आगरा(ब्यूरो)। कुछ ऐसे ही विचार मंगलवार को सर्वधर्म प्रार्थना सभा एवं सेवानिवृत्त शिक्षकों के सम्मान समारोह में अतिथियों ने व्यक्त किए। कार्यक्रम का आयोजन सेंट पीटर्स कॉलेज के कल्चरल हॉल में किया गया।

विश्व शांति के लिए की प्रार्थना
कार्यक्रम का शुभारंभ रीजनल को-ऑर्डिनेटर फादर मून लॉजरस के संबोधन से हुआ। इसके बाद सद्भावना के चेयरमैन आर्चबिशप राफी मंजलि, चीफ गेस्ट प्रो। आरपी सिंह, विशिष्ट अतिथि डॉ। अलका सेन, मुख्य वक्ता डॉ। अब्दुल मजीद की ओर से दीप प्रज्ज्वलित किया गया। भारत रत्न डॉ। सर्वपल्ली राधा कृष्णन एवं मदर टेरेसा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। सद्भावना के निदेशक फादर वर्गीज कुन्नत के निर्देशन में एक सर्वधर्म प्रार्थना द्वारा देश में और विश्व में शांति के लिए प्रार्थना की गई।

मदर टेरेसा ने दिया सेवा का संदेश
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ। अब्दुल मजीद ने शिक्षा क्षेत्र में सर्वपल्ली डॉ। राधाकृष्णन के योगदान पर प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि डॉ। अल्का सेन ने कोलकाता की संत टेरेसा और उनके जीवन दर्शन पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि मदर टेरेसा का शुरुआती जीवन काफी कठिन रहा। बाद में उन्होंने समाज को सेवा का संदेश दिया। अपने विचारों से दूसरों को प्रभावित किया। इसके चलते आज भी जब हम आंख बंदकर मां के बारे में सोचते हैं तो मां के रूप में मदर टेरेसा की छवि भी हमें समानांतर दिखती है।

शिक्षकों की रही अहम भूमिका
मुख्य अतिथि बीकानेर स्थित एसकेआरएयू के पूर्व वीसी प्रो। आरपी सिंह ने कहा कि देश के विकास में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भ्ूामिका रही है और यह आगे भी रहेगा। इसलिए गुरुजनों का सम्मान करना जरूरी है। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ। राफी मंजलि ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब इंसान शिक्षित होते हैं तब समाज में संस्कार एवं सभ्यता कायम रहती है। शिक्षा को सैद्धांतिक करने के साथ प्रयोगात्मक बनाना भी अब अति जरूरी है। सभा का संचालन डॉ। एसएस चौहान ने किया। इस अवसर पर डॉ। मधुरिमा शर्मा, सभा की अध्यक्ष वत्सला प्रभाकर, अनिल बंसल, डॉ। राजू थॉमस, लॉरेंस मसीह, पैंसी थॉमस, डेनिस सिल्वेरा आदि मौजूद रहे।