आगरा(ब्यूरो)। सिटी स्टेशन रोड पर टीला माईथान में गुरुवार सुबह बेसमेंट की खोदाई से 6 मकान भरभराकर गिर गए। मलबे में दबने से एक बच्ची की मौत हो गई। मामला शासन तक पहुंच गया। 26 जनवरी को छुट्टी वाले दिन जिम्मेदार विभाग के अधिकारी हरकत में आ गए। अपनी गर्दन बचाने के लिए फर्जीवाड़ा करने में जुट गए। माईथान, फुलट्टी बाजार के पास निवासी राजू मेहरा व सुषमा मेहरा ने बताया कि उन्हें टीला माईथान में हादसे की जानकारी मिली तो वह मदद के लिए पहुंच गए। वह लोगों की मदद करने में जुटे थे। शाम 4:27 बजे मोबाइल की रिंग बजी। अंजान नंबर से कॉल था। उन्होंने कॉल रिसीव किया तो कॉल करने वाले ने खुद का नाम मनोज बताते एडीए का सुपरवाइजर बताया। कहा कि वह उनके घर पर है और मिलना चाहता है।
हादसास्थल पर कर रहे थे मदद
राजू बताते हैं कि वह सिटी स्टेशन रोड हादसा स्थल के पास ही थे, तो उन्होंने एडीए कर्मचारी को वहीं बुला लिया। एडीए कर्मचारी ने उन्हें पहुंचते ही नोटिस थमा दिया। उन्होंने कर्मचारी को बताया कि इस नोटिस पर जो नाम है, वह शख्स मैं नहीं हूं। एड्रेस भी गलत है। इस पर एडीए कर्मचारी ने फोन अधिकारी से बात करने को कहा। राजू मेहरा ने फोन पर बात की तो एडीए अधिकारी ने खुद को जूनियर इंजीनियर बताया। राजू ने बताया कि ये दूसरे राजू मेहरा हैं। कहा कि आप बस नोटिस रिसीव कर लो, कुछ नहीं होगा। एडीए कर्मचारी ने एक न सुनी और जबरन नोटिस थमा कर चल दिए।
अफसरों ने नोटिस देखा और चल दिए
राजू ने बताया कि उन्होंने नोटिस देने के संबंध में जानकारी हादसास्थल पर मौजूद एडीएम सिटी को दी। उन्होंने मेरी शिकायत को नोट किया। साथ ही मौके पर मौजूद एडीए अधिकारी को पूरे मामले से अवगत कराने के लिए कहा। मैंने एडीए अधिकारी को पूरी जानकारी दी। उन्होंने नोटिस को देखा। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने मुझसे कहा कि 'नोटिस रखोÓ और अधिकारी मौके से चले गए।
नोटिस में क्या लिखा
फॉर्म डी (विकास कार्य रोकने को नोटिस)
नाम: नोटिस राजू मेहरा व गौतम मेहरा
पता: 18/214 छिली ईंट रोड, सिटी स्टेशन रोड
डेट:: 23 जनवरी
इस नोटिस में लिखा है कि स्थल पर एक हजार वर्ग गज की पूर्व निर्मित धर्मशाला को गिराकर बेसमेंट खोदार्ई का काम किया जा रहा है। इसकी स्वीकृति का कोई नोटिस नहीं दिखाया गया। नोटिस में तुरंत काम बंद कराने को कहा गया। पालन न करने पर 1250 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाने की बात कही गई.
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फॉर्म ख (कारण बताओ नोटिस)
नाम: नोटिस राजू मेहरा व गौतम मेहरा
पता: 18/214 छिली ईंट रोड, सिटी स्टेशन रोड
डेट:: 23 जनवरी
इस नोटिस में बेसमेंट खोदाई की स्वीकृति न दिखाने पर कार्यालय में 3 फरवरी को तलब किया गया है.
टेंशन की वजह बना नोटिस
राजू मेहरा की धर्मपत्नी सुषमा मेहरा ने बताया कि नोटिस हमारे परिवार के लिए टेंशन का सबब बन गया। इस तरह बेवजह परेशान करने वाले सरकारी कर्मचारियों पर एक्शन होना चाहिए, जिससे किसी और को इस तरह परेशान न किया जाए।
इन सवालों के जवाब तलाशना जरूरी
छुट्टी वाले दिन नोटिस क्यों दिया? गुरुवार को रिपब्लिक-डे था। सरकारी कार्यालय में अवकाश रहता है। सिर्फ फ्लैग सेरेमनी के लिए कर्मचारी जुटते हैं। उसके बाद घर चले जाते हैं लेकिन हादसे की जानकारी होते ही एडीए कर्मचारी को नोटिस देने की याद आई और वह नोटिस देने पहुंच गया।
क्या नोटिस देकर खुद को बचाने की कोशिश? शहर के बीचोंबीच पुराने शहर में निर्माण कार्य हो रहा था। निर्माण के दौरान ही अन्य मकान धराशायी होकर गिर पड़े। जवाबदेही से बचने के लिए एडीए अधिकारियों ने नोटिस का सहारा लिया। आनन-फानन में नोटिस इश्यू करा दिए।
क्या सिर्फ खानापूर्ति है एडीए की नोटिस प्रक्रिया? जिस तरह से हादसे के बाद जानकारी होने के बाद भी गलत जगह नोटिस थमा दिया, उससे सवाल खड़ा होता है कि एडीए में सिर्फ नोटिस जारी कर खानापूर्ति की जाती है।