आगरा (ब्यूरो)। बीते कुछ साल के इतिहास को देखें तो इन दिनों में मच्छर लोगों को बहुत बीमार कर देते हैैं। विश्व मच्छर दिवस पर जानें कौन-से मच्छर किसी तरह प्रभावित करते हैैं और इनसे कैसे बचाव करें।
हर साल अटैक करती हैैं मच्छर जनित बीमारी
साल 2021 में मच्छरों का खूब आतंक रहा था। इस दौरान रहस्यमयी बुखार से काफी बच्चों को जूझना पड़ा था। ज्यादातर घरों के बच्चे हॉस्पिटल में एडमिट थे। बड़ों को भी वायरल और बुखार से जूझना पड़ा था। इसके अलावा बीते साल 2022 में भी डेंगू-मलेरिया का प्रकोप रहा था। लोगों को प्लेटलेट्स और जंबो पैक लगवाने पड़े थे। इस बार भी मच्छर जनित बीमारियां जोर पकडऩे लगी हैैं। ऐसे में अभी से अपना बचाव करें। ताकि मच्छरों से होने वाली बीमारियां आपको न लगें। इसके लिए मच्छरों से बचाव करें और अपने आसपास मच्छरों को न पनपने दें।
बुखार आने पर न लें अपनी मर्जी से दवा
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ। अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि यदि आपको बुखार आता है तो अपनी मर्जी से कोई भी दवा न लें। नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं और वहां जाकर डॉक्टर से दवाएं लें और अपनी जांच कराएं। जिला मलेरिया अधिकारी नीरज कुमार ने बताया कि मच्छरों से बचाव के लिए अपने आसपास जलभराव न होने दें। इससे मच्छर पैदा होते हैैं। इसके साथ ही अपने घरों और आसपास साफ-सफाई रखें।
इसलिये मनाते हैं मच्छर दिवस
विश्व मच्छर दिवस हर साल 20 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिवस ब्रिटिश चिकित्सक, सर रोनाल्ड रॉस की स्मृति में मनाया जाता है, जिन्होंने वर्ष 1897 में यह खोज की थी, कि 'मनुष्य में मलेरिया के संचरण के लिए मादा मच्छर उत्तरदायी है। लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन और ट्रॉपिकल मेडिसिन ने विश्व मच्छर दिवस मनाने की शुरूआत वर्ष 1930 में की थी।
मादा एनोफेलीज से होता है मलेरिया
मादा एनोफेलीज कूलिसिफॉसीस मलेरिया का प्रमुख रोग वाहक है, जो कि आमतौर पर मनुष्यों के साथ-साथ मवेशियों को भी काटता है। एनोफेलीज (मलेरिया की रोगवाहक) बारिश का पानी और इक_ा हुए जल, गड्ढे, कम जल युक्त नदी, सिंचाई माध्यम (चैनल), रिसाव, धान के खेत, कुएं, तालाब के किनारे, रेतीले किनारे के साथ धीमी धाराओं में प्रजनन करती है। एनोफेलीज मच्छर सबसे ज्यादा शाम और सुबह के बीच काटता है।
मादा एडीज से होता है डेंगू
मादा एडीज एजिप्ट के काटने से मनुष्य को डेंगू, चिकनगुनिया, जीका और पीला बुखार होने का खतरा रहता है। मादा एडीज सबसे अधिक दिन के समय काटती है तथा काटने का पीक टाइम शाम से पहले, शाम या सुबह के दौरान होता है। एडीज एजिप्ट मच्छर किसी भी प्रकार के मानव निर्मित कंटेनरों या पानी की थोड़ी सी मात्रा से युक्त भंडारण करने वाले कंटेनरों में प्रजनन करती है। एडीज एजिप्ट के अंडे एक वर्ष से अधिक समय तक बिना पानी के जीवित रह सकते हैं। कई बार कूलर की घास में यह चिपके हुए रह जाते हैैं और अगले साल फिर से एक्टिव हो जाते हैैं। इसलिए हर साल घास को बदलना चाहिए।
पुरुष मच्छर नहीं काटते
पुरुष मच्छर मनुष्य को नहीं काटते हैैं। केवल मादा मच्छर ही काटती हैैं। मादा मच्छरों के लिए केवल रक्त आहार होता है। इसलिए वह मनुष्यों और जानवरों को काटती हैैं। इससे संक्रमण फैलता है। जबकि पुरुष मच्छर काटते नहीं है, लेकिन वे फूलों के मकरंद या अन्य उपयुक्त शर्करा स्रोत को खाते हैं।
ऐसे करें बचाव
- अपने आस-पास मच्छरों को न पनपने दें
- दरवाजों व खिड़कियों पर जाली लगवाएं
- मच्छरदानी का नियमित प्रयोग करें
- अनुपयोगी वस्तुओं में पानी इक_ा न होने दें
- पानी की टंकी पूरी तरह से ढक कर रख दें
- हल्के रंग के और फुल स्लीव के कपड़े पहनें
-घर और कार्य स्थल के आसपास पानी जमा न होने दें
- कूलर, गमले आदि को सप्ताह में एक बार खाली कर सुखाएं
- गड्ढों में जहां पानी इक_ा हो, उसे मिट्टी से भर दें
- खाने से पहले साबुन से हाथ धोएं
बुखार होने पर क्या करें
- बुखार होने पर अपनी मर्जी से दवा न लें
- डॉक्टर को दिखाकर ही दवा लें
- सामान्य पानी की पट्टïी सिर, हाथ-पांव और पेट पर रखें
- बुखार के समय पानी एवं अन्य तरल पदार्थों जैसे नारियल पानी, शिकंजी, ताजे फलों का रस इत्यादि का अधिक सेवन करें
मलेरिया के लक्षण
-बुखार आना
- सिर दर्द होना
- उल्टी होना
- घबराहट होना
- ठंड लगना
- चक्कर आना
- थकान होना
- पेट दर्द होना
डेंगू के लक्षण
- हाईग्रेड फीवर
- सिर में दर्द
- आंखों में तकलीफ
- शरीर की हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द होना
- उल्टी होना
- शरीर पर रैशेज होना
- नाक, मसूड़ों से ब्लीडिंग होना
मच्छरों से बचाव करें। यदि बुखार आए तो अपनी मर्जी से दवा न लें। नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर डॉक्टर को दिखाएं। तभी दवा का सेवन करें।
- डॉ। अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ
मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिये अपने घरों के अंदर व आसपास साफ सफाई रखें, पानी का जमाव न होने दें और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
-नीरज कुमार, जिला मलेरिया अधिकारी
बीते सालों में मच्छर जनित रोग
वर्ष डेंगू मलेरिया
2020 25 25
2021 1161 31
2022 33 11
2023 15 13