आगरा. जनपद में एक बार फिर से घर-घर जाकर टीबी के मरीजों की पहचान की जाएगी। जिला क्षय रोग विभाग द्वारा नौ मार्च से सक्रिय टीबी रोग खोजी अभियान (एसीएफ) चलाया जाएगा। इसके जनपद में 416 टीमों का गठन किया गया है।
चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ। अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद में शासन के निर्देशानुसार भारत को वर्ष 2025 तक टीबी से मुक्त करने के लिये जिला क्षय रोग विभाग एक बार फिर सक्रिय टीबी रोग खोजी अभियान शुरू करने जा रहा है। इसके अंतर्गत चिकित्सा अधिकारी, सुपरवाईजर ,आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं स्वयंसेवी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सक्रिय क्षय रोग खोजी अभियान को सफल बनने हेतु प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह अभियान 9 मार्च से 22 मार्च तक चलेगा। घर-घर जाकर टीमें संदिग्ध लोगों की जांच करेंगी। मौके पर ही टीमों के द्वारा सैंपल कलेक्शन कराया जाएगा। इसके बाद लैब में जांच होगी। ताकि पता चल सके कि ये टीबी रोगी है या नहीं।
दी जा चुकी है ट्रेनिंग
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ। संत कुमार ने बताया कि सक्रिय क्षय रोग खोजी (एक्टिव केस फाइंडिंग) अभियान में टीम द्वारा घर-घर जाकर घर के हर सदस्य से हाल चाल पूछना तथा प्रत्येक व्यक्ति के लक्षणों की जांच करना तथा संभावित क्षय रोगियों को बलगम कि दो डिब्बी देना, बलगम को डिब्बी में कैसे लेना है। इसकी जानकारी को पूर्ण रूप से समस्त टीम के सदस्यों को समझाया तथा बलगम की डिब्बी को सुपरवाइजर के पास जमा करने की पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी जा चुकी है।
बीस प्रतिशत आबादी
डीटीओ ने बताया कि इस अभियान में जनपद की कुल आबादी की बीस प्रतिशत जनसंख्या को कवर किया जाएगा। इसको कवर करने के लिए 416 टीमों का गठन किया गया है। प्रत्येक टीम में 3 सदस्य होंगे। टीमों को सहयोग एवं मार्ग दर्शन के लिए 84 सुपरवाइजरों का चयन किया गया है तथा चिकित्सकीय सहयोग और मॉनिटरिंग के लिए प्रत्येक टीबी यूनिट के अनुसार एक चिकित्सक की निगरानी रहेगी। इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का भी सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि क्षय रोगी को पोषण के लिए पांच सौ रुपए हर महीने दिया जाता है। क्षय रोगी इलाज सरकारी या निजी किसी भी अस्पताल से ले रहा हो। यह सभी क्षय रोगियों को दिया जाता है।
टीबी के खात्मे में टीम का करें सहयोग
जिला पीपीएम समन्वयक कमल सिंह ने बताया कि टीबी मुक्त एसीएफ अभियान के जनपद के सभी ब्लॉकों और स्लम एरिया में चलाया जाएगा। कमल सिंह ने आम जनमानस से अपील है कि आपके घर एक्टिव केस फाइंडिंग टीम आएगी तो आप उनका सहयोग करते हुए सही जानकारी प्राप्त कराएं इससे कि संबंधित रोगी की जल्द से जल्द टीबी की जांच कराने के पश्चात उपचार शुरू कर दिया जाए। टीम को क्षय रोग के लक्षण और उपचार की जानकारी दी। क्षय रोग आम तौर पर फेफड़ों पर हमला करता है, लेकिन यह शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता हैं। यह रोग हवा के माध्यम से फैलता है। यदि लगातार तीन हफ्तों से खासी, खांसी के साथ खून का आना, छाती में दर्द और सास का फूलना, वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस करना, शाम को बुखार आना और ठंड लगना, रात में पसीना आना यह सभी टीबी के लक्षण हैं।
इन लक्षण वाले लोगों पर रहेगा फोकस
- इनको लगातार दो सप्ताह से अधिक खांसी का होना। दो सप्ताह से अधिक बुखार का होना।
- वजन कम होना। भूख कम लगना
- पिछले 6 माह के दौरान किसी भी समय बलगम में खून आना
- पिछले एक माह के दौरान सीने में दर्द का होना आदि।
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10.4 लाख लोगों पर चलाया जाएगा अभियान
416 टीम बनाई गई हैैं एसीएफ अभियान के लिए
03 सदस्य होंगे एक टीम में
84 सुपरवाइजर बनाए गए हैैं अभियान के लिए
टीबी मुक्त भारत के लिए जनपद में 9 मार्च से एसीएफ अभियान चलाया जाएगा। इसमें घर- घर जाकर टीबी मरीजों की खोज की जाएगी।
- डॉ। संत कुमार, डीटीओ