आगरा। क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि पुराने शहर की तंग गलियों में व्यापारी आज भी खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं। दिन मेें इन गलियों में भीड़ इस कदर रहती है कि निकलना बहुत मुश्किल होता है। ऐसे मेें वारदात के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है। इसी के चलते अब परिवार बड़े हो गए लेकिन आज भी सुरक्षा की भावना के चलते लोग यहां पर ही रहते हैं।

व्यस्ततम क्षेत्र से बच निकलना मुश्किल
स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां अधिकतर व्यापारियों के परिवार रहते हैं। बाहर से सभी मकान पर लोहे के गेट लगे हैं। इससे कोई भी बाहरी व्यक्ति घर में प्रवेश करने की सोच ही नहीं सकता।

सुरक्षा को लेकर बेफिक्र पुलिस

स्थानीय व्यापारी उमेश शर्मा ने बताया कि पुलिस भी इन तंग गलियों में गश्त तक नहीं करती है। गली के एक ओर से दूसरे छोर तक जाने के लिए बाइक सवारों को काफी मश्क्कत करनी पड़ती है। सभी मार्केट में चौकीदार हैं, दिन में भीड़ रहती, जबकि रात में मार्केट के चौकीदार रहते हैं। ऐसे में पुलिस भी इन इलाकों की सुरक्षा को लेकर बेफिक्र रहती है।


पिछले 70 साल से अधिक समय इन गालियों में हो चुका है, लेकिन आज तक यहां कोई ऐसी वारदात नहीं सुनी। तंग गलियों में सुरक्षा को बेहतर इंतजाम हैं।
अशोक शर्मा, स्थाई निवासी



यहां रहने सभी लोगों के अधिकतर मकान बंद हैं। पुराने हवेली की तरह बने हैं, यहां बाहरी व्यक्ति आसानी से प्रवेश नहीं कर सकता है। दूसरी ओर उनकी निजी सुरक्षा भी है।
राम अंकित, तिवारी गली


हमारा परिवार पिछले कई दशकों से यहां रह रहा है। कभी डर जैसा माहौल नहीं रहा, शहर में कॉलोनियों में आए दिन घटनाएं होती हैं। यह पहली वारदात है।
ऊषा, शर्मा, स्थानीय निवासी