नारकीय हालत में जीने को मजबूर हैं। घरों के सामने से नाला बह रहा है। गंदगी का अंबार रहता है। करीब 14 साल से हम लोग एडीए से लेकर जनप्रतिनिधियों के चक्कर काट कर थक गए हैं। आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।
-सुशील सिंह, क्षेत्रीय निवासी
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कालोनी की सड़क का प्रस्ताव 2008 में पास हुआ था। ढाई करोड़ रुपए भी स्वीकृत हो गए। मगर, सड़क का निर्माण आधा हुआ और ठेकेदार को भुगतान कर दिया। उसके बाद से सड़क नहीं बनी। पंचशील कॉलोनी मे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर दीपक चाहर का मकान है। हमारी समस्या का समाधान न होने पर
-आरपी सिंह, क्षेत्रीय निवासी
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सोमवार सुबह एडीए सचिव गारिमा सिंह पुलिस के साथ उनके इलाके में आईं। लोगों को लगा कि उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा। मगर, एडीए के अधिकारियों ने हमसे पोस्टर हटाने को कहा। हमने मना किया जो टीम के साथ चल रहे लोगों ने पोस्टर फाड़ दिए हैं।
-प्रशांत सिंह, क्षेत्रीय निवासी
ये रखे थे कालोनियों के नाम
नरक पुरी
नाला सरोवर कालोनी
कीचड़ नगर
दुर्गंधशील कालोनी
बदबू विहार
घिनौना नगर