आगरा(ब्यूरो)। एसीपी सदर सर्किल अर्चना ङ्क्षसह ने बताया कि सूचना पर पुलिस ने शनिवार को उक्त मकान पर छापा मारकर किशोरी को बरामद कर लिया है। घर में उपस्थित महिला ने किशोरी को पहले अपनी बेटी बताया। पिता के बारे में पूछा तो कहा कि उनका निधन हो गया है। सख्ती से पूछताछ करने का बाद महिला खुद को किशोरी की मौसी बता रही थी, हालांकि पुलिस को ये संदिग्ध लग रहा है।

स्कूल रिकॉर्ड में नाबालिग निकली किशोरी
पुलिस की दबिश के बाद हिरासत में आई महिला खुद को किशोरी की रिश्तेदार बता रही थी, इधर, किशोरी का दावा था कि वह बालिग है। उस पर किसी का दबाव नहीं है। उसने अपना आधार कार्ड दिखाया, जिसके अनुसार वह बालिग थी। जबकि देखने में वह नाबालिग लग रही थी। इसके बाद पुलिस ने उसकी शिक्षा के बारे में पूछा। किशोरी ने बताया कि वह एक पब्लिक स्कूल में पांचवीं तक पढ़ी है। पुलिस ने स्कूल प्रबंधन से संपर्क किया। स्कूल ने रात में ही अपना रिकॉर्ड चेक कराया। पता चला कि उसकी आयु करीब 17 वर्ष है। इससे पता चला कि किशोरी को देहव्यापार कराने के लिए फेक डाक्यूमेंट के जरिए बालिग साबित किया जा रहा था।

किशोरी को भेजा शेल्टर होम
पुलिस ने पूछताछ के बाद महिला को गिरफ्तार कर लिया। जबकि किशोरी को शेल्टर होम भेजा गया है। पुलिस इसकी जांच कर रही है कि आखिर किशोरी और महिला के बीच क्या संबंध है, वहीं किस उद्देश्य से उसे रखा गया था, पुलिस को मौके से आपत्तिजनक सामान बरामद हुआ है। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि महिला किशोरी से देहव्यापार कराती थी, हलांकि कि शोरी ने अपनी मर्जी से ये स्वीकार किया है।

डीएनए परीक्षण कराया जाएगा
पुलिस को शक है कि किशोरी उक्त परिवार का हिस्सा नहीं है। उसका रंग रूप और हुलिया परिवार से मेल नहीं खाता। पुलिस इसकी पुष्टि के लिए किशोरी का डीएनए परीक्षण कराएगी। जिससे यह स्पष्ट हो सके कि वह उक्त परिवार का हिस्सा है या नहीं।


ताजगंज थाना क्षेत्र के बसई में छापामार कार्रवाई कर एक किशोरी और उसकी रिश्तेदार को हिरासत में लिया था, किशोरी को शेल्टर होम भेजा गया है। पूरे मामले की जांच की जा रही है।
अर्चना सिंह, एसीपी